12-02-2012, 05:42 AM | #41 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
कहने को तो यह बरस भी हर गुजरते साल जैसा ही था। सबकी उम्र में 365 दिन का वक्फा जोड़कर यह साल विदा हो गया, लेकिन इस साल खास बात यह रही कि साडी दिल्ली को राजधानी बने एक सौ बरस हो गए और हर गुजरते बरस के साथ इसका जोश और रंगत बढती चली गई। कभी पालकियों और तांगों पर सरकती दिल्ली आज आलीशान गाड़ियों में फर्राटे भर रही है। कभी घंटों बसों का इंतजार करती दिल्ली आज मेट्रो के साथ इठलाती चलती है। एक जमाना था जब दिल्ली के लोगों को फोन का एक कनेक्शन लेने के लिए सालों इंतजार करना पड़ता था, आज यह आलम है कि हर खास ओ आम के हाथ में और कुछ हो न हो मोबाइल जरूर नजर आता है। राजधानी के रूप में दिल्ली की सूरत इस कदर संवर गई है कि इसे दुनिया के खास शहरों में जगह मिलने लगी है। इसके स्मारकों की रंगत संवर रही है और सड़कों इमारतों को भी पहले से बेहतर कर दिया गया है। इसी तरह के एक सर्वेक्षण में 12 दिसंबर को दिल्ली को लगातार दूसरे साल देश का सबसे प्रतिस्पर्धात्मक शहर घोषित किया गया। निवेश के माहौल और कामकाज के लिहाज से विभिन्न शहरों के अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया। पचास शहरों की सूची में दिल्ली के बाद मुंबई, बेंगलूर, पुणे, चेन्नई, गुड़गांव, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद और जयपुर 10 शीर्ष शहरों में शुमार हैं। अध्ययन के आधार पर तैयार रपट में कहा गया ‘विकास और प्रगति जैसे पैमाने महत्वपूर्ण हैं और यदि दिल्ली की यही गति बरकरार रही तो थोड़े समय में इसको पछाड़ना मुश्किल होगा। मसलन इस शहर के भौतिक बुनियादी ढांचे, जनांकिकी, कुछ कारोबारी आयाम महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से हैं।’ दिल्ली को राजधानी घोषित किए जाने के एक सौ साल दरअसल 12 दिसंबर को पूरे हुए। ब्रिटिश काल में 12 दिसंबर 1911 को भारत के तत्कालीन शासक जॉर्ज पंचम ने कोलकाता से नयी दिल्ली को राजधानी घोषित किया और इस शहर का प्राचीन वैभव वापस लौटा। इसके तीन दिन बाद 15 दिसंबर 1911 को किंग्सवे कैंप के ‘दिल्ली दरबार’ में किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी ने नये शहर की आधारशिला रखी थी और इस तरह वर्तमान नयी दिल्ली सामने आयी। ब्रिटिश वास्तुशिल्पी एडविन लुटियन्स तथा हर्बर्ट बाकर ने वर्तमान ‘शहरों के शहर’ की इबारत लिखी। ऐतिहासिक साक्ष्यों के मुताबिक 3000 साल से अधिक समय तक दिल्ली पर कई राजाओं और शासकों ने शासन किया और इनमें से प्रत्येक ने दिल्ली की विरासत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। नयी दिल्ली की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) जैसी अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं ने विभिन्न आयोजन किये। 15 दिसंबर को ‘रेडफोर्ट से रायसीना’ तक शीर्षक पर आधारित फोटो प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें ‘शहरों के शहर’ की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया। इसके अलावा 14 दिसंबर को ‘दास्तान ए दिल्ली’ नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ‘दिल्ली के पकवान’ उत्सव इस शहर की आत्मा को दर्शाता है, जिसमें दिल्ली के पारंपरिक खानपान के अलावा ‘कबाब’, ‘कुल्फी’ और मुंह में पानी लाने वाले व्यंजनों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त रही। नयी दिल्ली की स्थापना के शताब्दी वर्ष के आयोजनों का आनंद इस शहर के खाने पीने के शौकीन लोगों ने जमकर लिया और बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर फूड फेस्टिवल में उनकी खासी भीड़ उमड़ी।
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12-02-2012, 05:50 AM | #42 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
