22-01-2011, 03:14 PM | #1 |
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!!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। कालांतर में नगर का विकास इसी डेरे का आस-पास प्रारंभ हुआ। इस प्रकार डेरा शब्द के दून शब्द के साथ जुड़ जाने के कारण यह स्थान देहरादून कहलाने लगा।, कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि देहरा शब्द स्वयं में सार्थकता लिए हुए है, इसको डेरा का अपभ्रंश रूप नहीं माना जा सकता है। देहरा शब्द हिंदी तथा पंजाबी में आज भी प्रयोग किया जाता है। हिंदी में देहरा का अर्थ देवग्रह अथवा देवालय है, जबकि पंजाबी में इसे समाधि, मंदिर तथा गुरुद्वारे के अर्थो में सुविधानुसार किया गया है। इसी तरह दून शब्द दूण से बना है और यह दूण शब्द संस्कृत के द्रोणि का अपभ्रंश है। संस्कृत में द्रोणि का अर्थ दो पहाड़ों के बीच की घाटी है। यह भी विश्वास किया जाता है कि यह पूर्व में ऋषि द्रोणाचार्य का डेरा था। देहरादून रेलवे स्टेशन
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22-01-2011, 03:17 PM | #2 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
अनुक्रम
१ इतिहास २ भूगोल और जलवायु २.१ भौगोलिक स्थिति २.२ जलवायु ३ दर्शनीय स्थल ४ शिक्षा संस्थान ५ संस्कृति ६ स्थापत्य ७ अर्थ व्यवस्था ८ फ़ोटो दीर्घा ९ संदर्भ १० बाहरी कड़ियां
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22-01-2011, 03:19 PM | #3 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
इतिहास
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का गौरवशाली इतिहास अनेक पौराणिक गाथाओं एवं विविध संस्कृतियों को अपने आगोश में समेटे हुए है। रामायण काल से देहरादून के बारे में विवरण आता है कि रावण के साथ युद्ध के बाद भगवान राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण इस क्षेत्र में आए थे। द्रोणाचार्य से भी इस स्थान का संबंध जोड़ा जाता है।. इसी प्रकार देहरादून जिले के अंतर्गत ऋषिकेश के बारे में भी स्कंद पुराण में उल्लेख है कि भगवान विष्णु ने दैत्यों से पीड़ित ऋषियों की प्रार्थना पर मधु-कैटभ आदि राक्षसों का संहार कर यह भूमि ऋषियों को प्रदान की थी। पुराणों मे देहरादून जिले के जिन स्थानों का संबंध रामायण एवं महाभारत काल से जोड़ा गया है उन स्थानों पर प्राचीन मंदिर तथा मूर्तियाँ अथवा उनके भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं। इन मंदिरों तथा मूर्तियों एवं भग्नावशेषों का काल प्राय: दो हजार वर्ष तथा उसके आसपास का है। क्षेत्र की स्थिति और प्राचीन काल से चली आ रही सामाजिक परंपराएँ, लोकश्रुतियाँ तथा गीत और इनकी पुष्टि से खड़ा समकालीन साहित्य दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र रामायण तथा महाभारत काल की अनेक घटनाओं का साक्षी रहा है। महाभारत की लड़ाई के बाद भी पांडवों का इस क्षेत्र पर प्रभाव रहा और हस्तिनापुर के शासकों के अधीनस्थ शासकों के रूप में सुबाहु के वंशजों ने यहां राज किया। यमुना नदी के किनारे कालसी में अशोक के शिलालेख प्राप्त होने से इस बात की पुष्टि होती है कि यह क्षेत्र कभी काफी संपन्न रहा होगा। सातवीं सदी में इस क्षेत्र को सुधनगर के रूप में प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी देखा था। यह सुधनगर ही बाद में कालसी के नाम से पहचाना जाने लगा। कालसी के समीपस्थ हरिपुर में राजा रसाल के समय के भग्नावशेष मिले हैं जो इस