30-11-2010, 08:28 PM | #1 |
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।।हंसीले कटीले व्यंग्य।।
अपनी पहलवान पत्नी से परेशान होकर
पति बोला रे मेरे प्राणोँ की प्यासी अच्छा हो मैँ गृहस्थी छोड़कर हो जाऊं संन्यासी । चला जाऊं मथुरा या काशी सुनकर पत्नी ने टोका रे सत्यानाशी यदि तू हो गया संन्यासी । चला गया हरिद्वार या काशी तो अपनी आने वाली डेढ़ दर्जन बच्चोँ की टीम किसके सहारे करेगा ? फ्रिज , टी.वी , फर्नीचर इनकी बकाया किश्तेँ क्या तेरा बाप भरेँगा ?
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