My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 05-09-2014, 11:18 PM   #81
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

जैसे ही क्लिनिक पर पहूंचा कि रीना के पिताजी पर नजर पड़ी, वह रो रहे थे। रीना की मां को देखने के लिए दोनों अन्दर गए। वैसे तो मुझे हिम्मत नहीं होती पर मास्टर साहव साथ थे। वे बेहोशी की हालत में थी और कभी कभी उनकी आंख खुल जाती थी। जैसे ही मैं उनके पास जा कर खड़ा हुआ उनकी आंखों में आंसू छलक गए। मैने उनको आश्वासन देने के लिए उनके हाथ का स्पर्श किया कि तभी उन्होने मेरे हाथ का कस कर पकड़ लिया। मैं बिचलित हो गया। एक मां आज अपनी बेचैनी को जाहिर कर रही थी, शायद यह अपनी बेटी के लिए थी।

रीना घर में सबसे छोटी रहने के कारण नकचढ़ी और बदमाश थी पर घर के सभी लोग उसको खूब चाहते थे पर जब से अपना प्र्रसंग आया है उसके घर में उसके मां को छोड़ सबका स्वभाव उसके प्रति बदल गया है जिस बात का जिक्र रीना ने कई बार किया था। एक बार रीना ने यह भी बताया कि मां से अपनी शादी की बात की थी और उसने बाबूजी को भी बताया था पर बाबूजी बहुत गरम होकर बोले कि:-

‘‘मेरी लाश पर ही यह शादी होगी। ओकर रोजिए की है जे हम अपन बेटी के ओकर संग बियाहबै।’’

शाम में जब कोचिंग से लौट कर मैं अपने डेरा में बैठा तभी उधर से मास्टर साहब आए । वह बहुत उदास थे।

‘‘की होलई मास्टर साहब’’

‘‘की होतई हो, अर्जून दा के कन्याय गुजर गेलखिन। बेचारी लक्ष्मी हलखिन’’
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 11:20 PM   #82
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

रीना के मां के मरने की बात ने मुझे हिला दिया। हम दोनों को महज उनके उपर ही भरोसा था और ईश्वर ने उन्हें भी तोड़ दिया। इस घटना को तीन चार दिन हुए होगें, मैं घर लौटा। इस उम्मीद से कि रीना का दर्शन कर पाउंगा और हुआ भी। शाम का वक्त था और वह छत पर उदास बैठी थी। देर शाम मैं उसके घर के आस पास से किसी न किसी बहाने गुजरने लगा पर वह नीचे नहीं आई पर रास्ते से गुजरते हुए एक डिबीया आ कर गिरी जिसे मैंने उठा लिया उसमें प्रेम पत्र था। रीना के मन की बेचैनी और मां के गुजरने का दर्द उकेर दिया था। उसी पत्र में उसने अपनी शादी की बात चलने की बात कही और यह भी की मां के गुजर जाने के बाद अब हम दोनांे के मिलन के रास्ते कितने मुश्किल हो गए।

अहले सुबह लगभग चार बजे चांदनी रात में जब मेरी नींद खुली
, रीना अपने छत पर टहल रही थी और मैं उठ कर बैठा तो वह छत से नीचे आई और शौच के लिए घर से बाहर निकलने लगी। यह मुलाकात का अंतिम हथियार था। मैं भी झट से अपने छत से नीचे उतारा और रास्ते पर आकर खड़ा हो गया। वह आई रही थी। वह पीछे पीछे, मैं आगे आगे। फासले से बात भी हो रही थी। ‘‘

बहुत दुख होलउ
, पर मांजी के देखेले हमहूं गेलिओ हल।’’

‘‘हां, घर में चर्चा होबे करो हलई कि बबलुओ अइलई हल देखे ले।’’

‘‘तब की करमीं, पर जाना तो एक दिन सब के हई।’’

‘‘ हां ई सब तो ठीके हई पर अब हमर बात सुने बाला कोई नै हई, ऐगो मईये हलै जे मन के बात बिना कहले समझ जा हल।’’