... और टाइम पत्रिका में जगह मिली ‘दंगाई कुत्ते’ को
अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका अगर किसी कुत्ते की सराहना करे तो कैसा लगेगा? बीते बरस बहुत ही सामान्य सी लगने वाली कुछ घटनाओं ने लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया। इन खबरों को देखने पढने के दौरान कुछ लोगों ने खुद को चिकोटी काटकर यह सुनिश्चित किया कि वह सपना नहीं देख रहे। यूनान की राजधानी एथेंस की सड़कों पर घूमने वाला एक आवारा कुत्ता शहर के प्रदर्शनों का मुखौटा बनने और इंटरनेट पर छाने के बाद दिसंबर के तीसरे सप्ताह में टाइम पत्रिका के ‘पर्सन आफ द ईयर’ पुरस्कार में भी सराहा गया। पत्रिका के सालाना सम्मान गैलरी में उसे जगह मिली। इंटरनेट पर यूनानी राजधानी के ‘दंगाई कुत्ता’ के नाम से चर्चित रहे इस कुत्ते का अपना फेसबुक पेज भी है, जहां इसके 24,000 मुरीद हैं। लोउकानीकोस नामक इस कुत्ते को कई प्रदर्शनों में देखा गया। बहरहाल, चीन के एक शहर में कुत्तों के लिए यह साल संकट भरा रहा। रेबीज के बढते मामलों पर काबू पाने के उद्देश्य से चीन के क्वांगदोंग प्रांत के झियांगमेन शहर के प्रशासन ने अगस्त के शुरू में कुत्ते पालने पर पाबंदी लगा दी। जिन लोगों के पास पालतू कुत्ते थे उनसे कहा गया कि वे अपने अपने पालतू कुत्ते शहर की सीमा से बाहर छोड़ आएं अन्यथा उन्हें जबरन जब्त कर लिया जाएगा। उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में कबाइली समुदाय के बुजुर्गों की परिषद ने जून में कैमरे वाले मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने का फरमान सुना दिया। दरअसल एक स्थानीय व्यक्ति की इस बात को लेकर कथित रूप से हत्या कर दी गई थी कि उसके मोबाइल में एक लड़की का फोटो मौजूद था। इसके बाद मदाखेल कबीले की परिषद ने नया फरमान जारी किया। बहरीन की सरकार ने तीन अप्रैल को विपक्ष के एक सबसे बड़े अखबार ‘अल-वसात’ पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने ‘अल-वसात’ पर विरोध प्रदर्शनों को लेकर अनैतिक खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाया। विपक्ष के इस अखबार के आनलाइन संस्करण पर भी पाबंदी लगाई गई। चहेते आॅक्सफोर्ड शब्दकोश में अब आपको कई ऐसे शब्दों के अर्थ भी मिल जाएंगे जिनके अर्थ किसी शब्दकोश के पन्ने टटोलने पर नहीं मिलते। आक्सफोर्ड शब्दकोश के आनलाइन संस्करण में पहली बार इंटरनेट की दुनिया से जुड़े कई ऐसे शब्दों को शामिल किया गया है जो ‘ब्लॉग’ और ‘सोशल नेटवर्किंग साइटों’ की वजह से तेजी से प्रचलित हुए हैं। क्यूबा के जोस कास्टलर ने इस साल 81.8 मीटर लंबा सिगार बना कर पांचवीं बार गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इस सिगार को बनाने के लिए 67 वर्षीय कास्टलर ने 25 अप्रैल से रोज आठ घंटे काम किया। यह सिगार सिर्फ दिखावटी या सजावटी नहीं है, तलब लगे तो इसे सुलगाकर सुट्टा भी लगाया जा सकता है। जीवविज्ञानियों ने करीब 136 साल पहले अंतिम बार देखी गई मेंढक की एक विशेष प्रजाति समेत ‘लुप्त’ मानी जा चुकी मेंढक की पांच प्रजातियों को फिर से ढूंढ निकाला। ‘शेलाजोड्स बब्बल नेस्ट फॅ्राग’ नामक इस मेंढक को आखिरी बार सन् 1874 में तमिलनाडु राज्य के कोडायार में देखा गया था। इसकी त्वचा चमकदार हरी है और इसके शरीर पर सुनहरे रंग के धब्बे हैं। इसकी आंखों की पुतलियों के अंदर काले रंग का घेरा है जो इसे आकर्षक बनाता है।
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01-03-2012, 05:56 PM | #43 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
बहुत कुछ रहेगा वर्ष 2012 की गठरी में
