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14-09-2014, 01:55 PM | #1 |
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Re: .............मन...............
[QUOTE=rajnish manga;528054]सर्वप्रथम पुष्पा सोनी जी को इस सशक्त कविता के लिये बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ. यदि टाइपिंग व वर्तनी की कुछेक त्रुटियों और कही कहीं अनायास हुये दोहराव को छोड़ दिया जाये तो यह रचना छोटी होने के बावजूद विषय का बखूबी निर्वाह करती है और पाठकों तक कवि का संदेश पूरी शिद्दत से लेकिन स्पष्टता से पहुँचता है. इसका श्रेय कवि द्वारा जीवन की उहापोह एवम् विषमताओं से उपजे भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति को दिया जाना चाहिए.
जीवन में व्यक्ति को शिथिल करने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों के सामने भी कवि उम्मीद का दामन थाम कर चलने तथा ताप सह कर भी तप करने को प्रतिबद्ध है. वह जीवन की कठोर व लम्बी राहों में विचलित हुये बगैर आशाओं का संबल ले कर अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ना चाहता है जहाँ एक हंसती मुस्कुराती ज़िंदगी उसकी प्रतीक्षा कर रही है. [size=3]सोनी जी के लेखन में प्रतिदिन निखार आता जा रहा है. इस रचना के लिये धन्यवाद देते हुये मैं उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता हूँ. आदरणीय रजनीश जी , सबसेपहले आपको बहुत बहुत धन्यवाद आपने इस कविता और कवि के भावो को समझा और त्रुटियों को माफ़ करते हुए इसे पढ़ा और दूसरों के लिए भी इसे सरल शब्दों में समझाया भी , मै आपकी बहुत बहुत अभारी हूँ ... चूँकि बहुत समय से हिंदी का साथ छूट गया था सो गलतिय तो होंगी ही आप सब मुझे अबुध समझकर कृपया माफ़ कीजियेगा और रजनीश जी आपसे एक निवेदन है की पहले से जैसे आप मेरा मार्गदर्शन करते आये हैं वेइसे ही कीजियेगा ताकि मै त्रुटियों के बिना अच्छा लिखू. धन्यवाद |
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