04-12-2010, 03:53 PM | #1 |
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क्या है विकिलिक्स मे???
पिछले महीने ही इंटरनेट से निकले 4 लाख पन्नों के भूत ने अमेरिका के होश उड़ा दिए थे। विकिलीक्स नाम की वेबसाइट ने ऐसे- ऐसे राज़ खोले थे जिससे अमेरिका को दुनिया के सामने शर्मिंदा होना पड़ा था और अब विकिलीक्स एक बार फिर कुछ राज़ फाश करनेवाला है। अमेरिका को डर है कि 40 लाख पन्नों के इस खुलासे से उसके कई देशों से रिश्ते ख़राब हो सकते हैं। विकिलीक्स ने अमेरिका की नाक में दम कर रखा है। ओबामा की रातों की नींद उड़ चुकी है। अभी ज़्यादा दिन नहीं हुए जब 4 लाख पन्नों का राज़ विकिलीक्स ने खोला था। इराक़ की सच्चाई जब गुनाहों के दस्तावेज़ से बाहर निकली थी तो अमेरिका के पास इसका जवाब नहीं था। और अब तो विकिलीक्स चंद दिनों में ही 40 लाख पन्नों का राज़ फाश करनेवाला है। इसकी भनक से ही अमेरिका के होश उड़ गए हैं और शायद उन्हें ये पता चल गया है कि विकिलीक्स किस तरह के दस्तावेज़ लेकर दुनिया के सामने आनेवाला है। लिहाज़ा अमेरिका ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिका को लगता है कि 40 लाख पेज के इन गोपनीय दस्तावेज़ों से उसके संबंध कई देशों से ख़राब हो सकते हैं और इसमें भारत भी शामिल है। तो आईये जानते है इसकी पूरी कहानी। |
04-12-2010, 03:55 PM | #2 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
अमेरिका हर देश के नेताओं से संपर्क में है और सबको सतर्क कर रहा है कि नए खुलासे से अमेरिका के इन देशों से संबंध ख़राब हो सकते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के साथ ही जर्मनी, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस और अफ़गानिस्तान को भी इस खुलासे से चेताया है। हालांकि अमेरिका नहीं चाहता कि विकिलीक्स इन दस्तावेज़ों का खुलासा करे। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मूल के जूलियन एसेंज जो विकिलीक्स के एडिटर हैं उन्होंने हाल ही में इराक वॉर लॉग्स में सनसनीखेज़ खुलासे किए थे और इस बार भी वे रुकने वाले नहीं। अमेरिका के एक सीनियर आर्मी ऑफिसर ने भी चेतावनी दी है कि अगर ये खुलासे होते हैं तो कई लोगों की जान को ख़तरा पैदा हो सकता है और अमेरिकी सेना और उसके साथ काम कर चुके लोगों पर हमले हो सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का मानना है नए खुलासे से ब्रिटेन, तुर्की, डेनमार्क, इस्त्राइल और नॉर्वे से कूटनीतिक संबंधों पर गलत असर पड़ सकता है। ज़ाहिर है अमेरिका नए खुलासे के बाद अपनी जवाबदेही से डरा हुआ है और उसे पता है कि नए खुलासे में कुछ ऐसा है जो उसके दुनिया को देखने के दोहरे नज़रिये को सामने ला सकता है और इससे उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी कुछ खोना पड़ सकता है।
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04-12-2010, 03:57 PM | #3 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
जानना ज़रुरी है उस शख़्स के बारे में जिसने ओबामा की नाक में दम कर रखा है। जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति को सामने से चुनौती दे रहा है और ओबामा दुनिया के सामने गुहार लगा रहे हैं। वे शख़्स हैं जुलियन एसेंज, विकिलीक्स की स्थापना करनेवाला शख़्स। एसेंज का कहना है कि जब मैं 14 साल का था मैंने सॉफ्टवेयर प्रोटेक्शन सिस्टम को समझने और उसे तोड़ने में लग गया था, फिर मैं एक एक्टिविस्ट कम्प्यूटर हैकर बन गया। अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण के दौरान एक युद्धविरोधी प्रदर्शन के तौर पर नासा का कम्प्यूटर हैक कर लिया गया, प्रक्षेपण रद्द करना पड़ा। 6 साल तक मुकदमा चला, मैंने युद्ध के बारे में जानना शुरू कर दिया। इसके बाद जुलियन एसेंज ने हैकर्स और विशेषज्ञों की एक टीम के साथ विकिलीक्स डॉट ओआरजी नाम की वेबसाइट की स्थापना की। यह एक ऐसी वेबसाइट है जिस पर कोई भी अपनी पहचान बताए बगैर गोपनीय दस्तावेज़ों को अपलोड कर सकता है।
