23-10-2012, 09:34 AM | #21 |
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Re: 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर
वर्ष 1984 में अपने मित्र राजीव गांधी के आग्रह पर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़ा तथा सांसद के रूप मे चुन लिए गए, लेकिन अमिताभ बच्चन को अधिक दिनों तक राजनीति रास नहीं आई और सांसद के रूप में तीन वर्ष तक काम करने के बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अमिताभ बच्चन पुन. फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हो गए और उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा। लेकिन 90 के दशक के आखिर में उनकी फिल्में 'गंगा जमुना सरस्वती', 'तूफान', 'जादूगर', 'इंद्रजीत', 'अकेला' और 'खुदागवाह, जैसी फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गईं । इसके बाद अमिताभ बच्चन ने 1997 तक अपने आप को अभिनय से अलग रखा।
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05-03-2013, 10:50 PM | #22 |
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Re: 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर
‘दीवार’ देखकर अमिताभ के प्रशंसक हो गए थे दुष्यंत कुमार
हिन्दी के सुविख्यात कवि एवं शायर दुष्यंत कुमार ने बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्म ‘दीवार’ के बाद पत्र लिखकर उनके अभिनय की तारीफ की और कहा कि वह उनके ‘फैन’ हो गए हैं। दुष्यंत कुमार का वर्ष 1975 में निधन हो गया था और उसी साल उन्होंने यह पत्र अमिताभ को लिखा था। यह दुर्लभ पत्र हाल ही में उनकी पत्नी राजेश्वरी त्यागी ने उन्हीं के नाम से स्थापित संग्रहालय को सौंपा है। दुष्यंत कुमार और अमिताभ के पिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन में गहरा प्रेम था। ‘दीवार’ फिल्म में उन्होंने अमिताभ की तुलना तब के सुपर स्टार्स शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा से भी की थी। हिन्दी के इस महान साहित्यकार की धरोहरें ‘दुष्यंत कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय’ (भोपाल) में सहेजी जा रही हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि साहित्य का एक युग यहां पर जीवित है।
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05-03-2013, 10:50 PM | #23 |
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Re: 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर
...तब तुम बहुत छोटे थे
दुष्यंत कुमार ने अमिताभ को लिखे इस पत्र में कहा कि किसी फिल्म आर्टिस्ट को पहली बार खत लिख रहा हूं। वह भी ‘दीवार’ जैसी फिल्म देखकर, जो मानवीय करूणा और मनुष्य की सहज भावुकता का अंधाधुंध शोषण करती है। कवि और शायर ने अमिताभ को याद दिलाया कि तुम्हें याद नहीं होगा। इस नाम (दुष्यंत कुमार) का एक नौजवान इलाहाबाद में अक्सर बच्चन साहब के पास आया करता था, तब तुम बहुत छोटे थे। उसके बाद दिल्ली के विलिंगटन क्रेसेंट वाले मकान में आना-जाना लगा रहा, लेकिन तुम लोगों से संपर्क नहीं रहा। दरअसल, कभी जरूरत भी महसूस नहीं हुई। मैं तो बच्चनजी की रचनाओं को ही उनकी संतान माने हुए था। दुष्यंत कुमार ने लिखा कि मुझे क्या पता था कि उनकी एक संतान का कद इतना बड़ा हो जाएगा कि मैं उसे खत लिखूंगा और उसका प्रशंसक हो जाउंगा।
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05-03-2013, 10:51 PM | #24 |
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Re: 'बिग बी' के आगे बौने सत्तर
धरोहर के रूप में पत्रों का संग्रह
संग्रहालय के निदेशक राजुरकर राज ने बताया कि यहां केवल दुष्यंत कुमार ही नहीं, बल्कि डॉ. हरिवंशराय बच्चन के भी पचास से अधिक पत्र धरोहर के रूप में संग्रहित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अमिताभ बच्चन के ‘लेटरहेड’ पर डॉ. बच्चन और तेजी बच्चन के हस्ताक्षरयुक्त शुभकामना पत्र, जो उन्होंने डॉ. प्रेमशंकर रघुवंशी को लिखा था, वह भी संग्रहित किया गया है। राज ने कहा कि इस तरह की धरोहर को सहेजना प्राथमिकता है, ताकि आने वाली पीढ़ी तक हम एक समृद्ध विरासत को पहुंचा सकें। बच्चनजी कालजयी रचनाकार थे। देशभर में जहां-जहां उनकी धरोहर है उसे प्राप्त करने का हम प्रयत्न कर रहे हैं। सबसे ज्यादा पत्र डॉ. हरिवंशराय बच्चन ने लिखे हैं। इसलिए उनके नाम से संग्रहालय में पत्र कक्ष की स्थापना की परिकल्पना है।
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