29-04-2012, 09:49 PM | #1 |
Diligent Member
|
मैं धरती हिंदुस्तान की
अंग्रेजों की कैद से छुटके , अपनों की कैद में पड़ी हु ! अंग्रेजो से लड़के मेरे पुत्रों ने आज़ाद कराया. फिर अपने ने ही मुझे लूट लूट के खाया .. रिश्वत और भ्रस्टाचार की बेडी में मैं आज भी जड़ी हूँ ! 200 साल मैं अंग्रेजो की झूठा खाया . मेरे पुत्र वीरों ने मुझे कैद से छुड़ाया.. आज के ये नेता क्या जाने ,मैं कौन सी आग में सड़ी हूँ ! वीर पुत्रों की कुर्बानी को मैंने अभी नहीं था भुलाया . इन कुर्सी के भूखे लोगों ने मुझे फिर से सूली चढ़ाया .. एक बार फिर से मैं अपने पुत्रों के हाथों गयी हडी हूँ ! पाकिस्तान बना के दो हिस्सों में जब मैं बाँट दी गयी. मेरी दोनों बाहें जालिमों के हाथों काट दी गयी .. धरती ऊपर दी खींच लकीरें, दो हिस्सों में मैं बंडी हूँ आज़ादी के झूठे अग्वे कुर्सी सरताज हो गए . शहीदों के वंशज रोटी के मोहताज हो गये.. ".नामदेव् " हालत देख आज शहीदों की, मैं धरती में आज गडी हूँ जड़ी=जकड़ी सड़ी=जली बंडी=बंटी अग्वे=अगवाई करने वाले हडी=ठगी गयी Last edited by sombirnaamdev; 30-04-2012 at 08:11 AM. |
30-04-2012, 06:05 AM | #2 |
अति विशिष्ट कवि
Join Date: Jun 2011
Location: Vinay khand-2,Gomti Nagar,Lucknow.
Posts: 553
Rep Power: 35 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
बेचैनी के भाव तो अच्छे हैं .
|
30-04-2012, 06:08 AM | #3 |
Senior Member
Join Date: Feb 2012
Location: जिला गाजीपुर
Posts: 261
Rep Power: 16 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
बहुत अच्छी बात कही गई है। भारत देश का मानवीकरण करके उसे माता का रूप दिया गया है। भाषा खङी बोली है। कहीं-कहीं मुझे शब्द तथा वाक्यांश समझ नहीं आये।
|
30-04-2012, 08:22 AM | #4 | |
Senior Member
Join Date: Feb 2012
Location: जिला गाजीपुर
Posts: 261
Rep Power: 16 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
Quote:
|
|
30-04-2012, 09:03 AM | #5 | |
VIP Member
|
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
Quote:
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
|
|
30-04-2012, 10:21 AM | #6 |
Administrator
|
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
good one.. mitra..
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
30-04-2012, 11:01 AM | #7 | |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,570
Rep Power: 42 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
Quote:
इस सुंदर रचना के लिए मैं आपको नमन करता हूँ..............
__________________
मांगो तो अपने रब से मांगो; जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत; लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना; क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी। |
|
30-04-2012, 10:11 PM | #8 | |||
Diligent Member
|
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
Quote:
Quote:
Quote:
आप सभी सदस्यों का मैं बहूत बहूत धन्यवाद करता हूँ , जिन्होंने मेरी कविता को न सिर्फ पढ़ा बल्कि अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया और सुझाव् भी दिए | जो मुझे सिर्फ प्रोत्साहित ही नहीं , भविष्य में अपने आप सुधर करने में भी मदद भी करेंगे |
|||
17-10-2012, 03:25 PM | #9 |
Member
Join Date: Oct 2012
Posts: 10
Rep Power: 0 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
bahut bahut sundar kavita .
|
13-11-2012, 10:40 PM | #10 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: मैं धरती हिंदुस्तान की
सोमबीर जी, आपकी कविता में भारत माता के कष्ट की जीवंत अभिव्यक्ति है जिसे हम सब अपने अपने तरीके से महसूस करते हैं. विगत दो सौ वर्षों दासता का कष्ट, देश के विभाजन का कष्ट. तत्पश्चात अंग्रेजी दासता से मुक्ति के बाद चली लूट खसोट और भ्रष्टाचार व नैतिक मूल्यों में दिखायी देने वाली गिरावट से जुड़े कष्ट. इन सभी का व्यापक शब्द चित्र आपने प्रस्तुत किया है. हार्दिक बधाई. लोक भाषा के शब्दों का आपने अच्छा प्रयोग किया है (शब्दार्थ सहित). कुछ मित्रों ने पूरी की पूरी कविता ही अपनी टिप्पणी के साथ उद्दृत कर दी है जिससे बचा जा सकता था.
|
Bookmarks |
|
|