25-12-2012, 09:58 AM | #1 |
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भारतीय ध्वज संहिता
ND भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिरूप है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है। झंडा फहराने का सही तरीका * जब भी झंडा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। * सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्*टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है। * झंडे को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए। * जब झंडा किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए। * झंडे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उनके दाहिने ओर हो। * झंडा किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए। * फटा या मैला झंडा नहीं फहराया जाता है। * झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है। * किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा। * झंडे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए। * जब झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।
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25-12-2012, 10:56 AM | #2 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए धन्यवाद दीपू जी।
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25-12-2012, 11:11 AM | #3 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
काग़ज़ या प्लास्टिक का तिरंगा झंडा बेचा जाता है, जो सही नहीं है। राष्ट्रीय गर्व की भावना के साथ लोग काफी उत्साह से इन झंडों को ख़रीदते हैं, लेकिन दूसरे ही दिन हम इन झंडों को सड़को पर पांव तले रौंदे जाते देखते हैं या किसी कूड़ेदान में या अन्यत्र फेंका हुआ पाते हैं। .
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
25-12-2012, 11:48 AM | #4 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
बोहत आछी जानकरी दी है दीपू जी आपने. शुक्रिया..............
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25-12-2012, 11:56 AM | #5 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
thanks for all ...........................................
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25-12-2012, 11:59 AM | #6 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
ज्ञानवर्धक जानकारी.......................
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26-12-2012, 01:08 PM | #7 |
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Re: भारतीय ध्वज संहिता
ऊपर केसरिया नीचे हरियाली। मध्य चक्र में चौबीस तीली ॥ ध्वज में हैं चार रंग, फिर भी कहें तिरंगा । मध्य में नीला चक्र बना है, सबसे प्यारा झन्डा ॥ भारत के राष्*ट्रीय ध्*वज की ऊपरी पट्टी में*केसरिया रंग*है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। बीच की पट्टी का*श्वेत*धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को*धर्म चक्र*कहते हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो*तृतीय शताब्दी*ईसा पूर्व*मौर्य सम्राट*अशोक*द्वारा बनाए गए*सारनाथ*मंदिर से लिया गया है। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गति*शील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है। इस चक्र का रंग नीला होता है। स्मृति सूत्र: अवलोकन रचयिता en.wikipedia.org/wiki/Mnemonist एन एल श्रमण निमोनिस्ट |
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