30-05-2011, 10:44 PM | #481 |
Administrator
|
Re: My hindi forum का इतिहास
एक तरफ पंकज जी ने नयी नयी खबरे ला कर सदस्यों का मनोरंजन किया तो दूसरी तरफ अभय जी ने हिंदी साहित्य के अनुपम कृतियों से हम लोगो का परिचय करवाया. अभय जी ने फोरम को आकर्षक बनाने में भी काफी अच्छा योगदान दिया है. पंकज जी वर्ल्ड कप क्रिकेट वाला सूत्र तो हम लोगो के लिए यादगार रहेगा. सालो बात जब हम याद करेंगे की भारत वर्ल्ड कप जीता है २०११ में तो हमें यह भी याद आएगा की My हिंदी फोरम पर पंकज जी ने इस पर एक सूत्र बनाया था जिस पर हम सभी लोगो ने भारत की हर जीत का जश्न मनाया था. अभय जी द्वारा एक ही दिन में १२०० से अधिक पोस्ट करने वाला वाकया तो शायद समूचे इन्टरनेट में अपने आप में एक हैरत अंगेज घटना थी, जिसका उद्धरण कही और मिलना काफी मुस्किल है.
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
31-05-2011, 08:15 PM | #482 |
Exclusive Member
|
Re: My hindi forum का इतिहास
अब हम भी कुछ याद बाटता हु
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
06-06-2011, 06:08 PM | #483 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: My hindi forum का इतिहास
दोस्तों ...
हम आगे अभिषेक जी के प्रयास पर दो शब्द लिखना चाहेगे .... |
06-06-2011, 06:24 PM | #484 | |
Exclusive Member
|
Re: My hindi forum का इतिहास
Quote:
आप के लिखे को पढ़ना चाहेँगे युवी भाई
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
|
08-06-2011, 10:55 PM | #485 | |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: फोरम का इतिहास
Quote:
हाँ , यदि किसी व्यक्तिगत वार्तालाप के सन्दर्भ में उक्त टिप्पणी की गयी हो तो मेरी यह टिप्पणी निरर्थक है किन्तु ऐसे वार्तालाप का उल्लेख अवश्य होना चाहिए था / धन्यवाद /
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
|
09-06-2011, 12:17 PM | #486 |
Member
Join Date: Dec 2010
Location: lucknow
Posts: 53
Rep Power: 14 |
Re: फोरम का इतिहास
अरविन्द जी बहुत अच्छे तरीके से पेश किया है फोरम के इतिहास को इसके लिए आप बधाई के पत्र हैं मैंने तो इसे कल पढ़ना शुरू किया था आज ख़तम कर पाया हूँ आपके साथ अन्य सदस्यों ने जो भी बेबाक राय रखी है काबिल -ये-तारीफ़ है. जहाँ तक हमसफ़र यानी संतोष राजपूत के बारे में इतिहास में जिस तरह से दिखाया गया है मुझे नहीं लगता की संतोष इस कदर सबके लिए बुरे हो सकते हैं हाँ उनकी समस्या ये हो सकती है जो मेरी निजी राय है की जब उस फोरम के लोग इस फोरम पर आये और तुरंत ही अच्छे अच्छे पदों पर पहुँच गए और सबसे ज्यादा पोस्ट करने के बाद भी संतोष को लगा की उनका उचित सम्मान नहीं हो रहा है तो वे भड़क गए जिस तरीके से उन्होंने पोस्ट की थी उनकी संख्या को देखते हुए उनको apne उपर घमंड हो गया होगा तो होना भी चाहिए था. मेरी तो संतोष जी से बहुत बार फ़ोन पर बातें हुयी हैं और मुझे कोई दिक्कत नहीं नजर आयी उनके सोंचने का नजरिया बिलकुल अलग hai
ये केवल मेरी निजी राय है इसका किसी विवाद और किसी के मान सम्मान से कोई मतलब नहीं है |
09-06-2011, 05:28 PM | #487 | |
Banned
Join Date: Nov 2010
Location: राँची, झारखण्ड
Posts: 3,682
Rep Power: 0 |
Re: फोरम का इतिहास
Quote:
हर इंसान के अंदर कुछ अच्छाई है तो कुछ बुराई भी है। कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता। हरेक इंसान को जहा उसकी अच्छाइया उसे लोकप्रिय तथा सफल बनाती है, वही बुराईया उसे अलोकप्रिय तथा असफल बनाती है। जहा कुछ लोग अपनी कमियाँ जानकार उसे दूर करने की कोशिश करते है, वही कुछ लोग अपनी कमियों पर गर्व करते है। ये बताने की जरूरत नहीं कि जो लोग "निंदक नियरे राखिए.... " के तर्ज पर चलते है, उनकी राह और भी आसान हो जाती है। हमलोग किसी भी सदस्य के प्रति किसी भी तरह का एक्शन लेने से बचने का पूरा प्रयत्न करते है, और सच पूछिये तो किसी भी सदस्य के प्रति एक्शन लेना हमारे लिए भी कोई सराहनीय कार्य नहीं होता है। हम यहा एक साफ-सुथरे, पारिवारिक माहौल मे सदस्यो के बीच एक प्रेममय संबंध विकसित करना चाहते है, ना कि विवाद और वैमनस्यपूर्ण । हमसफर जी को ना जाने कितनी बार समझाने कि कोशिश की गई है। ये वो खुद भी इसके बारे मे बता सकते है। कभी-कभी तो समझ भी जाते थे, और कभी-कभी एक दो दिन के बाद उसी व्यवहार की पुनरावृति। अब क्या बतायें? Last edited by arvind; 09-06-2011 at 05:33 PM. |
|
10-06-2011, 11:22 AM | #488 | |
Member
Join Date: Dec 2010
Location: lucknow
Posts: 53
Rep Power: 14 |
Re: फोरम का इतिहास
Quote:
|
|
10-06-2011, 11:31 AM | #489 | |
Exclusive Member
|
Re: फोरम का इतिहास
Quote:
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
|
10-06-2011, 01:11 PM | #490 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: फोरम का इतिहास
Quote:
फोरम पर किसी ने क्या किया वो उसका चरित्र नहीं हो सकता, फिर उसे दिल से क्या लगाना, फोरम सिर्फ जीवन का हिस्सा है, जीवन नहीं | नियामक कोई जज नहीं हैं जो अगर किसी को बैन कर दें तो उसका चरित्र हनन हो गया, ये सिर्फ प्रक्रिया है जो उनके हिसाब से बाकी सदस्यों के लिए सुविधाजनक होगी | जैसे कल युवराज भाई बैन हो गए, मेरा उनसे व्यक्तिगत संपर्क है किन्तु उन्होंने एक के बाद एक पहले निशांत जी के लिए कुछ कहा और फिर सह प्रशासक के लिए | नतीजा इनफ्रैक्शन मिली और १० दिन का बैन | इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है, ये एक प्रक्रिया है | यदि हम सामान्य सूत्रों पर तू तड़ाक चलने दें तो क्या सूरत-ए-हाल होगा ??? |
|
Bookmarks |
Tags |
फोरम, forum history, free, hindi forum, hindi history, history, history of forum, myhindiforum |
|
|