10-12-2014, 03:47 PM | #21 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
फेंके नहीं इस्तेमाल की हुई चाय पत्ती चाय बनाने के बाद छनी हुई चाय की पत्तियां अक्सर लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन हम आपको यह बताएगें कि आप इन चाय की पत्तियों को फिर से कैसे इस्तेमाल करें - - हाथ-पांव या किसी अंग में कट गया हो और खून बह रहा हो, तो इसे भर दें। - बालों को मुलायम बनाने के लिए चाय की पत्ती को मेहंदी, आंवला के साथ सर पर लगायें अच्छी तरह सूख जाने पर धोयें। -चाय की पत्ती कपड़े में बांध कर उबलते छोले में डाल दें। इससे छोला रंगदार व स्वादिष्ट बन जाएगा। -चाय की पत्ती को पानी में डालकर उबालें उस पानी से लकडी़ के फर्नीचर और शीशा साफ करें। दाग धब्बे छूट जायेंगे व चमकदार हो जाते हैं। -बनी हुई चाय की पत्ती अच्छी तरह धो लें। उसमें मिठास न रह जाय। उसे मनीप्लांट और गुलाब पौधे में डालें यह खाद का काम करेगी। -बनी हुई चाय की पत्ती दुबारा पानी में डाल कर उबालें। उस पानी से घी और तेल के डब्बे साफ करें। इससे डब्बे की दुर्गंध जाती रहेगी। -जिस स्थान पर अधिक मक्खियां बैठ रही हों। वहां धोयी हुई चाय की पत्ती को गीला करके रगड़ दें। -चाय की पत्ती में थोड़ा सा विम पाउडर मिलाकर क्राकरी साफ करें। उसमें चमक आ जाएगी। |
10-12-2014, 03:48 PM | #22 |
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बचे हुए भोजन का सदुपयोग
बचे हुए भोजन का सदुपयोग हुआ भोजन कभी दोबारा खाने का मन न हो तो उसे कुछ और रूप देकर आकर्षक और स्वादिष्ठ बनाया जा सकता है। बचपन से सुनते आये हैं कि भोजन फेंकना अन्न का अपमान होता हैं। अन्न बहुमूल्य है इसलियें ज़रूरत से ज़्यादा न भी बनायें तो भी कुछ न कुछ खाना बच ही जाता है। |
10-12-2014, 03:49 PM | #23 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
सब्जियाँ-
सूखी सब्ज़ियाँ जैसे गोभी पत्ता गोभी गाजर मटर या पालक वगैरह को कई तरह से प्रयोग कर सकते है। जोभी सब्ज़ी बची हो उसे मसल कर आटे मे गूँध लें इसके पराँठे बहुत स्वादिठ लगेंगे अचार के साथ। थोड़ा सा बेसन सूखी कढ़ाई मे भून लें। सब सब्ज़ियाँ मसल कर बेसन मे मिलाले। इसको पराँठे मे भर के पराँठे बनाले। इसी के कोफ्ते भी बन सकते हैं। |
10-12-2014, 03:49 PM | #24 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
[2] की तरह सब्जियाँ और बेसन मिलालें। थोड़े आलू उबाल कर मसल लें। थोड़ी सूखी हुई या ताज़ी ब्रेड भिगो कर निचोड़ ले।बेसन न मिलाना हो तो सूजी भूनकर मिला सकते हैं। सभी चीज़े मिलाकर कटलेट बन सकते हैं। सब्ज़ियों को पके हुए चावल मे मिलाकर ज़ीरे तड़का लगाकर थोड़ा गरम मसाला डालकर नमकीन स्वदिष्ठ चवल बन सकते हैं। लोकी तोरई टिंडे जैसी हरी सब्ज़ियाँ पीसकर टमाटर डालकर सूप अच्छा बन सकता है।
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10-12-2014, 03:50 PM | #25 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
दालें
बची हुई किसी भी दाल मे बरीक कटी हुई प्याज़ हरा धनियाँ मिलायें इसे आटे मे गूंध कर पराँठे बनालें। दाल को बेसन के साथ धोल कर प्याज़ की पकौड़ियाँ बनाले। दाल को पीस कर आटे मे गूंध कर पूरियाँ भी बन सकती हैं। दाल ज़्यादा होतो दोबारा तड़का लगाकर भी ताज़ी जैसी हो जाती है। |
10-12-2014, 03:50 PM | #26 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
रोटियाँ
बासी रोटी कोई नहीं खाना चाहता। थोड़ा सा बेसन का घोल बनायें उसमे प्याज़ हरी मिर्च हरा धनियाँ काट कर मिलालें रोटी के एक तफ फैला कर पराँठे की तरह सेकें। चार टुकड़े छुरी से करके चनी या अचार के साथ परोसें। रोटी के छोटे छोटे टुकड़े करके प्याज काटके, बेसन के घोल मे डाकर पकौडियाँ तल सकते है। |
10-12-2014, 03:50 PM | #27 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
चावल