वर्ष 2012 अपने साथ बहुत कुछ ले कर आ रहा है। इसमें भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में भारत के तीसरे अनुसंधान केंद्र की स्थापना से लेकर लंदन में ओलंपिक खेलों का आयोजन और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ब्रिटिश सिंहासन पर ताजपोशी की 60 वीं सालगिरह आदि शामिल हैं। इस साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। पांचों राज्यों में मतदान 30 जनवरी से तीन मार्च के बीच हो रहा है। उत्तर प्रदेश की मतदान प्रक्रिया सबसे लंबी सात चरणों में संपन्न होगी। पांचों राज्यों में मतगणना एक साथ चार मार्च 2012 को होगी। उत्तरप्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटों के लिए 4, 8, 11, 15, 19, 23 और 28 फरवरी को सात चरणों में मतदान होगा। पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 30 जनवरी 2012 को होगा और उत्तराखंड के सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए भी इसी दिन मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे । गोवा के 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदान तीन मार्च 2012 को होगा जबकि मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होगा। दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में अपना पहला स्थायी अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लगभग 28 साल बाद भारत अगले साल मार्च तक इस तरह का एक तीसरा केंद्र स्थापित करने वाला है। ‘भारती’ नाम के स्टेशन का संचालन शुरू होने के बाद भारत उन गिने-चुने देशों की फेहरिस्त में शुमार हो जाएगा, जिनका इस क्षेत्र में ‘मल्टीपल आपरेशन स्टेशन’ है। नया स्टेशन मौजूदा ‘मैत्री’ स्टेशन से 3 हजार किलोमीटर दूर है, जो 1988-89 से देश के लिए काम कर रहा है। यह नया स्टेशन दक्षिणी ध्रुव के पूर्वी हिस्से में स्थित ‘लार्सेमान हिल्स’ में बनाया जा रहा है। वर्ष 2011 में साल भर धूम मचाता रहा ‘लोकपाल विधेयक’ लोकसभा में तो पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में इस पर चर्चा अधूरी रही। अब संप्रग सरकार का कहना है कि यह विधेयक ठंडे बस्ते में नहीं गया बल्कि अगले साल संसद के बजट सत्र में इसे फिर से पेश किया जाएगा। ‘प्राकृतिक आईसक्रीम’ ब्रांड के तौर पर प्रसिद्ध आईसक्रीम कंपनी कामत अवरटाइम्स आईसक्रीम ने अगले चार साल में विस्तार पर 50 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी की योजना संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण एशियाई बाजारों में प्रवेश करने की है। विदेशों में भी अगले साल कई बड़े घटनाक्रम होंगे। ब्रिटेन के लंदन शहर में 27 जुलाई से 12 अगस्त तक ओलंपिक खेलों की धूम मचेगी। यह 30 वें ओलंपिक खेल होंगे। इनके आयोजन के लिए मास्को, न्यूयार्क, मैड्रिड और पेरिस ने भी दावेदारी पेश की थी लेकिन बाजी लगी लंदन के हाथ। लंदन के इतिहास में तीसरी बार आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन उसके यहां होने जा रहा है। अब से पहले 1908 और 1948 में लंदन में ये खेल आयोजित हुए थे। अगले साल तीन जून को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लंदन की टेम्स नदी में एक नौका यात्रा के जरिए ब्रिटिश सिंहासन पर अपनी ताजपोशी की हीरक जयंती मनाएंगी। उनके काफिले में करीब 1,000 नौकाएं रहेंगी। टेम्स में आयोजित होने वाला यह समारोह पिछले 350 साल में सबसे बड़ा होगा। ब्रिटिश सिंहासन पर महारानी की ताजपोशी की इस 60 वीं वर्षगांठ के मौके पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा। रसायन विज्ञान की कक्षाओं में रसायनिक तत्वों के मान के बारे में जानकारी देने के लिए दीवारों पर चिपके ‘पीरियोडिक टेबल’ यानी आवर्त सारणी में दो और तत्व अगले साल जुड़ने वाले हैं। ‘इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड अप्लाइड केमिस्ट्री’ के मुताबिक लीवरमोरियम और फ्लेरोवियम तत्व आवर्त सारणी में जल्द ही 114वां और 116 वां स्थान लेंगे। इस साल तीन तत्व इस टेबल में 110, 111 और 112 वें स्थान पर शामिल किए गए हैं।
