03-01-2022, 12:59 PM | #1 |
Diligent Member
|
चप्पल और ट्रेन
Last edited by आकाश महेशपुरी; 04-01-2022 at 05:12 AM. |
03-01-2022, 01:13 PM | #2 |
Diligent Member
|
Re: चप्पल और ट्रेन
चप्पल और ट्रेन
एक समय की बात है, मैं और मेरे एक करीबी मित्र सपरिवार रेलगाड़ी से बनारस की यात्रा पर थे। बातचीत हँसी-मजाक का दौर चल रहा था, तभी एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी। पूछने पर यात्रियों ने बताया कि यह ट्रेन यहाँ लगभग आधे घण्टे तक रुकती है। मौका अच्छा था, हम लोग कुछ खाने पीने के उद्देश्य से नीचे उतर आये। पेट पूजा के बाद हम पुनः ट्रेन में चढ़ने लगे। इसी दौरान मित्र की बिटिया का एक चप्पल गिर कर ट्रेन की पटरी तक चला गया। मित्र ने बिटिया से कहा ‘बेटी! चप्पल ऐसी जगह गिरा है कि वहाँ से लाना सम्भव नहीं है। चलो बनारस में नया खरीद देंगे।’ हम सब यथास्थान आकर बैठे ही थे कि हममें से किसी ने कहा ‘अभी ट्रेन के रुके दस मिनट भी नहीं हुए, यह 20 मिनट के बाद ही यहाँ से हिलेगी। जाइये चप्पल उठा लाइये, कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं पहले भी यात्रा कर चुका हूँ, ट्रेन पूरे आधे धण्टे तक रुकी थी।’ इतना सुनते ही मित्र ट्रेन से उतरे और पहिये के पास पड़ी चप्पल उठा लाये। जैसे ही वह आकर अपनी जगह पर बैठे, ट्रेन चलने लगी। यह देखकर हम सबके रोंगटे खड़े हो गए। लघुकथा- आकाश महेशपुरी दिनांक- 03/01/2022 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 |
25-01-2022, 04:38 PM | #3 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: चप्पल और ट्रेन
बहुत सुन्दर व लोमहर्षक प्रसंग.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
Bookmarks |
|
|