‘‘तब की करमहीं, भगवान से बढ़ के कुछ हई।’’

‘‘तब नानी घर कहे ले भेज देल गेलई।’’
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 11:21 PM   #83
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

तब रीना ने बताया कि अपने प्रेम के बारे में जानकर सब घर बालों ने मिल कर मेरी शादी करने की योजना बनाई थी और मैं अकेले सब से लड़ी थी। उसने बताया कि शादी के नियत से ही उसे ननिहाल भेजा गया पर उसकी मर्जी के खिलाफ यह शादी नहीं हो सकती। मां के श्रद्ध कर्म के बाद उसे फिर से नानीहाल भेज दिया जाएगा और जो भी करना हो पर जल्दी ही कुछ करना होगा।

जिंदगी जब दोराहे पर खड़ी होती है और वह भी अल्हड़पन में तो राह चुनना आसान नहीं होता! ऐसा ही कुछ मेरे साथ हो रहा है। मेरा सपना कुछ करने का था पर प्रेमपाश से आजाद हुए बिना यह संभव नहीं था और प्रेमपाश से आजाद होना तो जैसे असंभव ही था।

निष्छल, नैतिक और निष्पाप प्रेम अपनी मंजिल तक पहूंच ही जाती है और यही मेरा भरोसा भी है पता नहीं क्यों पर आज कल रेडियो पर यह गाना भी खूब बज रहा है - प्यार सच्चा हो तो राहें भी निकल आती है, बिजलियां अर्ष से खुद रास्ता दिखाती। मुझे अपने सच्चे प्यार पर भरोसा था पर अभी तक राह नहीं दिख रहा था।

मैं जब जाने की तैयारी कर रहा था तभी एक हंगामा बरपा हो गया। गांव में बबाल। सुबह सुबह ही मास्टर साहब मेरे दरबाजे पर आकर गाली गलौज कर रहे है।

‘‘कहां गेलहो सुराज दा देखो सरबेटबा के करतूत हमर बेटिया के चिठठी पत्री लिखो हो, ऐसन में तो खून खराबा हो जइतो।’’
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 11:22 PM   #84
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

फूफा घर से बाहर निकले तो देखा कई और लोग बाहर खड़े थे। जब से प्रेम प्रसंग की चर्चा गांव में चली थी तब से सभी मुझको लेकर चिढे हुए थे और मास्टर साहब की आवाज और चिठठी की बात सुन मैं समझ गया की रीना को लिखी कोई चिठठी हाथ लग गई।

‘‘अरे बबलुआ’’ फूफा ने आवाज दी तो मैं सहमता हुआ बाहर यह सोंच कर आ रहा था कि चलो जो होगा देखा जाएगा। बाहर आया तो उन्होने बताया कि मास्टर साहब की बेटी संगितिया को मैंने प्रेम पत्र लिखा है तो मैं सन्न रह गया।

‘‘साला, इहे सब करो हीं रे, कहों हीं की पटना और बनारस में पढबै।’’ फूफा गरम थे कि तभी मास्टर साहब ने आव देखा न ताव और दो तीन झापड़ मुझको जड़ दिया।

‘‘बाबा बनों हीं साला, काट के फेंक देबै। हम्मर बेटिया के चिठठी लिखों ही।“

मैं थोड़ा सहम गया जिसका एक मुख्य कारण भी था। कारण यह था कि कल दोपहर जब मैं अपनी खिड़की के पास बैठा था तभी मेरे सामने एक क्षण के लिए जो नजारा आया वह विस्मित और विचलित कर देने वाला थी। मेरी खिड़की के सामने मास्टर साहब के घर का दरवाजा आता था और दरवाजे के बगल में ही चापाकल पर संगितिया रोज स्नान करती थी, किशोर मन कभी कभी उधर ताक झांक करने लगता पर मन को संयम कर मैं वहां से हट जाता। संगितिया उस समय दसवीं की छात्रा थी और वह भी किशोरावस्था में कदम रख रही थी।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 11:27 PM   #85
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