क्षेत्र की संपन्नता को दर्शाते हैं। देहरादून पर इस ओर से महमूद गजनवी, १३६८ में तैमूरलंग, १७५७ में रूहेला सरदार नजीबुद्दौला]और १७८५ में गुलाम कादिर के गंभीर हमले हुए। १८०१ तक देहरादून में अव्यवस्था बनी रही। १८१६ के बाद अंग्रेज़ों ने इस पर विजय प्राप्त की और अपने आराम के लिए १८२७-१८२८ में लंढोर और मसूरी शहर बसाए। १९७० के दशक में इसे गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया। सन २००० में उत्तरप्रदेश से अलग होकर बने उत्तरांचल और अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को बनाया गया। राजधानी बनने के बाद इस शहर का निरंतर विकास हो रहा है।
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22-01-2011, 03:21 PM | #4 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
भूगोल और जलवायुभौगोलिक स्थिति
देहरादून जिला उत्तर में हिमालय से तथा दक्षिण में शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसमें कुछ पहाड़ी नगर अत्यंत प्रसिद्ध है जैसे मसूरी, सहस्रधारा, चकराता,लाखामंडल तथा डाकपत्थर। पूर्व में गंगा नदी और पश्चिम में यमुना नदी प्राकृतिक सीमा बनाती है। यह जिला दो प्रमुख भागों में बंटा है जिसमें मुख्य शहर देहरादून एक खुली घाटी है जो कि शिवालिक तथा हिमालय से घिरी हुई है और दूसरे भाग में जौनसार बावर है जो हिमालय के पहाड़ी भाग में स्थित है। यह उत्तर और उत्तर पश्चिम में उत्तरकाशी जिले, पूर्व में टिहरी और पौड़ी जिले से घिरा हुआ है। इसकी पश्चिमी सीमा पर हिमांचल प्रदेश का सिरमौर जिला तथा टोंस और यमुना नदियाँ हैं तथा दक्षिण में हरिद्वार जिले और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले इसकी सीमा बनाते हैं। यह २९ डिग्री ५८' और ३१ डिग्री २' ३०" उत्तरी अक्षांश तथा ७७ डिग्री ३४' ४५" और ७८ डिग्री १८' ३०" पूर्व देशांतर के बीच स्थित है। इस जिले में (देहरादून, चकराता, विकासनगर, कलसी, त्यूनी तथा ऋषिकेश) ६ तहसीलें, विज़, चकराता, कलसी, विकासनगर, सहासपुर, राजपुर और डोइवाला नाम के ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ नगर और ७६४ गाँव हैं। इनमें से ७४६ गाँवों में लोग निवास करते हैं जबकि १८ जिले निर्जन हैं। जनपद में साक्षरता ७८.५ प्रतिशत है, पुरुषों की साक्षरता ८५.८७ तथा महिला साक्षरता ७१.२० प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या ६०१९६५ और नगरीय जनसंख्या मात्र ६७७११८ है।
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22-01-2011, 03:22 PM | #5 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
जलवायु
देहरादून जिले की जलवायु समशीतोष्ण है पर ऊँचाई के आधार पर कुछ जगहों पर काफ़ी सर्दी पड़ती है। जिले का आसपास की पहाड़ियों पर सर्दियों में काफ़ी हिमपात होता है पर देहरादून का तापमान आमतौर पर शून्य से नीचे नहीं जाता। गर्मियों में सामान्यतः यहाँ का तापमान २७ से ४० डिग्री सेल्सियस के बीच और सर्दियों में २ से २४ डिग्री के बीच रहता है। वर्षा ऋतु में निरंतर और अच्छी बारिश होती है। सर्दियों में पहाड़ियों पर मौसम सुहावना होता है पर दून घाटी गर्म होती हैं। उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी और पर्याप्त पानी के कारण जनपद में कृषि की हालत अच्छी है।[८] और पहाड़ी के ढ़लानों पर काटकर बनाए गए सीढ़ीनुमा खेतों में खेती होती है।
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22-01-2011, 03:26 PM | #6 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