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04-12-2010, 03:58 PM | #4 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
दुनिया में ये अपनी तरह की पहली वेबसाइट थी। एक साल के भीतर इस वेबसाइट के डेटाबेस में 12 लाख दस्तावेज़ जमा हो चुके थे। दस्तावेज़ों में बैंकों में फ़र्ज़ीवाड़े से लेकर व्यापार जगत, सरकार और यूएस मिलिट्री के राज़ दफ़्न थे। लेकिन 2009 तक मीडिया में विकिलीक्स को गंभीरता से तब तक नहीं लिया गया जब विकिलीक्स ने यूएस मिलिट्री से जुड़ा एक विडियो जारी किया। वीडियो एनक्रिप्टेड फॉर्म में था जिसे कई देशों में बैठे एक्सपर्ट्स ने डिक्रिप्ट किया। लेकिन इस बीच मई 2010 में वीडियो को विकिलीक्स तक भेजनेवाले यूएस आर्मी के इंटेलिजेंस एनालिस्ट ब्राडली मैनिंग को गिरफ़्तार कर लिया गया। यह पहली बार है जब विकिलीक्स को जानकारी भेजनेवाला सीआईए की गिरफ़्त में है। जुलियन एसेंज के लिए अच्छी ख़बर नहीं थी, उन पर अमेरिका में मुकदमा चल सकता है। लेकिन एसेंज रुके नहीं और उन्होंने अक्टूबर में 4 लाख पन्नों के साथ सबसे बड़ा खुलासा किया जिसमें इराक में अमेरिकी सैनिकों की करतूतों का पूरा हिसाब था। ऐसे में अमेरिका का डरना लाज़मी है। उसके राज़ फाश करनेवाली वेबसाइट विकिलीक्स अब 40 लाख पन्नों का खुलासा करनेवाली है।
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04-12-2010, 06:08 PM | #5 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
भूल वायदे सरकारे जनता के, नींद चैन की सोते हैं उनसे छीन प्रशासन अपना, कलम की शक्ति दिखलाना है अब फिर इनके कर्त्तव्यों की, स्मृति हमें दिलाना है, इनकी काली करतूतों का, पर्दाफाश करना है
विश्व को खुशहाल बनाने, आज क्रांति फिर लाना है अब हमको संकल्पित होकर, प्रगति शिखर पर चढ़ना है |
04-12-2010, 06:37 PM | #6 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
एक महीने पहले जब विकिलिक्स ने 4 लाख पन्नों के दस्तावेज़ जारी किए थे जिसमें इराक की एक- एक सच्चाई दर्ज थी, जिसमें बताया गया था कि किस तरह से अमेरिकी सैनिकों ने इराक में अत्याचार किया, क़त्लेआम किया, मनमानी की और अमेरिकी सेना इस पर खामोश रही। अमेरिका विकिलीक्स से ऐसे ही नहीं डर रहा। अभी तो महीना ही पूरा हुआ है जब सैनिक दस्तावेज़ों के लीक होने का सबसे बड़ा मामला सामने आया था। विकिलीक्स ने इराक में अमेरिका की करतूतों के जो राज़ खोले उसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। इराक वॉर लॉग्स के नाम से जारी हुए 3 लाख 91 हजार 832 दस्तावेजों में इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों के गुनाहों का सारा कच्चा चिट्ठा मौजूद है। दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों ने इराकी कैदियों से सच उगलवाने के लिए हैवानियत की तमाम हदें पार कर दीं।
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04-12-2010, 06:39 PM | #7 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
पूछताछ के नाम पर कैदियों को गंदी गालियां दी गई, उन पर खौलता पानी डाला गया, कोड़े मारे गए, बिजली के झटके दिए गए, बलात्कार किया गया और जब पूछताछ करने को कुछ बचा नहीं तो उन्हें गोली मार दी गई। ये सब सिर्फ अमेरिकी सैनिकों ने नहीं किया, ये इराकी पुलिस और सेना ने भी किया जिसे अमेरिकी सेना ने ट्रेनिंग दी थी। विकिलीक्स के चीफ एडीटर जूलियन एसेंज ने तब इसे सीधे तौर पर युद्ध अपराध का मामला बताया था। विकिलीक्स के चार लाख दस्तावेज मई 2004 से मार्च 2009 के बीच इराक में जुल्म और हैवानियत की वे कहानी बयां करते हैं जिससे अब तक दुनिया अनजान थी। पहली बार इराक में हुई मौतों की पूरी तफसील सामने आई। इन पांच सालों में इराक में (109,032 ) 1लाख नौ हजार और 32 लोगों की मौतें हुई। इनमें (66,081 ) 66 हजार 81 सिविलियन यानी बेगुनाह इराकी और 23 हजार 984 (23,984 ) दुश्मन यानी अमेरिकी कब्जे के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही शामिल थे।
