07-11-2011, 12:23 PM | #21 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
07-11-2011, 08:02 PM | #22 |
Member
Join Date: Nov 2011
Location: आपके दिल में
Posts: 60
Rep Power: 13 |
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
भूपेन हजारिका के निधन से समस्त संगीत जगत को बहुत ही बड़ी क्षति हुई है.
|
08-11-2011, 07:14 PM | #24 |
VIP Member
|
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
बिन्दु
निंदिया बिन रैना - कोमल चांद पिघला मुंह अंधेरे ओस की बूंदें उतरी मेघ को चीरते हुए राजहंस सूरज के सातों घोड़ों की मंथर गति की आवाज मेरी चेतना में प्रवेश करते हैं सीने का स्पर्श करता है एक नया गहरा सागर लहर विहीन जिसकी एक बिन्दु हौले से लटक रही है मेरे आंगन में झड़े हुए रातरानी की सफेद पंखुड़ी पर शायद शरत आ गया एक गुप्तांग दो स्तन कुछ अल्टरनेट सेक्स छिप न सके, इसके लिए डिजाइनर की तमाम कोशिश हर आदमी एक द्वीप की तरह एके फोर्टी सेवन जिन्दाबाद आदिम छन्द हेड हंटर का।
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
08-11-2011, 07:16 PM | #25 |
VIP Member
|
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
मग्न
क्षण-क्षण करते हुए क्षण का विश्लेषण क्षण होता ध्यानमग्न मग्न ज्योति की बेड़ियां तोड़कर चमकता स्फुर्लिंग वहीं तुमसे मिला
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
08-11-2011, 07:23 PM | #26 |
VIP Member
|
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
बन्धु
(कैमरामैन संतोष शिवन के लिए) बन्धु कुछ शराब कुछ सिगरेट कुछ लापरवाही कुछ धुआं कुछ दायित्वहीनता सोचते हो यही है सुकून मगर बन्धु मरोगे मरोगे उम्र शून्य - मृत्यु के बाद तुम क्या तुम रह जाओगे, बन्धु - दृश्य अदृश्य होता है देह सौन्दर्य पहेली बनता है बची रहती है आग की चमक बन्द दुर्ग जीवन रंगशाला है तुम कहां हो गजदन्त मीनार पर या किसी बन्द दुर्ग के भीतर मीनार को ढंक दिया है बादल ने मीनार जीर्ण-शीर्ण हो गया है दुर्ग धंस रहा है टूट रहा है आदर्श का दुर्ग और तुम नर्सिसस, अपने-आप में व्यस्त झूठा झूठा स्वर्ग।
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
08-11-2011, 07:25 PM | #27 |
VIP Member
|
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
दशमी
एक सुर दो सुर, सुर के पंछियों का झुण्ड झुण्ड के झुण्ड सुर बसेरे बनाते हैं मन-शिविर में आवाजाही जारी रहती है शब्द का पताका तूफान कुछ लोग गीतों के जरिए सामने आते हैं कण्ठरुद्घ प्रकाश कण्ठहीन कण्ठ से अनगिनत अन्तराएं आबद्घ होता है नाद ब्रह्म एक सुर दो सुर सुर के पंछियों का झुण्ड शून्य में उड़ता है विसर्जन की प्रतिमा की तरह
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
08-11-2011, 07:26 PM | #28 |
VIP Member
|
Re: भूपेन हजारिका : श्रद्धांजलि
आईना
चाह की ऊंचाई पर मन भी कैसा है कैसा है आईना पूरी तरह कोई मन को ही बना देता है आईना आईना को सौंपोगे कुछ न इंकार करेगा न स्वीकार। आईना से मांगोगे कुछ लेगा नहीं कुछ, न ही देगा फेंकेगा नहीं कुछ कैसा है आईना मन कैसा है चाह की ऊंचाई पर ...
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
Bookmarks |
|
|