09-10-2013, 09:13 PM | #501 |
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Re: रोचक समाचार
आजमगढ़/वाराणसी. नवरात्रों में पूरा देश देवी की अराधना और उनको प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ और तप कर रहा है। शक्ति की देवी दुर्गा सच्चे मन से मांगी गई मन्नतें जरुर पूरी करती हैं। नवरात्रों में विशेष मकसद के लिए माता का अति विशेष अनुष्ठान किया जाता है। बस्ती भुजवल गांव में एक अनोखे भक्त ने भी इन नवरात्रों में मां का अद्भुत संकल्प उठाया है। नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े समर्थक कमलेश चौबे ने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना को लेकर अनूठा तप शुरु किया है। उन्होंने नवरात्र के कलश को नौ दिनों के लिए अपने सीने पर स्थापित कर लिया है। बकायदा पंडाल बनाकर कर चौबीस घंटे मां की पूजा भी की जा रही है। |
12-10-2013, 02:52 PM | #502 |
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Re: रोचक समाचार
रावण के इस मंदिर में प्रवेश पर गुजरना होता है एक अजीब शर्त से
इंदौर। शहर में एक ऐसा भी मंदिर है जहां पर भगवान राम और हनुमानजी के साथ रावण, कुंभकरण और मेघनाथ की भी पूजा होती है। यहां प्रवेश सशर्त है। प्रवेश से पहले आपको 108 बार राम नाम लिखने की शर्त स्वीकार करनी पड़ती है। अपने तरह का यह अनोखा मंदिर वैभवनगर में है। बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय बायीं ओर वैभव नगर में पड़ता है। यहां भगवानों के साथ साथ रामायण और महाभारतकालीन राक्षसों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। राम का निराला धाम नामक इस मंदिर में भगवान के साथ राक्षसों को भी फूल चढ़ाए जाते हैं। |
12-10-2013, 02:53 PM | #503 |
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Re: रोचक समाचार
रामचरित मानस का हर पात्र पूजनीय, इसलिए यहां है राक्षसों की मूर्तियां : मंदिर के संस्थापक, संचालक और पुजारी का कहना है कि रामचरित मानस का हर पात्र पूजनीय है इसीलिए यहां भगवानों के साथ राक्षसों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। इस मंदिर की स्थापना 1990 में की गई थी और अब भी काम चल रहा है। वे कहते हैं कि जिसे हमने कभी देखा नहीं उसकी बुराई करने का हमें कोई अधिकार नहीं है। महा पंडित और ज्ञानी होने के नाते रावण हमेशा पूजनीय रहेगा। |
12-10-2013, 02:53 PM | #504 |
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Re: रोचक समाचार
108 बार राम नाम लिखने की शर्त पर ही प्रवेश : इस मंदिर में आपको तभी प्रवेश मिलेगा जब आप 108 बार राम नाम लिखने की शर्त मान लें। एक बार प्रवेश करने के बाद अगर आपने राम नाम नहीं लिखा तो आपको पंडित के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। मंदिर के मुख्यद्वार सहित पूरे परिसर में प्रवेश संबंधी शर्त के चेतावनी बोर्ड बड़े-बड़े अक्षरों में लगे हुए हैं। आप नेता हों या अभिनेता या सामान्य इंसान किसी को भी इस नियम से छूट नहीं है। राम नाम लिखने के लिए एक निर्धारित फार्मेट है, जिसमें लाल रंग वाले पेन से श्रीराम नाम लिखना होता है। पुजारी खुद भी हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर ज्यादातर समय रामचरित मानस का पाठ करते रहते हैं। |
12-10-2013, 02:54 PM | #505 |
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Re: रोचक समाचार
इनकी होती है पूजा : मंदिर में मुख्य रूप से भगवान राम की पूजा होती है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान शिव का पीतल का शिवलिंग है। मुख्य द्वार से दांयीं ओर बने मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा है जिसके पास ही यहां के पुजारी बैठकर रामचरित मानस का पाठ करते हैं। बांयी ओर हनुमानजी की विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा के बांयी ओर शनि मंदिर है और सीधा जाकर दांयीं ओर खुले परिसर में शिवजी की अर्ध नारीश्वर प्रतिमा है जिसके ठीक सामने दशानन रावण और पीछे की ओर शयन मुद्रा में कुंभकर्ण की प्रतिमा स्थापित है। इसी परिसर में विभीषण, मेघनाथ और मंदोदरी की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। पास के मंदिर में कैकेयी, मंथरा, शूर्पणखा इत्यादि की प्रतिमाएं हैं। |
12-10-2013, 02:54 PM | #506 |
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Re: रोचक समाचार
3 जुलाई 1990 से शुरू हुआ था निर्माण : अपने आपको राम की भक्ति में समर्पित करने वाले यहां के पुजारी ने 22 साल पहले 3 जुलाई 1990 को मंदिर निर्माण की नींव रखी थी। तब से निरंतर यहां का निर्माण जारी है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि यहां निर्माण के लिए न तो किसी आर्किटेक्ट का सहारा लिया गया न ही किसी इंजीनियर का, इसके बावजूद मंदिर इतना शानदार बना है कि कोई भी इसे देखकर आश्चर्य में पड़ सकता है। पुजारी का कहना है कि इसके पीछे कोई अज्ञात शक्ति हैं जो उन्हें आदेश देती रहती है और निर्माण होता जाता है। |
12-10-2013, 02:54 PM | #507 |
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Re: रोचक समाचार
लंका की तर्ज पर गुंबज : लंका में विभीषण के निवास स्थान पर बनी गुंबज में अंदर-बाहर सब जगह राम नाम लिखा हुआ था। इसी की तर्ज पर यहां बी एक गुंबज बनाई गई है, जिसमें ऊपर नीचे अंदर-बाहर हर तरफ राम नाम लिखा है। इसके अलावा कई छोटे मंदिर भी बनाए गए हैं। इनकी गुंबज पर भी हर ओर राम नाम लिखा हुआ है। |
12-10-2013, 02:55 PM | #508 |
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Re: रोचक समाचार
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12-10-2013, 02:55 PM | #509 |
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Re: रोचक समाचार
चढ़ावा चढ़ाना है सख्त मना : इस मंदिर में किसी तरह का चढ़ावा या प्रसाद लाने पर मनाही है। यहां न तो एक भी दानपेटी है न ही किसी को भगवान की अगरबत्ती लगाने या जल व प्रसाद चढ़ाने की अनुमति। यहां के पुजारी के मुताबिक जिनकी कोई मनोकामना है वे यहां आकर बस 108 बार राम नाम लिखें इतना काफी है। |
12-10-2013, 02:56 PM | #510 |
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Re: रोचक समाचार
हर पात्र है पूजनीय : रामचरित मानस का हर पात्र पूजनीय है। इसका एक भी पात्र निंदनीय नहीं है। भले ही वह रावण हो क्यों न हो। रावण एक महा पंडित था इसलिए पंडित होने के नाते उसकी भी पूजा की जानी चाहिए। यहां रामचरित मानस के हर पात्र की मूर्तियां सिर्फ इसीलिए बनाई गई है। |
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