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Old 14-09-2015, 03:29 PM   #1
Rajat Vynar
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Talking दुर्भाग्यपूर्ण पदावनति

लगभग डेढ़ दशक की कालावधि में अन्तर्जाल में उपलब्ध अन्तर्राष्ट्रीय गपशप संगोष्ठी मंचों यथा- मोपाइलट, प्रोडिजिट्स, वैपाक, डिस्टार्टेडमाइण्ड, एम०जी० बेन, डेजावूवैप, नियोकुल्ट, लीकुल्ट, फ्रियाकी, फ़ीनिक्सबाइट्स, ऑन-द-पुल इत्यादि अँग्रेजों के वैप-मंचों पर सर्फिंग करके अपने यूनिक सूत्रों के कारण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने के बाद आज अपनी दुर्भाग्यपूर्ण पदावनति देखकर हमारा दिल खून के आँसू रो रहा है, क्योंकि आज हम हिन्दी मंचों की दया-कृपा से 'अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त' जैसे उच्च स्तर से चारों खाने चित गिरकर 'राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त' के निम्न स्तर पर पहुँच चुके हैं! आप स्वयं निर्णय लीजिए- 'मिस युनिवर्स' रहने के बाद कौन 'मिस इण्डिया' बनना पसन्द करेगा?

कभी अँग्रेज़ गर्व से कहा करते थे कि 'अँग्रेजों के शासन में कभी सूर्य अस्त नहीं होता।' ठीक इसी प्रकार कभी आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपाइन्स, साउथ अफ्रीका, इज़रायल, मालदीव, श्रीलंका, पाकिस्तान से लेकर युनाइटेड किंगडम, यूरोप, अमेरिका, वेस्टइण्डीज़, कनाडा और ब्राजील तक के 'वैप-यूज़र्स' का सबेरा हमारे ही 'यूनिक पोस्ट' पढ़कर होता था! हमारा पोस्ट पढ़े बिना अँग्रेज़ों का खाना नहीं हज़म होता था। कभी हमारा निकनेम अँग्रेज़ों के मंच पर 'सब्जेक्ट' अर्थात् पोस्ट का शीर्षक हुआ करता था। कोई ऐसा दिन नहीं होता था जब हमारे निकनेम पर किसी अँग्रेज़ का कोई पोस्ट न आए। पोस्ट ओपन करके देखने पर अन्दर एक ही बात अँग्रेज़ी में लिखी होती थी- 'अतिथि, तुम कब जाओगे?' यहाँ पर हमने अपनी ओर से अँग्रेज़ों के लिखे वाक्य को काफी सुधारकर मनोनुकूल अनुवाद करके लिखा है जिससे हमारी इज्ज़त बनी रहे, वर्ना अँग्रेज़ तो बहुत ही शार्ट में 'बहुत ही प्यार' से 'फ़कॉफ़' लिखकर रफूचक्कर हो जाते थे! कारण? हमारे क्यूट पोस्टों को पढ़कर अँग्रेज़ों का बी०पी० एकदम से हाई हो जाता था। हमारे पोस्ट होते ही इतने क्यूट थे, यथा-

"कृपया अपनी राय दें-

मैं अपने हैलिकॉप्टर को सुनहरे रंग से रंगना चाहता हूँ। क्या सुनहला रंग हैलिकॉप्टर पर जमेगा? यहाँ पर और कोई है जिसने अपने हैलिकॉप्टर को सुनहले रंग से रंगवाया हो?"

बस इतना पढ़ते ही अँग्रेज़ जल-भुन जाते थे, क्योंकि मंच पर किसी के पास हैलीकॉप्टर नहीं था। था तो हमारे पास भी नहीं था!

यहाँ पर हमारे लेख को पढ़कर बहुत से पुराने 'इण्डियन वैप प्लेयर्स' स्त्री-पुरुषों के कान खड़े हो गए होंगे और वे निःसंदेह हमें पहचानने की कोशिश कर रहे होंगे, किन्तु पहचान नहीं पा रहे होंगे। कैसे पहचानेंगे? यहाँ पर हमारा वह नाम नहीं है जो कभी अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर हुआ करता था। हमें पहचानने के लिए हमारे अवतार को ध्यान से देखें, क्योंकि आज भी हमारा अवतार वही है जो कभी अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर हुआ करता था! कुछ याद आया? याद आने पर हमें तत्काल सूचित करें।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY!
First information: https://twitter.com/rajatvynar
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Last edited by Rajat Vynar; 17-09-2015 at 04:51 PM.
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