यदि चावल बहुत थोडे से बचे हों तो ताज़े चावल बनाकर बचे हुए चावल की ऊपरी सतह लगाकर ढक दें।ताज़े चावल की भाप से बचे हुए चावल भी एकदम ताज़ा जैसे हो जायेंगे। यदि चावल ज़्यादा बचे हों तो उनमे उबलता हुआ पानी डालकर 2 मिनट छोड़ दें फिर पानी छान कर निकाल दें अगर चावल गीले से लगें तो एक दो मिनट हल्की आंच पर रहने दें। बचे हुए चावल मे किसी भी प्रकार का तड़का (छौंक) लगा सकते हैं,जैसे प्याज़ टमाटर,ज़ीरा गर्म मसाला या सरसों के दाने का। ज़ीरे के छौंक के साथ बची हुई सब्ज़ियाँ और सरसौं के छौंक के साथ भुनी हुई मूमफली मिलाई जा सकती है, नीबू का रस भी डाला जा सकता है। |
10-12-2014, 03:52 PM | #28 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
सूखी ब्रैड
ब्रैड सूखी सी हो जाय तो वह ख़राब नहीं होती उसे भिगोकर निचोड़ कर कटलेट या कोफ्ते मे डाला जा सकता है। गुंधा हुआ आटा यदि गुंधा हुआ आटा थोड़ा खट्टा भी हो जाय तो उसे ख़राब नहीं समझना चाहिये, थोड़ा ख़मीर उठने से पौष्टिकता कम नहीं होती बल्कि विटामिन बी पैदा हो जाता है।इस आटे की थोड़ी मोटी सी करारी रोटी हल्की आंच पर सेक कर धी लगाकर खा सकते हैं या नमक मिर्च मिलाकर परांठे भी बन सकते हैं। |
10-12-2014, 03:52 PM | #29 |
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Re: सरिता जी की रसोई .....कुछ बेहतरीन पर सादा
अचार का बचा हुआ तेल मसाला
तेल छानकर मसाला अलग करें। तेल मे करेले भिंडी जैसी सब्ज़ियाँ और पराँठे बन सकते हैं। अचारी स्वाद अच्छालगता है।अचार का मसाला थोड़ा सुखा कर पराँठे मे भरा जा सकता है।आटे मे गूंध कर भी अचारी परांठे बन सकते हैं। संक्षेप मे कहा जाय तो बची हुई दाल, सब्जी, चावल, अचार का तेल मसाला सूखी ब्रैड और रोटी को स्वादिष्ठ परांठे, पूरी, नमकीन चावल, कटलेट या कोफ्ते बनाने मे अपनी सूझबूझ से प्रयोग किया जा सकता है। |
10-12-2014, 04:01 PM | #30 |
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आवाज नहीं उठाओगे तो जेब कटाते जाओगे
आवाज नहीं उठाओगे तो जेब कटाते जाओगे देश में कम हो रही महंगाई का असर भले ही आपकी रसोई के बजट पर नजर आना शुरू हो गया हो लेकिन यदि आप नियमित तौर पर बाहर खाने के आदी हैं तो आपकी जेब पर कैंची का चलना निरंतर जारी है। खाने के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली रसोई गैस से लेकर, आलू, गोभी, गाजर, रिफाइंड, बेसन व बासमती सब चीजों के दाम कम हुए हैं लेकिन आम रेहड़ी वाले से लेकर रैस्टोरैंट तक किसी ने भी दाम में कमी करके आम जनता को राहत पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई है। महंगा फास्ट फूड खाने की आदी हो चुकी आम जनता भी अपने अधिकार को लेकर आवाज नहीं उठा रही, नतीजतन फास्ट फूड और होटल के खाने के दाम आसमान पर ही बने हुए हैं। कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला एल.पी.जी. का 19 किलोग्राम का सिलैंडर 2200 रुपए से कम होकर 1400 रुपए तक पहुंच चुका है जबकि अच्छी बासमती के दाम 100 रुपए से कम होकर 70 रुपए प्रति किलोग्राम आ गए हैं। इस बीच बेसन 10 रुपए किलो सस्ता हुआ है। 50 से 60 रुपए किलो मिलने वाली गोभी 20 रुपए में चल रही है जबकि 40 रुपए किलो वाला आलू 10 रुपए किलो पर आ गया है। गाजर के दाम 60 से कम होकर 20 रुपए किलो रह गए हैं जबकि 80 रुपए किलो वाला मटर अब 30 रुपए में चल रहा है। रिफाइंड तेल के दाम में भी 10 रुपए प्रति लीटर की कमी हुई है। इसके बावजूद साधारण रेहड़ी वाले बर्गर, नूडल्स, मंचूरियन आदि के दाम में कमी नहीं कर रहे। शहर में फास्ट फूड वालों ने कुछ माह पहले बढ़ती महंगाई का हवाला देकर दाम बढ़ाए थे और बर्गर का दाम 20 से 25, नूडल्स 50 से 60 रुपए प्रति प्लेट, मंचूरियन 50 से 60 रुपए प्रति प्लेट कर दिया गया था। इसी प्रकार बड़े होटल और रैस्टोरैंट्स ने भी महंगाई का हवाला देकर अपनी प्रति प्लेट में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी लेकिन अब महंगाई कम होने पर कोई भी दाम करने का नाम नहीं ले रहा। |
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