My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

 
 
Thread Tools Display Modes
Prev Previous Post   Next Post Next
Old 25-06-2012, 08:47 AM   #11
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

निपुण बनें और आगे बढ़ें

आपको हमेशा अपने गुणो और शक्ति की पहचान रहनी चाहिए। इसके बाद आपको यह फैसला करना चाहिए कि आपका विशेषज्ञ ज्ञान कहां उपयोगी हो सकता है। हो सकता है, आप कंप्यूटर्स या अन्य प्रौद्योगिकी में बहुत निपुण हों या आप बहुत रचनात्मक हों और बहुत सी ऐसी उपयोगी चीजें जानते हों, जिन्हें दूसरे नहीं जानते। उदाहरण के लिए एक कंपनी में एक कर्मचारी प्रिंट बिजनेस को अंदर से बाहर तक पूरी तरह जानता है। प्रिंटिंग के काम की जरूरत पड़ने पर बॉस हमेशा उसी के पास जाते थे। इससे उसकी एक खास जगह बन गई और उसे इसका फायदा भी मिला अर्थात ढेरों ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें आप निपुण हो सकते हैं और उस क्षेत्र में आगे जा सकते हैं। यह फाइनेंस का क्षेत्र भी हो सकता है। आप चाहे जिस क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने का फैसला करें; बस, यह सुनिश्चित कर लें कि वह क्षेत्र प्रासंगिक हो, स्थानीय हो और इतना रोचक हो कि उसमें काम करते वक्त आप उसमें रम जाएं। इस तरह आपकी सेवाओं की जरूरत पड़ने पर दूसरे लोग आपके पास आएंगे। अगर आप कोई ऐसी चीज जानते हैं, जिसे वे नहीं जानते, तो तय मानिए आप सिर्फ एक कर्मचारी नहीं रह जाएंगे। आप परामर्शदाता बन जाएंगे। इसे एक और उदाहरण से समझा जा सकता है। एक बार एक आदमी ने अपने शहर के रात्रिकालीन जीवन को जानने का बीड़ा उठाया। उसने रात में चलने वाले रेस्तरां, नाइट-क्लब, थिएटर और इसी तरह की सभी चीजों की जानकारी जुटाई। उससे जुड़े लोगों को यह पहले तो थोड़ा अप्रासंगिक लगा, लेकिन जब उसकी कंपनी के बाहर के ग्राहक आकर रात में रुकने लगे, तो उसने अपनी विशेषज्ञता के चलते उन पर अपना सिक्का जमा लिया। उन्हें शाम को घुमाने ले जाने लगा, खाते-पीते वक्त उनके साथ रहने लगा और एक बार जब वह इस स्तर पर बॉस लोगों के साथ उठने-बैठने लगा, तो उसे भी उनकी जमात में शामिल होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उसे पदोन्नति ही नहीं मिली, बल्कि कम्पनी में उसकी एक ख़ास जगह बन गई।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
 

Bookmarks

Tags
dark saint ki pathshala, hindi stories, inspirational stories, short hindi stories


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 08:21 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.