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04-12-2010, 07:59 PM | #8 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
इसके अलावा 15 हजार एक सौ छियानवे(15,196 ) होस्ट नेशन फोर्सेज यानी इराकी सेना और पुलिस के लोग और तीन हजार सात सौ 71 (3,771 ) दोस्त यानी अमेरिकी ब्रिटिश सैनिक इस दौरान इराक में मारे गए। इन दस्तावेजों से पहली बार यह पता चला है कि अमेरिकी सैनिक सिर्फ कत्ल नहीं करते थे वे अपने एक एक गुनाह का हिसाब और ब्योरा भी पूरी तफ्सील के साथ रखते थे। ये दस्तावेज बताते हैं कि इन पांच सालों में हुई मौतों में सबसे बड़ी तादाद सिविलियन्स यानी बेगुनाह इराकी नागरिकों की थी। इस साल जुलाई में विकिलीक्स की ओर से जारी अफगानिस्तान के आंकड़ों के मुकाबले ये तादाद पांच गुनी ज्यादा थी। इराक में अमेरिका के गुनाह और हैवानियत की ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती। दस्तावेज बताते हैं कि इराकी कैदियों से हुए जुल्म के दस्तावेज जब जब अमेरिकी कमांडरों को भेजे गए तो हर बार उन्होंने सिर्फ चार अल्फाज़ लिखे 'आगे कोई जांच नहीं'।
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04-12-2010, 08:02 PM | #9 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
4 लाख पन्नों ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया। ज़ाहिर है 40 लाख पन्नों का आनेवाला अगला खुलासा अमेरिका को दुनिया के कई देशों से दूर कर सकता है और यही अमेरिका का असली डर है। इराक में क़त्लेआम को अंजाम देने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने सभी नियमों को ताक पर रख दिया था और इसका खुलासा किया था विकिलीक्स ने। अब विकिलीक्स जो खुलासा करनेवाला है ज़ाहिर है वह अमेरिका के होश तो उड़ाएगा ही। सद्दाम हुसैन की तानाशाही को खत्म करने के नाम पर इराक में दाखिल हुए अमेरिका ने वही किया जिसकी मुखालफत के नाम पर वे इस जंग में शामिल हुआ था। विकिलीक्स के दस्तावेजों से पहली बार उन 15 हजार इराकियों की मौत की खबर सामने आई है जो अब तक सरकारी रिपोर्ट में गुमशुदा के तौर पर दर्ज थे। सिगैक्ट यानी सिग्निफिकेंट एक्शन इन द वार के नाम से जारी ये दस्तावेज बताते हैं कि इराक में अमेरिकी सैनिकों के कदम रखने के बाद से हर दिन कम से कम 31 इराकी नागरिक की मौत हुई। ये वह सवाल है जिससे अमरीका अब तक बचने की कोशिश करता आया है।
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04-12-2010, 08:05 PM | #10 |
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Re: क्या है विकिलिक्स मे???
अमेरिका की दलील यह है कि वह अफगानिस्तान और इराक में अपने सैनिकों और सूत्रों की जान पर आए खतरे से परेशान है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हालिया खुलासे में अमेरिकी सेना के ऐसे- ऐसे गुनाह सामने आए हैं जिन्हें जानकर दुनिया सन्न रह गई है। फरवरी 2007 में एपाचे हेलीकॉप्टर में मौजूद अमेरिकी सैनिकों ने दो इराकी विद्रोहियों को सरेंडर करने का मौका सिर्फ इसलिए नहीं दिया क्योंकि जैसा कि अमेरिकी सेना के अफसर ने फाइल में नोटिंग दर्ज करते हुए लिखा कि वे लोग वाजिब निशाना हैं और वे हेलिकॉप्टर के सामने सरेंडर नहीं कर सकते। इसी तरह चेक प्वाइंट पर शक की बिनाह पर निहत्थे इराकियों को गोली मारने के कई मामलों का खुलासा पहली बार हुआ है। यही नहीं ब्लैकवाटर नाम की जिस प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी के गार्ड्स पर 2007 में 14 बेगुनाह इराकियों के कत्ल का इल्जाम लगा है। उस बदनाम एजेंसी के कई नए गुनाह भी अब सामने आए हैं। उन दस्तावेजों की अहमियत यह है कि पहली बार यह पता चला है कि अमेरिकी सेना की ट्रेनिंग का इराकी सेना और पुलिस पर क्या असर हुआ है ?
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