दर्शनीय स्थल
देहरादून एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहाँ एक ओर नगर की सीमा में टपकेश्वर मंदिर, मालसी डियर पार्क, कलंगा स्मारक, लक्ष्मण सिद्ध, चंद्रबाणी, साईंदरबार, गुच्छूपानी, वन अनुसंधान संस्थान, तपोवन, संतोलादेवी मंदिर, तथा वाडिया संस्थान जैसे दर्शनीय स्थल हैं। तो दूसरी और नगर से दूर पहाड़ियों पर भी अनेक दर्शनीय स्थल हैं। देहरादून जिले के पर्यटन स्थलों को आमतौर पर चार-पाँच भागों में बाँटा जा सकता है- प्राकृतिक सुषमा, खेलकूद, तीर्थस्थल, पशुपक्षियों के अभयारण्य, ऐतिहासिक महत्व के संग्रहालय और संस्थान तथा मनोरंजन। देहरादून में इन सभी का आनंद एकसाथ लिया जा सकता है। देहरादून की समीपवर्ती पहाड़ियाँ जो अपनी प्राकृतिक सुषमा के लिए जानी जाती हैं, मंदिर जो आस्था के आयाम हैं, अभयारण्य जो पशु-पक्षी के प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, रैफ्टिंग और ट्रैकिंग जो पहाड़ी नदी के तेज़ बहाव के साथ बहने व पहाड़ियों पर चढ़ने के खेल है और मनोरंजन स्थल जो आधुनिक तकनीक से बनाए गए अम्यूजमेंट पार्क हैं, यह सभी देहरादून में हैं। प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मसूरी, सहस्रधारा, चकराता,लाखामंडल तथा डाकपत्थर की यात्रा की जा सकती है। संतौरादेवी तथा टपकेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर यहाँ पर हैं, राजाजी नेशनल पार्क तथा मालसी हिरण पार्क जैसे प्रसिद्ध अभयारण्य हैं, ट्रैकिंग तथा रैफ्टिंग की सुविधा है, फ़न एंड फ़ूड तथा फ़न वैली जैसे मनोरंजन पार्क हैं तथा इतिहास और शिक्षा से प्रेम रखने वालों के लिए संग्रहालय और संस्थान हैं। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून
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Last edited by Sikandar_Khan; 22-01-2011 at 03:27 PM. Reason: edit |
22-01-2011, 03:32 PM | #7 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
आवागमन
देहरादून किसी भी मौसम में जाया जा सकता है लेकिन सितंबर-अक्तूबर और मार्च-अप्रैल का मौसम यहाँ जाने के लिए सबसे उपयुक्त है। यहाँ पहुँचने के लिए बहुत से विकल्प हैं। वायुमार्ग दिल्ली से इंडियन एयरलाइंस की सप्ताह में पाँच फ्लाइट जोली ग्रांट हवाई अड्डे तक के लिए जाती है। यह हवाई अड्डा देहरादून २५ किमी की दूरी पर स्थित है रेलमार्ग देहरादून देश के सभी प्रमुख स्टेशनों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, वाराणसी समेत सभी बड़े शहरों से जुडा हुआ है। यहां आने के लिए शताब्दी, मसूरी एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस जैसी तीव्र गति की रेलगाड़ियाँ उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग सड़क मार्ग से देहरादून देश के सभी भागों से सभी मौसमों में जु़डा हुआ है। दिल्ली से देहरादून का सड़क से सफर पूरी तरह सुविधाजनक है और डीलक्स बस आसानी से उपलब्ध है। यहाँ पर दो बस स्टैंड हैं- देहरादून और दिल्ली। शिमला और मसूरी के बीच डिलक्स/ सेमी डिलक्स बस सेवा उपलब्ध है। ये बसें क्लेमेंट टाउन के नजदीक स्थित अंतरराज्यीय बस टर्मिनस से चलती हैं। दिल्ली के गांधी रोड बस स्टैंड से एसी डिलक्स बसें (वोल्वो) भी चलती हैं। यह सेवा हाल में ही यूएएसआरटीसी द्वारा शुरू की गई है। आईएसबीटी, देहरादून से मसूरी के लिए हर 15 से 70 मिनट के अंतराल पर बसें चलती हैं। इस सेवा का संचालन यूएएसआरटीसी द्वारा किया जाता है। देहरादून और उसके पड़ोसी केंद्रों के बीच भी नियमित रूप से बस सेवा उपलब्ध है। इसके आसपास के गांवों से भी बसें चलती हैं। ये सभी बसें परेड ग्राउंड स्थित स्थानीय बस स्टैड से चलती हैं। कुछ प्रमुख जगहों से यहाँ की दूरी- दिल्ली २५५ किमी, हरिद्वार-५४ किमी, ऋषिकेश-४२ किमी, आगरा-३८२ किमी, शिमला-२२१ किमी, यमुनोत्री-२७९ किमी, केदारनाथ-२७० किमी, नैनीताल-२९७ किमी।