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01-03-2012, 06:04 PM | #44 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
थामस के पद से हटने, राष्ट्रमंडल खेलों की जांच को लेकर सुर्खियों में रहा सीवीसी
राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाला जैसे प्रमुख भ्रष्टाचार मामलों की जांच तथा पूर्व प्रमुख पी. जे. थामस के पद से हटने के कारण केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 2011 में सुर्खियों में रहा। इसके अलावा लोकपाल आने से शक्तियों में कमी से आशंकित सीवीसी ने संसदीय समिति के समक्ष संस्थान को प्रभावी, कार्यों का समुचित विभाजन तथा उचित स्वायत्ता दिये जाने की पुरजोर मांग रखी। उच्चतम न्यायालय द्वारा तीन मार्च को थामस की नियुक्ति खारिज किये जाने के बाद आयोग करीब चार महीने तक बिना प्रमुख के काम करता रहा। थामस के उपर भ्रष्टाचार के मामले लंबित थे। इसी कारण न्यायालय ने उनकी नियुक्ति को खारिज किया। पूर्व रक्षा सचिव प्रदीप कुमार ने सीवीसी प्रमुख बनने के बाद अधिकारियों को भ्रष्टाचार एवं अन्य संबंधित मामलों की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया। आयोग ने पारदर्शिता लाने के इरादे से सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पहल शुरू की और सरकारी विभागों में कार्यों के कंप्यूटरीकरण को बढावा दिया। सीवीसी को वित्तीय अनियमितता के 11,000 से अधिक शिकायतें मिली और विभिन्न संगठनों द्वारा सरकारी खरीद समेत कार्यों की जांच के दौरान उसने 75 करोड़ रुपये प्राप्त किये। सीवीसी राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी 71 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में करीब 3,500 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता की जांच कर रहा है। इसमें से 23 मामले युवा एवं खेल मंत्रालय, 14 आयोजन समिति तथा 9 दिल्ली विकास प्राधिकरण तथा छह सीपीडब्ल्यूडी से जुड़ा है। इसके अलावा खेल परियोजनाओं से संबद्ध दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय एवं नई दिल्ली नगर निगम द्वारा किये गये कार्यों की भी जांच की जा रही है। सीवीसी ने सरकारी अधिकारियों के कथित आपराधिक साजिश तथा भ्रष्टाचार से जुड़े पांच मामले आगे की जांच के लिये सीबीआई को सौंपे हैं। सितंबर में प्रेट्र से बातचीत में सीवीसी प्रमुख ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये कंपनियों, उच्च पदों पर आसीन नौकरशाह तथा राजनेताओं को प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक के दायरे में लाने की मांग की। फिलहाल सीवीसी के पास निजी कंपनियों में रिश्वत के मामलों की जांच की शक्ति नहीं है। आयोग ने सरकार को पत्र लिखकर खाली पड़े पदों को भी भरने का अनुरोध किया है। आयोग में कुल 285 कर्मचारी काम करते हैं। इसमें से करीब 10 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।
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01-03-2012, 06:15 PM | #45 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
श्रीलंका 2011: श्रीलंका का मानवाधिकार रिकार्ड अंतर्राष्ट्रीय परीक्षण से गुजरा
श्रीलंका ने इस साल चीन के बढते प्रभाव के आलोक में अपने बड़े पड़ोसी देश भारत के साथ संबंध मजबूत किए, जबकि उसका मानवाधिकार रिकार्ड गहन अंतर्राष्ट्रीय मूल्यांकन से गुजरा। लिट्टे के साथ जातीय संघर्ष के अंतिम चरण में कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर हो रही अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का जवाब देने के लिये राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने लेसन लर्नंट एंड रिकंसिएलेशन कमीशन (एलएलआरसी) का गठन किया, जिसने सरकारी बलों को नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने के आरोप से बरी कर दिया। हालांकि आयोग ने माना कि मानवाधिकार उल्लंघन की छिटपुट घटनाएं हुई और कहा कि यदि ऐसे मामलों के सबूत हों, तो उनकी जांच की जाए। आयोग ने तमिल समुदाय के साथ जातीय के राजनीतिक समाधान का आह्वान किया और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों और खासकर अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वालों दलों के साथ बातचीत की जरूरत बतलाई। हालांकि आयोग की रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से बिल्कुल ही विरोधाभासी थी। संयुक्त राष्ट्र पैनल ने सरकारी सुरक्षा बलों और तमिल विद्रोहियों पर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था और अंतर्राष्ट्रीय जांच की सिफारिश की । सरकार ने संप्रभुता का हवाला देकर अंतर्राष्ट्रीय जांच से इनकार कर दिया। इस साल भारत की नजर श्रीलंका में सुलह प्रक्रिया की प्रगति पर टिकी रही। सितंबर में न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भेंट के दौरान राजपक्ष ने उन्हें तमिल बहुल क्षेत्रों को सत्ता के विकेंद्रीकरण के प्रस्ताव एवं विस्थापितों की पुनर्वास प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया। भारत ने श्रीलंका से तमिल समुदाय की राजनीतिक आकांक्षा के हल के बारे में टोका। उसने आतंरिक रूप से विस्थापितों के शीघ्र पुनर्वास तथा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति की बहाली पर बल दिया। तमिल नागरिकों के पुनर्वास में सक्रिय रूप से शामिल भारतने विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए 500 करोड़ रूपए आवंटित किए है। इस धन का उपयोग 50 हजार विस्थापित परिवारों के पुनर्वास, अस्तपालों में उपकरण, जीविका उपार्जन परियोजनाओं, स्कूलों और प्रशिक्षण केंद्रों की मरम्मत पर खर्च किया जा रहा है। एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहे समुद्री लूटपाट के मद्देनजर दोनों देशों ने सितंबर में त्रिंकोमाली में सैन्याभ्यास किया। इसी बीच भारत ने भारतीय मछुआरों पर श्रीलंका की नौसेना की ज्यादतियों के आरोपों को उच्चतम स्तर पर उठाया।
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01-03-2012, 06:44 PM | #46 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
डोपिंग प्रकरण से जूझता रहा भारतीय एथलेटिक्स
वर्ष 2010 में प्रभावी प्रदर्शन के बाद इस साल भारतीय एथलेटिक्स को बुरा दौर देखना पड़ा, जब राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के तीन स्वर्ण पदक विजेताओं सहित सात शीर्ष एथलीट डोपिंग के दोषी पाए गए। एशियाई खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता अश्विनी अकुंजी और चार गुणा चार सौ मीटर रिले टीम की उनकी साथी सिनी जोस और मनदीप कौर डोपिंग के दोषियों में शामिल रहे। मई और जून में हुए परीक्षण में इन्हें प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन का दोषी पाया गया। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने इन्हें एक-एक साल के लिए प्रतिबंधित किया जिससे अगले साल होने वाले लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेने की इनकी संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई। इतना ही नहीं पिछले साल नायक बनी ये एथलीट इस साल खलनायक बनकर उभरीं। इन दागी एथलीटों के लिए हालांकि यह राहत की खबर रही कि पैनल ने कहा कि प्रतिबंधित पदार्थ लेने में इनकी कोई बड़ी गलती नहीं रही, क्योंकि प्रतिबंधित पदार्थ उनके शरीर में उस संदूषित फूड सप्लीमेंट के जरिए पहुंचे, जिसे यूक्रेन के उनके कोच यूरी ओगोरोदनिक ने मुहैया कराया था। उन्हें इस स्कैंडल के बाद बर्खास्त किया गया। इन तीनों के अलावा प्रियंका पंवार, जौना मुर्मू और टियाना मैरी थामस पर एक साल का कम प्रतिबंध