21-09-2011, 08:31 AM | #21 |
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Re: हिन्*दी शायरी
बिन मिले तेरा हाल बना सकते है हमारे प्*यार में इतना दम है की तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं” |
21-09-2011, 08:31 AM | #22 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“उन्*हें ये शिकवा हमसे के
हम उन्*हें याद करते ही नहीं पर कम्*बख्*त उन्*हे ये कौन समझाये की हम उन्*हें याद कैसे करें जिन्*हे हम भूलते ही नहीं” |
21-09-2011, 08:32 AM | #23 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“अहसास बहुत होगा जब छोड के जायेगें
रायेगें बहुत अगर आसूं नहीं आयेगें जब साथ ना दे कोई तो आवाज हते देना आसमां पर भी होगें तो लोट के आयेगें” |
21-09-2011, 08:32 AM | #24 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“आपकों प्*यार करने से डर लगता है
आपकों खोने से डर लगता है कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद अब रात में सोने से डर लगता है” |
21-09-2011, 08:32 AM | #25 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“यूं तो आपको रोज याद कर लिया करते है
मन ही मन में देख लिया करते है क्*या हुआ अगर आप पास नहीं है हम तो दलि में मूलाकात कर लिया करते हैं” |
21-09-2011, 08:32 AM | #26 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“याद में तेरी आखं भरता है कोई
सांस के साथ तुझे याद करता है कोई मौत सच्*चाई है इक रोज सबको आनी है तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई” |
21-09-2011, 08:32 AM | #27 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहे कि तुमसे प्*यार नहीं कुछ तो कसूर है आपकी आखों का हम अकेले तो गुनहगार नहीं” |
21-09-2011, 08:33 AM | #28 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“इतना ना चाहों की भूला ना सके
इतना ना पास आओं की दूर ना जा सकों तन्*हाई में बैठकर ये सोचते है हम कि ना चाहों उसकी जीसे पा ना सको” |
21-09-2011, 08:33 AM | #29 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“जुदाई आपकी रूलाती रहेगी
याद आपकी आती रहेगी पल पल जान जाती रहेगी जब तक जिस्*म में है जान सांस आपसे प्*यार निभाती रहेगी” |
21-09-2011, 08:33 AM | #30 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“भूल में भी किसी को ना रूलाना
जिन्*दगी में सबकों हॅसाना दुश्*मन की भी गले लगाना फिर भी कोई गम हो तो इस बेब पेज को पढ लेना” |
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