My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Miscellaneous > Healthy Body

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 24-09-2012, 07:50 PM   #21
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

अगर आपने ताजे आंवले (Amla) का स्वाद लिया होगा तो आप अनायास ही कह उठेंगे, कसैले स्वाद वाला..

आंवले का (Amla) स्वाद भले ही कसैला होता है परंतु यह है बहुत ही गुणकारी इसके गुणों के कारण इसे "धातृ फल" (Dhatri Fal) भी कहा जाता है, धातृ का अर्थ होता है पालन पोषण करने वाला अर्थात "मां".

च्यवनप्राश आप जरूर खाते होंगे इसका स्वाद भी आपको काफी अच्छा लगाता है,. च्यवनप्राश में काफी मात्रा में आंवला (Amla) होता है. आंवले से मुरब्बा, अचार, चटनी,जैम आदि बनते हैं. आप किसी भी रूप में आंवले का सेवन कर सकते हैं, इससे आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.

आंवला (Amla) में संतरे से भी 20 प्रतिशत अधिक विटामिन सी पाया जाता है. इसके सेवन से त्वचा सम्बन्धी रोग में लाभ मिलता है, त्वचा स्वस्थ और जवां बनी रहती है. आंवला आपके स्नायु तंत्र को मजबूती देता है. सौन्दर्य के साथ साथ आपकी स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है.

जिन लोगों को खांसी और कफ की समस्या रहती है अथवा पचन सम्बन्धी शिकायत है वे भी नियमित आंवला (Amla) खाएं तो उन्हें लाभ मिलता है.

आप जंक फूड का सेवन करने वालों में से हैं तो आपको आंवला (Amla) जरूर खाना चाहिए, रात को सोने से पहले आंवला (Amla) खाएं इससे पेट में हानिकारक तत्व इकट्ठा नहीं हो पाएंगे व पेट साफ रहेगा. मूत्र रोग एवं मूत्र सम्बन्धी परेशानी में भी आंवला (Amla) का सेवन करना फायदेमंद होता है.

आंवला (Amla) हानिकारक टांक्सिन को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है, व रक्त को साफ करता है. अगर आपके दांत व मसूड़ों में तकलीफ हो रही है तो एक कच्चा आंवला (Amla) नियमित खाएं आपको लाभ मिलेगा.

गर्मियों के मौसम में सुबह खाली पेट में एक आंवले का मुरब्बा खा कर पानी पीने से शरीर अंदर से शीतल रहता है. इसकी चटनी खाने में अच्छी लगती है और पाचन क्रिया को दुरूस्त करती है. तो चलिए आज से हम सब आंवले का सेवन शरू करते हैं.





sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 09-04-2015, 10:41 AM   #22
rakeshkhare
Junior Member
 
Join Date: Mar 2015
Posts: 2
Rep Power: 0
rakeshkhare is on a distinguished road
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

please send us symptoms & treatment of spondylitis
rakeshkhare is offline   Reply With Quote
Old 09-04-2015, 12:29 PM   #23
Deep_
Moderator
 
Deep_'s Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 38
Deep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond repute
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

This is what i found on internet

करें वज्रासन, नहीं सताएगा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
आधुनिक जीवनशैली की कुछ प्रमुख बीमारियों में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस भी है। योग की कुछ क्रियाओं से इसका पूरी तरह इलाज किया जा सकता है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस गरदन में स्थित रीढ़ की हड्डियों में लम्बे समय तक कड़ापन होने, गरदन तथा कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ सिर में दर्द होने की स्थिति को कहते हैं। यह दर्द धीरे-धीरे कंधे से आगे बाहों तथा हाथों तक बढ़ जाता है।

क्या है कारण
आधुनिक जीवनशैली इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण है। कम्प्यूटर पर अधिक देर तक काम करना, गलत तरीके से बैठना, आरामतलब जिन्दगी, व्यायाम न करने की आदत तथा मानसिक तनाव इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। योग के अभ्यास से इस समस्या से मुक्ति पाने में सहायता मिलती है। जल्दी पता चल जाए तो रोग पर काबू पाया जा सकता है।

योग क्रियाएं
कुर्सी पर या जमीन पर रीढ़ को सीधी कर बैठ जाएं। चेहरे को दाएं कंधे की तरफ सुविधाजनक स्थिति तक ले जाएं। इसके बाद वापस पूर्व स्थिति में आ जाएं। इसके तुरन्त बाद चेहरे को बाएं कंधे की ओर ले जाएं। पांच सेकेंड तक इस स्थिति में रुककर वापस पूर्व स्थिति में आएं। अब सिर को पीछे की ओर आरामदायक स्थिति तक ले जाएं। थोड़ी देर इस स्थिति में रुकने के बाद पूर्व स्थिति में आएं। सिर को सामने की ओर न झुकने दें।

दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में गूंथकर हथेलियों को सिर के पीछे मेडुला पर रख कर हथेलियों से सिर को आगे की ओर तथा सिर से हाथों को पीछे की ओर पूरे जोर के साथ इस प्रकार दबाव दीजिए कि हाथ तथा सिर अपनी जगह से हिले-डुले नहीं। इस स्थिति में कुछ समय तक दबाव रखते हुए वापस पूर्व स्थिति में आएं।
इसके बाद, हथेलियों को माथे पर रख कर दबाव डालिए। अन्त में हथेलियों से ठुडी को पूरे जोर के साथ दबाएं। इन्हें पांच-पांच बार दुहराएं।

आसन
ऐसे लोगों को गरदन को आगे झुकाने वाले आसनों का अभ्यास नहीं करना चाहिए। रोग की गंभीर स्थिति में सबसे पहले फिजियोथेरेपी का सहारा लेना चाहिए। जब थोड़ा आराम मिल जाए तो वज्रासन, सर्पासन, मकरासन, भुजंगासन का अभ्यास करना चाहिए। जब दर्द बहुत कम हो जाए तो योग्य मार्गदर्शन में मत्स्यासन, सुप्त वज्रासन, सरल धनुरासन आदि को अभ्यास में जोड़ देना चाहिए।

मत्स्यासन की अभ्यास विधि
पैरों को सामने फैला कर जमीन पर बैठ जाएं। इसके बाद दाएं पैर को घुटने से मोड़ कर इसके पंजे को बाईं जांघ पर तथा बाएं पंजे को दाईं जांघ पर रखें। यह पद्मासन है। पद्मासन में बैठ कर दोनों हाथों के सहारे पीछे जमीन पर इस प्रकार लेटें कि सिर का ऊपरी भाग जमीन पर आ जाए। इस स्थिति में गरदन तथा रीढ़ जमीन से ऊपर वृत्ताकार होते हैं। दोनों हाथों से पैर के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुक कर वापस पूर्व स्थिति में आएं।

इन बातों का ध्यान रखें

गरदन पर पट्टा बांधना लाभदायक होता है।
कड़े बिस्तर पर सोना चाहिए तथा अधिक वजन नहीं उठाना चाहिए।
सिर को आगे की ओर झुका कर काम नहीं करना चाहिए।
Deep_ is offline   Reply With Quote
Old 09-04-2015, 12:30 PM   #24
Deep_
Moderator
 
Deep_'s Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 38
Deep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond repute
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

ऐलोपैथी में इसका कोई इलाज नहीं है। दर्द से क्षणिक आराम के लिए वे दर्दनाशक गोलियाँ दे देते हैं, जिनसे कुछ समय तो आराम मिलता है, लेकिन आगे चलकर वे बहुत हानिकारक सिद्ध होती हैं और उनका प्रभाव भी खत्म हो जाता है।

दूसरे इलाज के रूप में डाक्टर लोग एक मोटा सा पट्टा गर्दन के चारों ओर लपेट देते हैं, जिससे सिर नीचे झुकाना असम्भव हो जाता है। लम्बे समय तक यह पट्टा लगाये रखने पर रोगी को थोड़ा आराम मिल जाता है, लेकिन कुछ समय बाद समस्या फिर पहले जैसी हो जाती है, क्योंकि अपनी मजबूरियों के कारण वे कम्प्यूटर का प्रयोग करना बन्द नहीं कर सकते।

लेकिन योग चिकित्सा में इसका एक रामबाण इलाज है। स्वामी देवमूर्ति जी, स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी और स्वामी रामदेव जी ने इसके लिए कुछ ऐसे सूक्ष्म व्यायाम बताये हैं जिनको करने से इस समस्या से स्थायी रूप से मुक्ति मिल सकती है और रोगी सामान्य हो सकता है। इन व्यायामों को मैं संक्षेप में नीचे लिख रहा हूँ। इनका लाभ मैंने स्वयं अपनी सर्वाइकल स्पौंडिलाइटिस की समस्या को दूर करने में उठाया है और अन्य कई लोगों को भी लाभ पहुँचाया है। इन्हीं व्यायामों के कारण मैं दिन-रात कम्प्यूटर पर कार्य करने में समर्थ हूँ और कई दर्जन पुस्तकें लिख पाया हूँ।

