04-04-2011, 01:16 PM | #1 |
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माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत् ॥ || Jai Mata Di ||
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04-04-2011, 01:17 PM | #2 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
1. शैल पुत्री- माँ दुर्गा का प्रथम रूप है शैल पुत्री। पर्वतराज हिमालय के यहाँ जन्म होने से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। नवरात्रि की प्रथम तिथि को शैल पुत्री की पूजा की जाती है। इनके पूजन से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण पूर्ण रहते हैं।
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04-04-2011, 01:17 PM | #3 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
2. ब्रह्मचारिणी- माँ दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। माँ दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।
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04-04-2011, 01:18 PM | #4 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
3. चंद्रघंटा- माँ दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है व आकर्षण बढ़ता है।
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04-04-2011, 01:18 PM | #5 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
4. कुष्मांडा- चतुर्थी के दिन माँ कुष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों, निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।
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04-04-2011, 01:18 PM | #6 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
5. स्कंदमाता- नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।
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04-04-2011, 01:18 PM | #7 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
6. कात्यायनी- माँ का छठवाँ रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है। इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है।
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04-04-2011, 01:18 PM | #8 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
7. कालरात्रि- नवरात्रि की सप्तमी के दिन माँ काली रात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है। तेज बढ़ता है।
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04-04-2011, 01:19 PM | #9 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
8. महागौरी- देवी का आठवाँ रूप माँ गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। महागौरी की पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर क्रांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है। शत्रु-शमन होता है।
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04-04-2011, 01:19 PM | #10 |
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Re: माँ अंबिका के नौ रूप और महिमा
9. सिद्धिदात्री- माँ सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्रि की नवमी के दिन किया जाता है। इनकी आराधना से जातक अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसांयिता, दूर श्रवण, परकाया प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्तनव-निधियों की प्राप्ति होती है।
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चैत्र नवरात्रि, देवी उपासना, नवरात्रि पर्व, नवरात्रि विशेष, नौ दुर्गा |
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