इसी ताक झांक के उहापोह के बीच अचनाक कल संगितिया नहाने के बाद जब अपने दरवाजे के सामने खड़ी हुई तो उसका पूरा फ्रॉक सामने से खुला हुआ था। एक क्षण को मैं विस्मित सा अवाक रह गया। जब वह देह से पानी साफ करने के लिए झुकी तो उसके खुले बाल उसकी देह पर नागिन की तरह लहरा उठे और फिर मुझसे नजर मिलते ही वह मुस्कुरा दी और मैने आंखें झुका ली, फिर जब देखा तो यह नजारा गायब था। पता नहीं क्यों उस घटना के बाद से संगितिया मुझे देख अक्सर मुस्कुरा देती और मैं झेंप जाता। संगितिया मेरे दोस्त रामू की बहन थी इसलिए मैं लिहाज करता था। मुझे लगा की इसी घटना को लेकर लोग आए होगें हंगामा करने और मैंने मन में ठान लिया की बता दूंगा कि उसने क्या किया पर मामला एक प्रेम पत्र का था जो संगितिया को लिखा गया था मेरे द्वारा।

प्रिय संगितिया

आई लव यू....

तुम्हारी याद में यहां मैं आंसू बहाता हूं।
तुम्हारी जुल्फ के साये में मैं चैन पाता हूं।
...
आदि इत्यादि
तुम्हारा लव
बबलु
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 11:28 PM   #86
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

मैंने इसका विरोध किया कि मेरे द्वारा यह पत्र नहीं लिखा गया है। बहुत ही रोमांटिक पत्र था जिसमें दो तीन तरह की स्याही का उपयोग किया गया था। मास्टर साहब ने उस पत्र को मुझे दिया और कहा –

‘‘यदि साबित हो गेलै कि तोंही लिखलहीं हें तो समझ लिहें कि तोर गांव से पत्ता तो साफ करइदेबै, हाथा गोरा भी सही सलामत नै रहतै।’’

ले बलैया, यह एक नया चक्कर था जिसमें मैं उल़झता हुआ जा रहा था। मैं पत्र पढ़ा जिसमें कई अश्लील बातें भी लिंखी गई थी जिसे पढ़ कर कोई भी गर्म हो जाता।

बबाल

हंगामा

फूआ भी मुझे गरिया रही है- कोढ़ीया, पढतै लिखतै सढ़े बायस, यहां तो रसलीला करे में रहो है। छोड़ दहो नै रहतै पटना में।

पता नहीं यह सब क्या हो रहा था पर जो हो रहा था वह ठीक नहीं हो रहा था। बात धीरे धीरे गांव में फैली और फिर रीना तक भी बात पहूंच गई।

संगितिया को लिखा गया पत्र को मेरे मित्र रामू के द्वारा जब रीना को दिखाया गया तो उसने इसे देखते ही उससे कहा-
‘‘अरे हम समझ गेलिए ई केकर करामत है। इ सब हमर भाई दिल्लिया के करामत है। हमरा दुन्नू के अलग करे के ई सब चाल है पर हम एकरा सफल होबे ले नै देबै।’’

फिर उस पत्र का राज रीना ने ही खोला रामू के पास और फिर बेधड़क वह मेरे घर आ गई। रामू भी साथ में ही था। आते ही मुझसे बोली-

‘‘ ई सब चिठठी पत्री से घबराबे के बात नै है, हमरा पता है कि ई सब केकर खेला है।’’
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 08-09-2014, 11:22 PM   #87
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

फिर रीना ने बताया कि कैसे कुछ दिन पहले उसका भाई दिल्लिया एक प्रेम पत्र को बीच सड़क पर से उठा कर लाया और उसे दिखाते हुए बोला-

‘‘देखी बबलुआ कैसन कैसन चिठठी बीच सड़का पर फेंक देहै।’’

