26-09-2014, 12:02 AM | #1 |
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कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है ग़ज़लकार: श्री सुरेन्द्र चतुर्वेदी अंग्रेजी रूपांतर: रजनीश मंगा कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है हज़ारों जिस्म हैं तेरे कोई साया नहीं है I No one has realized your true form somehow, ‘Cause you have myriad forms sans a shadow. अगर चाहे तो आकर तू मुझे आबाद कर दे मेरी तन्हाइयो का कोई सरमाया नहीं है I If you please upon me anything ye may bestow, I thrive on my solitude sans any wealth to show. नहीं दर पे सिवा तेरे किसी के मैं गया हूँ सिवा तेरे कोई भी घर मेरे आया नहीं है I Nobody’s but thou threshold have I approached, And nobody but thou hath visited me until now. लिखे हैं आंसुओं ने ही मेरे अहसास लेकिन मेरी खामोशियों को दर्द ने गाया नहीं है I All my sentiments have been expressed by tears, But muteness of mine remains a weeping willow. ये सच है इश्क तेरा है सफ़र बस बेखुदी का गया है जो कभी वो लौट कर आया नहीं है I True that your love is a journey into selflessness, One who has departed will no more return now. सभी को वक्त ही देता रहा धोके हमेशा कभी धोखा किसी से वक़्त ने खाया नहीं है I The time has invariably betrayed one and all, Has it ever been the other-way-round-show?
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 26-09-2014 at 11:51 AM. |
27-09-2014, 12:44 AM | #2 |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
अजी वो राज ही क्या जो समझ आ जाये।
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ज्ञान का घमंड सबसे बड़ी अज्ञानता है, एंव अपनी अज्ञानता की सीमा को जानना ही सच्चा ज्ञान है। Teach Guru |
27-09-2014, 12:22 PM | #3 |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
आप आये बहार आयी, टीच गुरू जी. आपकी प्यार भरी टिप्पणी का अभिनन्दन है, मित्र.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
28-09-2014, 10:25 PM | #4 | |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
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29-09-2014, 12:18 AM | #5 |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
ग़ज़ल का अनुवाद पसंद करने के लिए मैं आपका आभारी हूँ.
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08-10-2014, 05:39 PM | #6 |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
"कोई भी राज तेरा समझ पाया नही" बहूत अच्छी अभ्व्यक्ति सुन्दर रचना .... थैंक्स रजनीश जी हमरे साथ शेयर करने के लिए ...
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09-10-2014, 05:53 PM | #7 | |
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Re: कोई भी राज़ तेरा ये समझ पाया नहीं है
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