My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > Religious Forum
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 01-10-2018, 11:00 PM   #1
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

पौराणिक कथायों में हमने अनेक बार शाप या श्राप दिए जाने के बारे में सुना अथवा पढ़ा है। परन्तु क्या आप जानते हैं महाभारत में ऐसे श्रापों का वर्णन है जिनका असर कहा जाता है कि आज भी धरती पर बना हुआ है।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2018, 11:02 PM   #2
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
युधिष्ठिर द्वारा समस्त स्त्री जाति को श्राप

जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो माता कुंती ने पांडवों को एक रहस्य बताया। उन्होंने बताया कि कर्ण उनका ही भाई था। यह बात सुनकर पांडव बहुत दुखी हुए। क्योंकि उन्होंने अपने ही हाथों से अपने भाई का वध किया था। रहस्य जानने के बाद युधिष्ठिर ने कर्ण का विधिविधान पूर्वक अंतिम संस्कार किया। इसके बाद वे अपनी माता कुंती के पास गये और शोकाकुल अवस्था में उन्होंने समस्त स्त्री जाती को श्राप दे डाला कि आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार का रहस्य नहीं छुपा पायेगी।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2018, 11:04 PM   #3
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
ऋषि शमिक के पुत्र द्वारा राजा परीक्षित को श्राप

जब पांडव स्वर्ग लोक की और प्रस्थान करने लगे तो उन्होंने अपना सम्पूर्ण राज्य अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित के हाथों में सौंप दिया। परीक्षित एक अच्छे राजा थे। उनके शासन काल में प्रजा भी खुश तथा सुखी थी। एक बार राजा परीक्षित का आखेट खेलने का मन हुआ। इसलिए आखेट खेलने के उद्देश्य से वह वन में गये। वहां उन्होंने देखा कि शमीक नाम के ऋषि तपस्या में लीन हैं तथा मौन व्रत धारण किये हुए हैं। राजा ने उनसे बात करनी चाही। परन्तु ऋषि ने कोई जवाब नही दिया। इस बात से राजा परीक्षित को बहुत क्रोध आ गया तथा उन्होंने ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया। जब ऋषि शमिक के पुत्र को यह बात पता चली तो उसने राजा परीक्षित को श्राप दे दिया कि सात दिन बाद राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जाएगी। कलयुग को राजा परीक्षित का भय था। इसलिए वह धरती पर हावी नही हो रहा था। परन्तु इस श्राप के कारण राजा परीक्षित की मृत्यु हो गयी और उनकी मृत्यु के पश्चात् ही कलयुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 01-10-2018 at 11:13 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2018, 11:06 PM   #4
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
श्री कृष्ण द्वारा अश्वत्थामा को श्राप

महाभारत युद्ध के दौरान जब अश्व्थामा ने पांडव पुत्रों का धोखे से वध कर दिया। तब सभी पांडवों समेत श्री कृष्ण उसका पीछा करते हुए महर्षि वेदव्यास के आश्रम जा पहुंचे। अश्व्थामा ने अपने प्राणों को संकट में देख ब्रह्मास्त्र से पांडवों पर वार किया। अपने बचाव में अर्जुन ने भी ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया। वेदव्यास जी ने दोनों अस्त्रों को टकराने से रोक लिया और दोनों को अपने अपने ब्रह्मास्त्र वापिस लेने को कहा। अर्जुन ने ब्रह्मास्त्र वापिस ले लिया। परन्तु अस्त्र वापिस लेने की विद्या से अज्ञात अश्व्थामा ने ब्रह्मास्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी। इस बात से क्रोधित हो कर श्री कृष्ण ने अश्व्थामा को तीन हजार साल पृथ्वी पर भटकने का श्राप दिया और कहा कि तुम किसी भी जगह किसी भी पुरुष से बात चीत नही कर पाओगे। तुम्हारे शरीर से पीब और लहू की गंध आएगी। इस कारण तुम मनुष्यों के बीच भी नही रह पाओगे। दुर्गम वन में ही पड़े रहोगे।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2018, 11:08 PM   #5
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
मांडव्य ऋषि द्वारा यमराज को श्राप

महाभारत में एक प्रसंग में मांडव्य नाम के ऋषि का वर्णन आता है। एक बार राजा ने न्याय करने में भूल कर दी और ऋषि मांडव्य को फांसी पर चढ़ाने का श्राप दे दिया। राजा के आदेश से ऋषि को फांसी पर लटका दिया गया। बहुत समय तक फांसी पर लटके रहने पर भी ऋषि के प्राण नही गए। राजा को अपनी भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने ऋषि मांडव्य को फांसी नीचे उतरवा दिया तथा अपनी गलती की क्षमा मांगने लगे। इसके बाद ऋषि यमराज से मिलने गए और उनसे अपनी सजा का कारण पूछा। यमराज ने बताया कि आपने 12 वर्ष की आयु में एक छोटे से कीड़े की पूंछ में सीक चुभाई थी। जिस कारण आपको यह सजा भुगतनी पड़ी। तब ऋषि ने यमराज को कहा कि इस उम्र में किसी को भी धर्म और अधर्म का ज्ञान नही होता। परन्तु फिर भी आपने मुझे इसका दंड दिया। इसलिए मैं आपको श्राप देता हूँ कि आप विदुर के रूप में जन्म लेंगे।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 01-10-2018 at 11:13 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2018, 11:11 PM   #6
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: महाभारत में वर्णित कुछ श्राप

महाभारत में वर्णित कुछ श्राप
उर्वशी द्वारा अर्जुन को श्राप

एक बार अर्जुन दिव्यास्त्र पाने के लिए स्वर्ग लोक गया। वहां पर वह उर्वशी नाम की एक अप्सरा से मिला। उर्वशी अर्जुन को देखकर उस पर मोहित हो गयी। परन्तु अर्जुन उसे अपनी माता के समान देख रहा था। इस बात से उर्वशी क्रोधित हो गयी और क्रोध में उसने अर्जुन को नपुंसक होने का श्राप दे दिया और कहा कि स्त्रियों के बीच तुम्हे नर्तक बन कर रहना पड़ेगा। अर्जुन ने यह बात देवराज इंद्र को बताई। तब इंद्र ने अर्जुन से कहा कि तुम्हे चिंतित होने की आवश्यकता नही है। क्योंकि यह श्राप तुम्हारे वनवास के समय वरदान का काम करेगा और अग्यात्वास के समय तुम नर्तिका के वेश में कौरवों से बचे रहोगे।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
महाभारत, शाप, श्राप, curse, curse in mahabharat, mahabharat shraap, shaap


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 03:26 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.