रीना ने उस पत्र के अस्तित्व को सिरे से नाकार दिया। हलंाकि उसने बताया कि वह पत्र मेरे हैंड राइटिंग जैसी ही थी पर उसे पूरा भरोसा था कि उसका प्रेम पत्र यूं ही सड़कों पर फेंका नहीं रह सकता और उसने अपने भाई से कहा था कि बबलुआ ऐसन करिए नै सको है। इतना भरोसा था उसे अपने प्यार पर और आज वहीं चाल दिल्लिया ने संगितिया को पत्र लिख कर एक गोली से तीन शिकार करना चाहा। पहला मुझे बदनाम, दुसरा मास्टर साहब से दुश्मनी और तीसरा रीना से अलगाव, मैं इस बात से अनजान ही अभी था कि रीना ने आकर सभी राज बता दिया।

अब मामला पलट गया और मास्टर साहब ने इसे अपनी बेटी को बदनाम करने के लिए की गई साजिश के रूप में देखा और दोनों घरों में जम कर मारपीट हुई।

खैर, इससब के बीच मैं पटना के लिए रवाना हो गया। बस पर मेरे गांव का रहने वाला दोस्त मुकेश मिल गया जिसने बताया कि कहरनीया फुलेनमा मर गई। मुझे दुख हुआ और साथ ही मैं कुछ साल पूर्व की यादों में खो गया।

कुछ माह पूर्व जब मैं अपने गांव गया था तब इसी मुकेश के साथ एक दिन फुलेना के बागीचे से अमरूद्ध तोड़ने में लगा हुआ था। फुलेना का बगैचा तीन चार एकढ में फैला हुआ था। सारा बगीचा चाहरदिवारी से घिरा था और मैं होशियारी से चाहरदिवारी के बाहर से लंबाई का फायदा उठाते हुए अमरूद्ध तोड़ रहा था कि तभी अचानक पांच छः फिट उंची चाहरदिवारी फांद कर फुलेना कूद कर मेरा कालर पकड़ लिया। वह मुझसे करीब पांच साल बड़ी होगी। छः फिट लंबा शरीर, हठ्ठा कठ्ठा, एक दम गदराल।-
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 08-09-2014, 11:24 PM   #88
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

‘‘साला, अमरूद्धवा तोड़ों हीं, पता हौ कि ऐजा हम रहो हिए।’’

‘‘छोड़, जादे मामा मत बन।’’

फिर क्या था, उसने आव देखा न ताव धड़ाम से मुझे जमीन पर पटक कर मेरे सीने पर सवार हो गयी। बाप रे बाप। लड़की थी-दुर्गा।

‘‘कैसे मर गेलै हो केतना साहसी लड़की हलई।’’

‘‘पता नै हलउ, उ फन्टुसबा से फंसल हलई। कहारनी होके बाभन से शादी के सपना देखो हलई, अरे यहां तो आम खाके गुठली फेंके के जुगाड़ हलई।’’

तब मुझे याद आया कि गांव में उन दिनों दोनों के फंसे होने की खूब चर्चा थी और एक बार मंदिर के बगल बाले रास्ते में मैंने दोनों को अर्धआलिंगन की अवस्था में देख लिया था। यही हथियार उस दिन काम आया जब फुलेना मेरे सीने पर सवार थी।

‘‘देख जादे मामा नै बन, भुला गेलहीं उ दिन हम तोड़ा औ फन्टुसबा के साथ साथ देखलिओ हल और केकरो नै कहलिऔ।’’

डसने झट हाथ हट लिया और खड़ा हो गई। पर जाते जाते धमकी दे गई कि आगे से इस तरफ दिखना भी नहीं। बहुत ही साहसी लड़की थी पर मर कैसे गई।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 08-09-2014, 11:25 PM   #89
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

फिर उसके प्रेम प्रसंग की कहानी मेरे आंखों के आगे धूमने लगी। जब मैं अपने गांव में था तभी सुबह सुबह ही हंगामा होने लगा। घर से निकल कर जब बाहर आया तो देखा की फुलेना की बड़ी बहन, भाई, बाबूजी सहित परिवार के अन्य सदस्य फन्टूस के घर पर आकर हल्ला कर रहे थे। छनबिन करने लगा तो मैं स्तब्ध रह गया। राजन सिंह ने बताया घटना के बारे में-

