24-04-2013, 08:06 AM | #1 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Sachin@40
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:07 AM | #2 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
भारतीय क्रिकेट की धड़कन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने बर्थडे का जश्न वे आईपीएल के मैदान पर बड़ी पारी खेल कर मनाना चाहेंगे।
सचिन का 40वां बर्थडे उनके करियर को नयी दिशा और दशा देने का काम कर सकता है। क्रिकेट जगत में 40 बसंत देखने के बाद भी लगातार खेलते रहना कोई मामूली बात नहीं। अब सचिन के सामने खुद को फिट रखते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी चमक बरकरार रखने की होगी। महज 14 साल की उम्र से क्रिकेट मं सक्रिय रहे तेंडुलकर ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। कभी चोट ने उन्हें परेशान किया तो कभी खराब फॉर्म के कारण आलोचक उनके पीछे पड़े रहे। कई बार तो कुछ को सिर्फ इसी बात से तकलीफ होती रही कि सचिन इतने लंबे समय तक क्रिकेट से क्यों जुड़े हुए हैं। लेकिन सचिन ने इन सब फिजूल बातों की परवाह किए बगैर सफलता का सफर जारी रखा। टेस्ट हो या वनडे, दोनों फॉर्मेट्स में सर्वाधिक रन और सेंचुरी बनाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड्स उन्होंने अपने नाम कर रखे हैं। क्रिकेट की पिच पर जो कारनामे सचिन ने किए हैं, उन्हें किसी और खिलाड़ी को दोहराने में शायद एक सदी लग जाएगी। सचिन का यह स्वर्णिम करियर चंद दिनों में नहीं बना। इसके पीछे बरसों की मेहनत छुपी है। तेंडुलकर का चेहरा भले ही शांत दिखे, लेकिन खुद को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। जिंदगी के मील के पत्थर विशालकाय हों यह जरूरी नहीं। सचिन के करियर में छोटी-छोटी बातों का बड़ा अहम रोल रहा है। फिर चाहे बात उनके परिवार को हो या उनकी जिंदगी में अहम रहे दोस्तों की, सभी ने मिल कर सचिन को सचिन बनाया है। dainikbhaskar.com ने मास्टर ब्लास्टर के जीवन के उनके खास पलों को चुना है जो कि उनके लिए मील का पत्थर साबित हुए। इनके बिना शायद सचिन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:12 AM | #3 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:12 AM | #4 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
भाई अजित ने दी सजा... सचिन आए क्रिकेट में
सचिन के क्रिकेट करियर का सबसे पहला और अहम पड़ाव रहा उनकी बचपन में की एक शरारत। सचिन अपने परिवार के सबसे छोटे और नटखट सदस्य थे। मुंबई की साहित्य सहवास कॉलोनी में गर्मियों की छुट्टियां बिताते हुए सचिन शरारतों में मगन थे। एक रविवार की शाम सचिन का पूरा परिवार घर पर आनंद से बैठ कर 'गाइड' फिल्म देख रहा था। सचिन बाहर खेलने में व्यस्त थे, तभी उनका ध्यान घर की खिड़की पर गया। नन्हे सचिन के मन में शरारत सूझी और वे फिल्म देखने के लिए घर जाने की जगह पेड़ पर चढ़ गए। फिल्म देखने के फितूर में वे फिसल गए और धड़ाम से नीचे गिर पड़े। सचिन की इस हरकत से उनके बड़े भाई अजित बेहद खफा हुए। उन्होंने अपने भाई को किसी बेहतर काम में लगाने की ठान ली। उस जमाने में टेनिस के शौकीन रहे सचिन को अजित ने एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवा दिया। गुरू रमाकांत आचरेकर का साथ मिलने के बाद शुरू हुआ सचिन का क्रिकेट करियर। सचिन के परिवार में अजित को उनके टेलेंट पर भरोसा था। उसी विश्वास ने सचिन को इस मुकाम पर पहुंचाया है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:13 AM | #5 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:14 AM | #6 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
कांबली संग बनाया रिकॉर्ड, बनाते ही पड़ी गालियां
यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन तेंडुलकर को हिट करवाने वाले स्कूली वर्ल्ड रिकॉर्ड के बनने के बाद सचिन को डांट पड़ी थी। सचिन ने अपना जलवा स्कूली क्रिकेट से ही दिखाना शुरू कर दिया था। गुरू रमाकांत अचरेकर की छत्रछाया में वे खेल की बारीकियां सीख रहे थे। 24 फरवरी 1988 को मुंबई स्कूल क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में सचिन ने अपने जिगरी दोस्त विनोद कांबली के साथ मिल कर ऐसा कमाल किया जिसने उन्हें पहली बार लाइमलाइट में लाया। सचिन के श्रद्धाश्रम स्कूल का सामना सेंट जेवियर फोर्ट स्कूल से था। सेंट जेवियर वहीं स्कूल है जिसमें सुनील गावस्कर ने अपनी पढ़ाई पूरी की। साईंराज बहुतुले जैसे धाकड़ स्पिनर्स का सामना करते हुए कप्तान सचिन ने रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी। मैच के पहले ही दिन श्रद्धाश्रम स्कूल के दोनों ओपनर्स अतुल रानाडे और आर मुले सस्ते में आउट हो गए थे। अब पारी संवारने का दारोमदार था विनोद कांबली और कप्तान सचिन पर। दोनों बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहले दिन का खेल समाप्त होने तक क्रमशः 182 और 192 रन बनाए। मैच के दूसरे दिन कोच आचरेकर किसी कारण से मैदान पर नहीं पहुंच सके। इस बात का फायदा उठाते हुए सचिन और कांबली ने मिल कर जमके रन बनाए। आचरेकर के असिस्टेंट कोच लक्ष्मण चव्हाण बार-बार दोनों को पारी घोषित करने का इशारा कर रहे थे, लेकिन सचिन ने उस ओर ध्यान नहीं दिया। लंच टाइम तक दोनों मैदान पर सीटी बजाते और गाना गाते हुए रन बनाते रहे। लंच होते ही जब दोनों पवेलियन लौटे, तो कोच आचरेकर ने उन्हें फोन पर कड़ी चेतावनी देते हुए पारी घोषित करने के लिए कहा। तब तक ये दोनों वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 748 रन का स्कोर खड़ा कर चुके थे। यही रिकॉर्ड सचिन के करियर का पहला मील का पत्थर साबित हुआ।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:14 AM | #7 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:15 AM | #8 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
अखबारों तक ही सीमित रह जाता सचिन-कांबली का रिकॉर्ड
स्कूली क्रिकेट में बने 748 रन के स्कोर को मुंबई के अखबारों ने छोटी सी खबर बना कर छापा था। इस स्कोरकार्ड को विजडन जैसे प्रतिष्ठित संस्था में दर्ज करवाने का काम किया मुंबई के पूर्व अंपायर रहे मार्कस काउटो ने। मार्कस काउटो ने बड़ी मेहनत से विजडन के अधिकारियों के सामने सचिन और कांबली के रिकॉर्ड को सही साबित करवाया। लोग यह बात तो जानते थे कि दो बच्चों ने बड़ा स्कोर बनाया है, लेकिन यह बात किसी ने नहीं सोची थी कि यह सिर्फ स्कूली रिकॉर्ड नहीं बल्कि एक विश्व कीर्तिमान है। काउटो ने अपने प्रयासों से विजडन में इसे दर्ज करवाया। सचिन और कांबली ने ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया के गैपस्टीड में बफेलो रिवर बनाम व्हरफली के बीच हुए मुकाबले में दो बच्चों द्वारा बनाए रिकॉर्ड को ध्वस्त किया था। ऑस्ट्रेलिया के पल्टून और एन रिप्पन नाम के बच्चों ने 1913-14 में वह रिकॉर्ड बनाया था। काउटो की कोशिशों से ही सचिन का रिकॉर्ड विजडन और गिनीज बुक में दर्ज हो सका।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:15 AM | #9 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
24-04-2013, 08:16 AM | #10 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: Sachin@40
हर फॉर्म में जड़ा शतक
सचिन भारत के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के हर टूर्नामेंट में डेब्यू करते हुए सेंचुरी लगाई है। हैरिस और जाइल्स शील्ड खेलते समय ही सचिन का चयन रणजी ट्रॉफी के रिजर्व खिलाड़ियों में हो गया था। 11 दिसंबर 1988 में उन्होंने रणजी में डेब्यू किया और पहले ही मैच में गुजरात टीम के खिलाफ शतक जड़ दिया। तब सचिन की उम्र महज 15 साल 232 दिन थी। मुंबई की रणजी टीम में सचिन का चयन दिलीप वेंगसरकर की पारखी नजरों के कारण हुआ था। हुआ कुछ यूं कि उस साल मुंबई में हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के लिए भारतीय नेशनल टीम प्रैक्टिस कर रही थी। टीम को प्रैक्टिस करवाने के लिए सचिन सहायक खिलाड़ियों के दल में शामिल थे। कपिल देव के खिलाफ नेट्स में बल्लेबाजी करते हुए सचिन हर गेंद को अच्छे से भांप रहे थे। उनकी यह प्रतिभा देख अचंभित हुए वेंगसरकर ने उन्हें तुरंत रणजी टीम का हिस्सा बना लिया। रणजी के डेब्यू मैच में सेंचुरी लगाने के बाद सचिन ने देवधार और दुलीप ट्रॉफी के पहले मुकाबले में भी सैकड़ा जड़ा। ईरानी ट्रॉफी मैच में भी उन्होंने सेंचुरी लगाई।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
Bookmarks |
|
|