20-12-2014, 02:11 PM | #1 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
निर्दलीय श्वान-प्रेम
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
20-12-2014, 02:14 PM | #2 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
Re: निर्दलीय श्वान-प्रेम
सूत्र-लेखक स्वयं दूर से इन निर्दलीय श्वानों अथवा इनके पुत्र-पुत्रियों को बिस्कुट बाँटकर अपना श्वान-प्रेम प्रकट करते रहते हैं। वह दिन दूर नहीं जब सूत्र-लेखक के पीछे सम्पूर्ण शहर के दस हज़ार कुत्ते होंगे और जहाँ-जहाँ सूत्र-लेखक भ्रमण करेंगे वहाँ-वहाँ उनके पीछे तमाम निर्दलीय श्वान दुम हिलाते हुए पीछे लग जाएँगे। सूत्र-लेखक के अनुभव के अनुसार इन निर्दलीय श्वानों को खिलाना-पिलाना कभी व्यर्थ नहीं जाता। यदि आप इन निर्दलीय श्वानों को नियमित रूप से खिलाते-पिलाते हैं तो ये निर्दलीय श्वान आपको कभी नहीं काटेंगे। इसका अर्थ यह नहीं है कि आप जिन श्वानों को खिलाते-पिलाते हैं सिर्फ़ वे श्वान ही आपके परिचित होने के कारण आपको नहीं काटेंगे। आप देश के किसी भी हिस्से में इन निर्दलीय श्वानों को खिलाइए-पिलाइए और आपको इसका फल ‘रोमिंग बेसिस’ पर सर्वत्र मिलेगा। सूत्र-लेखक के एक व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार उन्होंने देश के एक भाग में इन निर्दलीय श्वानों को खिलाया-पिलाया जिसके कारण चमत्कारिक ढंग से देश के दूसरे भाग के निर्दलीय श्वान बिना खिलाए-पिलाए ही इन्हें देखकर अपनी दुम हिलाने लगते हैं और इनके आगे-पीछे मँडराते हैं। शायद ये निर्दलीय श्वान अपनी विशेष अतीन्द्रिय शक्ति द्वारा अपने हितैषियों की पहिचान कर लेते हैं। इस सम्बन्ध में और अधिक शोध की आवश्यकता है।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
20-12-2014, 02:15 PM | #3 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
Re: निर्दलीय श्वान-प्रेम
अब चलते-चलते हम यह बता दें कि ‘निर्दलीय श्वान’ किस बला का नाम है? निर्दलीय श्वान से हमारा तात्पर्य सड़क के आवारा कुत्तों से हैं जिन्हें अँग्रेज़ी में ‘स्ट्रे’ कहते हैं। निर्दलीय इसलिए कि ये कुत्ते किसी के पालतू नहीं होते।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
Bookmarks |
|
|