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22-01-2011, 03:34 PM | #8 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
शिक्षा संस्थान
देहरादून की शिक्षा संस्थाएँ देहरादूत अत्यंत प्राचीनकाल से अपने शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध रहा है। दून और वेल्हम्स स्कूल का नाम बहुत समय से अभिजात्यवर्ग में शान के साथ लिया जाता है। यहाँ भारतीय प्रशासनिक सेवा और सैनिक सेवाओं के प्रशिक्षण संस्थान हैं जो इसे शिक्षा के क्षेत्र में विशेष स्थान दिलाते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, आई.आई.पी. आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान से भारत के अधिकतम वन अधिकारी बाहर आते हैं। इसी प्रकार यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम फॉर एनर्जी स्टडीज़ उच्च श्रेणी का एक विशेष अध्ययन संस्थान है जो देश में गिने चुने ही हैं। यहाँ सभी धर्मों के अलग अलग विद्यालयों के साथ ही बहुत से पब्लिक स्कूल भी हैं। योग, आयुर्वेद और ध्यान का भी यह नगर लोकप्रिय केन्द्र है। कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्थाएँ शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं, जिनमें नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द वर्चुअल हैंडीकैप (एन.आई.वी.एच) का नाम महत्वपूर्ण है जो दृष्टिहीनों के विकास में सहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संस्थान भारत में पहला है और यहाँ देश की सबसे पहली ब्रेली लिपि की प्रेस है। यह राजपुर रोड पर निरन्तर कार्यशील है और इसका परिसर बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके कर्मचारी परिसर में ही रहते हैं। इसके अतिरिक्त शार्प मेमोरियल स्कूल फॉर द ब्लाइंड नामक निजी संस्था राजपुर में है जो दृष्टि से अपंग बच्चों की शिक्षा तथा पुनर्वास का काम करते हैं। कानों से सम्बन्धित रोगों और अपंगता के लिए बजाज संस्थान (बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ़ लर्निंग) है। ये सभी संस्थाएँ राजपुर मार्ग पर ही स्थित है। उत्तराखण्ड सरकार का एक और केन्द्र है- करूणा विहार, जो मानसिक रूप से चुनौतियाँ झेल रहे बच्चों के लिए कार्य करते है। राफील रेडरचेशायर अर्न्तराष्ट्रीय केन्द्र द्वारा टी.बी व अधरंग के इलाज के लिये डालनवाला में एक अस्पताल है। ये सभी संस्थाएँ देहरादून का गौरव बढ़ाती हैं तथा यहाँ के निवासियों के बेहतर जीवन के प्रति कटिबद्ध हैं।
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22-01-2011, 03:44 PM | #9 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
संस्कृति