व्यायाम इस प्रकार हैं-

ग्रीवा-
(1) किसी भी आसन में सीधे बैठकर या खड़े होकर गर्दन को धीरे-धीरे बायीं ओर जितना हो सके उतना ले जाइए। गर्दन में थोड़ा तनाव आना चाहिए। इस स्थिति में एक सेकेंड रुक कर वापस सामने ले आइए। अब गर्दन को दायीं ओर जितना हो सके उतना ले जाइए और फिर वापस लाइए। यही क्रिया 10-10 बार कीजिए। यह क्रिया करते समय कंधे बिल्कुल नहीं घूमने चाहिए।
(2) यही क्रिया ऊपर और नीचे 10-10 बार कीजिए।
(3) यही क्रिया अगल-बगल 10-10 बार कीजिए। इसमें गर्दन घूमेगी नहीं, केवल बायें या दायें झुकेगी। गर्दन को बगल में झुकाते हुए कानों को कंधे से छुआने का प्रयास कीजिए। अभ्यास के बाद इसमें सफलता मिलेगी। तब तक जितना हो सके उतना झुकाइए।
(4) गर्दन को झुकाए रखकर चारों ओर घुमाइए- 5 बार सीधे और 5 बार उल्टे। अन्त में, एक-दो मिनट गर्दन की चारों ओर हल्के-हल्के मालिश कीजिए।

कंधे-
(1) सीधे खड़े हो जाइए। बायें हाथ की मुट्ठी बाँधकर हाथों को गोलाई में 10 बार धीरे-धीरे घुमाइए। घुमाते समय झटका मत दीजिए और कोहनी पर से हाथ बिल्कुल मत मुड़ने दीजिए। अब 10 बार विपरीत दिशा में घुमाइए।
(2) यही क्रिया दायें हाथ से 10-10 बार कीजिए।
(3) अन्त में दोनों हाथों को इसी प्रकार एक साथ दोनों दिशाओं में 10-10 बार घुमाइए।

कंधों के विशेष व्यायाम-
(1) वज्रासन में बैठ जाइए। दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर सारी उँगलियों को मिलाकर कंधों पर रख लीजिए। अब हाथों को गोलाई में धीरे-धीरे घुमाइए। ऐसा 10 बार कीजिए।
(2) यही क्रिया हाथों को उल्टा घुमाते हुए 10 बार कीजिए।
(3) वज्रासन में ही हाथों को दायें-बायें तान लीजिए और कोहनियों से मोड़कर उँगलियों को मिलाकर कंधों पर रख लीजिए। कोहनी तक हाथ दायें-बायें उठे और तने रहेंगे। अब सिर को सामने की ओर सीधा रखते हुए केवल धड़ को दायें-बायें पेंडुलम की तरह झुलाइए। ध्यान रखिये कि केवल धड़ दायें-बायें घूमेगा, सिर अपनी जगह स्थिर रहेगा और सामने देखते रहेंगे। ऐसा 20 से 25 बार तक कीजिए।

इन सभी व्यायामों को एक बार पूरा करने में मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं। इनको दिन में 3-4 बार नियमित रूप से करने पर स्पोंडिलाइटिस और सर्वाइकल का कष्ट केवल 5-7 दिन में अवश्य ही समाप्त हो जाता है। सोते समय तकिया न लगायें तो जल्दी लाभ मिलेगा।
Deep_ is offline   Reply With Quote
Old 12-04-2015, 10:37 PM   #25
rakeshkhare
Junior Member
 
Join Date: Mar 2015
Posts: 2
Rep Power: 0
rakeshkhare is on a distinguished road
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

please send us gastric /vat symptoms & treatment
rakeshkhare is offline   Reply With Quote
Old 13-04-2015, 12:50 AM   #26
Arvind Shah
Member
 
Arvind Shah's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Banswara, Rajasthan
Posts: 172
Rep Power: 17
Arvind Shah is a splendid one to beholdArvind Shah is a splendid one to beholdArvind Shah is a splendid one to beholdArvind Shah is a splendid one to beholdArvind Shah is a splendid one to beholdArvind Shah is a splendid one to behold
Default Re: आयुर्वेदिक औषधियां

स्पोडिलाईटिस और सवाईकल की समस्या के लिए बहुत ही अच्छी जानकारी दी दीपा भाई ! धन्यवाद!!
Arvind Shah is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
ayurveda, ayurvedic medicines, doctor, good health, healthcare, medicines

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:15 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.