‘‘अरे तों जनबे नै करों हीं, ऐकर बेटिया फन्टूसबा के साथ पेट फुला लेलकै है और उपर से फन्टूसबा सब जेबरो-गाठी, जे
तीन चार भरी हलई ले लेलैकै।’’

मामला संगीन था मेरे लिए
, पर गांव के लोगों के लिए यह हल्की सी बात थी। मलतीया के माय फुलेना के बाबूजी को समझा रहे थे-

‘‘अब की तों अपन इज्जत अपने उघारे पर लगल हा, अरे इस सब झांप पोंत करे के है की उधार करे के। छोड़ो जे होलो से होलो। बेटिया के धोलैया करा के निख-सुख ‘‘बढ़ीया’’ से शादी ब्याह कर दहो, सब ठीक हो जइतै। बेटी के संभालल तो लेगो नै और आज अइलों हें लड़े ले। बेटा की कोई दोष होबो हई’’

ओह- बेटी के लिए सारी बंदिशें थी और गुनहगार भी वही और सजा भी उसे ही मिलना था। किसी ने फन्टूसबा को इस सब के लिए दोषी नहीं माना
, सब यही कह रहे थे कि बेटी जब कब्जे में नहीं ंतो मर्दाना क्या करेगा। पर मुझे इस सबमें बेटी के बाप के गरीब होना ही मूल कारण लग रहा था।

फन्टूस से संबंध की बजह से वह पेट से थी और फिर दोनों ने घर से भागने की योजना बनाई थी जिसके तहत फन्टूस को फुलेना ने तीन चार भरी जेबर
, कपड़ा-लत्ता और रूपया सब उसने ला कर दे दिया था पर परिणाम उलट गया। फन्ठूस अकेले गांव से भाग गया और जब पन्द्रह दिन एक माहिना हुआ तो फुलेना के गर्भ से होने की बात घरवालों को पता चली तो जैसे पहाड़ टूट गया और उपर से बेटी के ब्याह के लिए रखी गयी सारी सम्पत्ति भी चली गई।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 08-09-2014, 11:26 PM   #90
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: एक लम्बी प्रेम कहानी

फुलेना का पेट गिरा दिया गया। गांव के ही नर्स के पास जाकर सफाई कराने की बात फुलेना की मां ने किया था जिसके बाद जांच करने के बाद नर्स मैडम ने बताया था कि चार माह से उपर का पेट है, गिराने से इसकी जान भी जा सकती है। पर जान की परवाह किसे थी इज्जत के आगे। कहा जाता है कि घटना के बाद से गर्जने वाली फुलेना जो चुपी लगा गई सो पेट गिराने की बात पर भी कुछ नहीं बोली। जैसे की वह एक निर्जीव सी कठपुतली हो गई हो।

और इज्जत बचाने की खातिर पेट गिराने में ही फुलेनमा की जान चली गई.....


समाज में घटने वाली घटनाओं और जीवन की तल्ख सच्चाई के बीच किशोर मन विरोधाभासों के बीच पेंडुलम बन कर रह गया। हर क्षण मन में कई तरह के विचार आते और बदल जाते। इसी बीच पटना की पढ़ाई में मन रमने लगा और कई महीनों तक धर से संपर्क नहीं हो सका। न कोई चिठठी, न कोई पत्री। पता नहीं क्यों? पर गुस्सा अपने आप से हो गया और सजा भी खुद के लिए निर्धारित कर ली। मझधार में फंसी जीवन की नाव को कहीं कोई लैंप पोस्ट दिखाई नहीं दे रही थी। जाने क्यों बार-बार कोई रास्ते से भटकाने का प्रयास करता और कोई राह पर लाने का। दिन पढ़ाई में गुजरते गये, रात आंखों में कटती गई। कई महीने हो गए कि एक रात मन एकाएक बेचैनी से भर गया। रीना रात में दुल्हन बन कर सपने में आई और दुल्हा कोई और था, शायद।
>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
उपन्यास, जीना मरना साथ, लम्बी कहानी, a long love story, hindi novel, jeena marna sath sath

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:56 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.