देहरादून गढ़वाल क्षेत्र का एक भाग है, इसलिए यहाँ की संस्कृति पर स्थानीय रीति-रिवाजों का काफी प्रभाव है। गढ़वाली यहाँ बोली जाने वाली प्राथमिक भाषा है। इस क्षेत्र में बोली जाने वाली अन्य भाषाएं हैं- हिंदी और अंग्रेजी। यहाँ पर विभिन्न समुदाय और धर्मों को मानने वाले लोग सौहार्द्र के साथ रहते हैं, यहाँ पर लगातार शिक्षा सुविधाओं के विकास, संचार तंत्र के दिन-ब-दिन मजबूत होने और परिवहन व्यवस्था के निरंतर विकास के कारण देहरादून की सामाजिक और सांस्कृतिक पर्यावरण की आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी तेज़ हो गई है। बदलाव की इस धारा को देहरादून में साफतौर पर देखा जा सकता हैं। यह प्रदेश की राजधानी है अतः सभी सरकारी संस्थानों के कार्यालयों का घर भी है। नगर के कार्यकलाप का केन्द्र घंटाघर है जहाँ ऊँचे स्तंभ पर ५ घड़ियाँ लगी हुई हैं। ये सभी समय बताती हैं। देहरादून देश के सर्वोत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों की भूमि भी है। अनेक स्कूलों के विद्यार्थी अपनी यूनीफ़ार्म में चलहलकदमी करते नगर की शोभा बढ़ाते हैं। नीली पट्टी वाली बसें देहरादून की सड़कों की पहचान हैं। इसके अतिरिक्त यातायात के लिए तीन पहिए वाला विक्रम बहुत लोकप्रिय है हाँलाँकि इसको प्रदूषण और शोर के लिए दोषी भी माना जाता है। राजपुर रोड की चहलपहल शाम के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। राजधानी बनने के बाद इसके एक ओर तेज़ी से औद्योगिक विकास के चिह्न भी दिखाई देने लगे हैं फिर भी यह अपनी तमाम खूबियों के बावजूद सुंदर मौसम वाला शांतिपूर्ण छोटा शहर मालूम होता है। यही कारण है कि वर्षो से देहरादून कलाकारों का घर रहा है। शान्ति निकेतन के डीजेन सेन की मूर्ति अब भी विभिन्न बिन्दुओं से शहर की शोभा को बढाती है। देहरादून लेखकों का घर भी रहा है। डेविड कीलिंग, नयनतारा सहगल, एलन सैले, बिल एक्नि और रस्किन बांड या तो लम्बे समय तक देहरादून में रहे या यहाँ अपने ठहराव के समय किताबें लिखी। देहरादून कई प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों का का शहर है, जिनका नाम बड़े ही गर्व के साथ यहां के घंटा घर के संगमरमर के खंभों पर स्वर्णाक्षरों में लिखा हुआ है।
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22-01-2011, 03:51 PM | #10 |
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Re: !!देहरादून( एक खूबसूरत शहर)!!
लोक संस्कृति
इस घाटी की परम्परागत पौशाक ऊनी कम्बल जिसे लाबा कहते है अब भी ऊँचाई पर स्थित गाँव में पहने जाते है। स्त्रियाँ पूरी बाहों की कमीज के साथ साडी़ पहनती है। अंगरा (एक प्रकार की जाकेट) पहनती है। नौजवान औरते घाघरा पहनती है। एक फन्टू (रंगीन स्कार्फ) या एक ओढनी (लम्बा स्कार्फ) जो सिर और कन्धों को ढके हुए हो। दूसरी तरफ पुरूष आमतौर से मिरजई, अंगरखा, लगोंट या धोती बाँधते है। धोती को पहने का तरीका उनके स्तर को प्रदर्शित करता है। उदाहरण के रूप में छोटी धोती का मतलब वे नीची जाति से और लम्बी धोती का मतलब ऊँची जाति से है। सर्दी में पुरूष सदरी (जाकेट), टोपी और घुटनो तक का कोट पहनते है। क्योकि उस क्षेत्र के जंगलो में भाँग उगती है। भाँग का धागा सूत के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसे भाँगला कहते है। देहरादून की अधिकांश जनसंख्या खेती करती है, बडी संख्या में लोग सेना में जाते हैं या व्यापारी होते है या बुद्धिजीवी होते है। लोगो का भोजन सादा है। भोजन में दालभात (दाल-चावल) दोपहर बाद, रोटी सब्जी शाम को। इसके अतिरिक्त आलू गुटका, रायता (स्थानीय, खीरे या ककडी का) उडद की दाल का वड़ा और गेहत की दाल का वडा यहाँ के लोकप्रिय भोजन हैं। तारा की प्रतिमा और स्तूप
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