04-05-2011, 06:37 PM | #221 |
Special Member
|
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
08-05-2011, 10:10 PM | #222 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
हिंदुस्तान में २२ करोड़ लोगों की इच्छा ही नहीं होती है।
ये दो रूपये रोज में अपना पूरा घर चलाते हैं। बंद और बरसात में तो भूखे ही सो जाते हैं। इनके यहाँ बीमारी बीमार को साथ ले के जाती है। बच्चों की मासूमियत बचपन में छिन जाती है। इन्हें वेट घटाने की जरूरत नहीं पड़ती। मसल छोड़ो हड्डियों पर खाल मुशिकल से है चढ़ती। |
09-05-2011, 02:30 AM | #223 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
|
09-05-2011, 09:28 PM | #224 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
बहुत मुमकिन था कि
मेरी रूह के कांटे निकल जाते मेरे आगे के पत्थर पिघल जाते ग़मों की घड़ियाँ थम जातीं गुलों के दिल मचल जाते तरस कर मैं ना यूँ रोता तड़प कर अश्क ना बहते बहिश्तों में समाँ होता अगर तुम मुझको मिल जाते हाँ अगर तुम मुझको मिल जाते... रूह = आत्मा गुल = फ़ूल अश्क = आंसू बहिश्त = स्वर्ग या जन्नत |
10-05-2011, 05:55 AM | #225 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
इतना भी किसी को न चाहो खुद जान पे अपनी बन आये !
ये कभी खुद तेरे लिए ना कोई मुसीबत बन जाए !! चाहत को चाहत रहने दो और इतना ध्यान राहे हरदम ! बढ़ते बढ़ते इतनी ना बढे ना मिले तो आफत हो जाए !! ये इश्क खुदा कि देन तो है लेकिन उस देन से क्या हासिल ! जिसके आंचल म आते ही आंचल ही सारा फट जाए !! देने को तो दे दू नाम कोई तेरे चाहत के रिश्ते को ! पर डरता हूँ कि तेरी चाहत भी कहीं बदनाम ना हो जाए !! यार से इतने शिकवे गिले क्या सोच के तुम करने बैठे ! क्या होगा अगर तेरा यार भी अपने गिले निकालने लग जाए !! |
10-05-2011, 06:02 AM | #226 | |
Exclusive Member
Join Date: Feb 2011
Posts: 5,528
Rep Power: 41 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
|
|
10-05-2011, 07:34 AM | #227 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
तुम हो धूप, तुम छांव की तरह
इस रेगिस्तान जिंदगी में गांव की तरह तुम्हें भूले से भी मैं भुला नहीं पाता तुम हो मेरे जिस्म पर लगे पुराने घाव की तरह। जिंदगी में तूफ़ानों की अब आदत सी हो गई, जो दामन है तेरा महफूज नाव की तरह । ख्वाबों-खयालों में, रात - उजालों में, तुम ही, तुम हो सारा आलम कोई नहीं है तुम्हारी तरह । कैसे कहूं तुम क्या हो ? जीने की वजह मरने का बहाना हो, तुम हो राज दिल का तुम ही जवाब की तरह । 'तमन्ना' नसीब की अब मैं नहीं रखता जो तुम हो मेहरबां मुझपे दुआओं की तरह। (साभार-nbt) |
10-05-2011, 08:46 AM | #228 | |
Senior Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 257
Rep Power: 19 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
Quote:
काफी दिन बाद बड़े भैया के शब्द नज़र आये !! जो डाइरेक्ट दिल में उतर गए !!
__________________
"खैरात में मिली हुई ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती,
मैं अपने दुखों में भी रहता हूँ नवाबों की तरह !!" |
|
10-05-2011, 09:47 AM | #229 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
अमित जी,सागर जी,कल्याण जी आप सब का शुक्रिया !
कल्याण जी काफी दिनों बाद कर बहुत ख़ुशी हुई.............................. |
10-05-2011, 10:25 AM | #230 |
Exclusive Member
Join Date: Feb 2011
Posts: 5,528
Rep Power: 41 |
Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहीं उसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा |
Bookmarks |
|
|