लगाया गया जबकि लंबी कूद के खिलाड़ी हरि कृष्णन को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया गया। भारतीय खेलों में इस साल डोप प्रकरण छाया रहा और खेल मंत्रालय को इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच समिति का गठन करना पड़ा। हालांकि पता चला है कि समिति ने एथलीटों को क्लीन चिट देते हुए माना है कि उन्होंने स्वीकार्य सप्लीमेंट जिनसेंग लिया जो प्रतिबंधित पदार्थों से संदूषित था। पता चला है कि न्यायमूर्ति मुदगल की खेल मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधित पदार्थ एथलीटों के शरीर में संदूषित फूड सप्लीमेंट के जरिये ‘दुर्घटनावश’ पहुंचे। नाडा की प्रयोगशाला में फूड सप्लीमेंट के टेस्ट में पता चला कि यह प्रतिबंधित पदार्थों से संदूषित थे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। देश के एथलीट दक्षिण कोरिया में हुई विश्व चैम्पियनशिप में एक भी पदक जीतने में नाकाम रहे जबकि जापान में एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने ठीक ठाक प्रदर्शन किया। चक्का फेंक के एथलीट विकास गौड़ा और लंबी कूद की एथलीट मयूखा जानी फाइनल में पहुंची लेकिन अंत में क्रमश: सातवें और नौवें स्थान पर रहे। मयूखा एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र एथलीट रही। भारत ने इस प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, दो रजत और आठ कांस्य पदक जीते। मयूखा ने 14.11 मीटर के त्रिकूद के नए राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ कांस्य पदक भी जीता। इस बीच लंदन ओलंपिक के लिए भारत के पांच एथलीटों ने क्वालीफाई कर लिया है। कृष्णा पूनिया (महिला चक्का फेंक), टिंटू लूका, मखूखा जानी, गुरमीत सिंह (पुरुष 20 किमी पैदल चाल) और ओमप्रकाश करहाना ने लंदन खेलों में अपनी जगह पक्की कर ली है।
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01-03-2012, 06:57 PM | #47 |
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
प्राकृतिक आपदा के कारण सिक्किम के लिए दुखद रहा यह वर्ष
विनाशकारी भूकंप में 80 से ज्यादा लोगों की मौत और संपत्ति को हुए भारी नुकसान के कारण सिक्किम के लिए यह साल दुखद रहा। इस वजह से राज्य में पर्यटकों के आगमन और सीमापार से होने वाले व्यापार में भी कमी देखी गई। गत 18 सितंबर को आए 6.8 तीव्रता के भूकंप में 7000 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य को 1000 करोड़ रुपये के पुनर्वास पैकेज का आश्वासन दिया था। राज्य के इतिहास में पर्यटन में रिकार्ड गिरावट देखी गई। अक्तूबर और नवंबर को पर्यटकों के आगमन में 80 प्रतिशत की गिरावट आई। वर्ष की समाप्ति से मात्र कुछ दिन पूर्व उत्तरी सिक्किम में हुए एक सड़क हादसे में टैक्सी के खाई में गिरने से कोलकाता के पांच पर्यटकों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। चीन से लगती भारत की सीमा पर सड़क मार्ग और संपर्क समस्याओं के कारण नाथुला दर्रे से होने वाले व्यापार में कमी आई। भारत ने मई से नवंबर के दौरान सिर्फ 3.8 करोड़ रुपये का व्यापार किया जबकि 2009-2010 में यह 4.1 करोड़ रूपये का था। राजनीतिक मोर्चे पर इस साल विवादास्पद सिक्किम प्रिवेंशन एंड कंट्रोल आफ डिस्टरबेंस आफ पब्लिक बिल विधानसभा में पेश किया गया और कई पक्षों के विरोध के कारण इसे वापस ले लिया गया। विधेयक में सामाजिक दुराचार और अपराध को सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी फैलाने वाला मानते हुए एक विशेष कानून का प्रावधान रखा गया था। दार्जीलिंग हिल्स में गोरखालैंड हड़ताल और बंद के कारण सिक्किम का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से तकरीबन एक पखवाड़े तक कटा रहा।
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Re: 2011 : क्या खोया, क्या पाया ?
फिल्मों के बोल्ड विषयों और सितारों की बोल्ड अदाकारी से विवादों में रहा यह साल
वीना मलिक की बांह पर आईएसआई टैटू लगी नग्न तस्वीर, ‘द डर्टी पिक्चर’ में विद्या बालन का बिंदास अंदाज और ‘डैम 999’ फिल्म को लेकर हुआ राजनीतिक विवाद जैसी घटनाओं से बॉलीवुड और विवादों का साथ इस साल भी बरकरार रहा। पिछले साल ‘बिग बॉस’ कार्यक्रम से चर्चा में आयी वीना मलिक दोबारा इस नये साल में ‘वीना मलिक का स्वंयवर’ कार्यक्रम में नजर आएंगी। 'एफएचएम' पत्रिका में वीना की नग्न तस्वीर छपने के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में हंगामा मच गया, जिसके बाद वीना ने यह नग्न तस्वीर खिंचवाने की बात से इनकार कर दिया और पत्रिका के संपादके पर अपनी तस्वीर से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। वीना ने पत्रिका से 10 करोड़ के हर्जाने का मुकदमा किया। वीना इसके बाद एक फिल्म की शूटिंग के दौरान गायब हो गयी। उनके गुम होने की खबरें आने लगीं जिसके बाद वापस मिलने पर वीना ने कहा कि वो तस्वीर विवाद के बाद पैदा हुए तनाव को दूर करने के लिए एकांतवास में चली गयी थीं। ‘द डर्टी पिक्चर’ फिल्म में दक्षिण की सेक्स सिंबल सिल्क स्मिता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री विद्या बालन को अपने अभिनय और बोल्ड अंदाज के लिए तारीफें और समीक्षकों की सराहना मिली, लेकिन उनके अंग प्रदर्शन को लेकर उनकी आलोचना भी हुई। नवोदित फिल्म निर्देशक सोहन रॉय की फिल्म ‘डैम 999’ को भले ही आस्कर पुरस्कारों की कई श्रेणियों में नामांकन मिला हो लेकिन इस फिल्म को इससे ज्यादा मुल्लापेरियार बांध से जुड़े राजनीतिक विवाद को हवा देने के लिए जाना जाएगा। फिल्म पर केरल और तमिलनाडु के बीच स्थित मुल्लापेरियार बांध के संवेदनशील मुद्दे पर संवेदनाएं भड़काने का आरोप लगा। तमिलनाडु में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक भी लगा दी गयी। ऐश्वर्या राय के गर्भवती होने की खबर से भले ही बच्चन परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन इससे निर्देशक मधुर भंडारकर खुश नहीं थे। ऐश्वर्या निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म ‘हीरोइन’ में काम कर रही थीं। भंडारकर ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि ऐश्वर्या ने उन्हें अपने गर्भवती होने के बारे में नहीं बताया और उनकी इस हालत में फिल्म की शूटिंग करना असंभव है। ऐश्वर्या ने फिल्म की साइनिंग अमांउट वापस कर दी। बाद में भंडारकर ने करीना को मुख्य भूमिका में लेकर फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी। श्रीलंका में हुए आईफा पुरस्कार समारोह को लेकर तमिल फिल्म उद्योग के विरोध प्रदर्शन और इसमें बॉलीवुड कलाकारों से शामिल न होने की अपील को देखते हुए अमिताभ बच्चन श्रीलंका नहीं गए। पिछले दस सालों से पुरस्कार समारोह के ब्रांड अंबेसेडर के रूप में काम कर रहे अमिताभ और आईफा का साथ यहां से छूट गया। अमिताभ की ही प्रकाश झा निर्देशित फिल्म ‘आरक्षण’ को लेकर जातिवादी विवाद मच गया। अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों की आपत्ति के बाद इस फिल्म पर पंजाब, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया। निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्म ‘रॉकस्टार’ के एक दृश्य को लेकर भी विवाद हुआ। फिल्म के इस दृश्य में ‘फ्री तिब्बत’ लिखा झंडा लहराते दिखाया गया था, जिसके लेकर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति की। कर चोरी के संदेह में आयकर विभाग के अधिकारियों ने अभिनेत्री कैटरीना कैफ और प्रियंका चोपड़ा के घरों पर छापे मारे। खबरों के अनुसार प्रियंका चोपड़ा के घर सुबह तड़के हुई छापेमारी में अभिनेता शाहिद कपूर को वहां पाया गया। बाद में प्रियंका ने कहा कि शाहिद उनके पड़ोसी हैं और उन्होंने शाहिद को अपनी मदद करने के लिए बुलाया था।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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