27-10-2012, 11:26 PM | #1 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
|
27-10-2012, 11:27 PM | #2 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
जिस तरह अपने दौर में जागृति भारतीय बाल फ़िल्म दर्शकों के मन में एक गहरी छाप छोड़ गई वैसी छाप इस फ़िल्म ने पाकिस्तानी बाल दर्शकों के मन में ना ही डाली होती तो बेहतर था मगर आज के दौर और माहौल को देख कर लगता है कि ऐसी भड़काऊ फिल्मों/फ़िल्म संगीत ने देशभक्ति के नाम पर उन दर्शकों के मन में जो विषबीज बोए हैं वे आज एक विकराल वृक्ष बन कर हमारे देश के प्रति उनकी बदनीयती के रूप में फल-फूल रहा है...
|
27-10-2012, 11:27 PM | #3 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
समय निकाल कर ज़रा इन गानों को देखिये और देखिये कि किस तरह ना केवल ऐतेहासिक तथ्यों को तोडा मरोड़ा गया है बल्कि भारत विरोधी विचार किस तरह शहादत और संघर्ष की कड़वी चाशनी में लपेट कर प्रस्तुत किए गए हैं.
गाना १ आओ बच्चों सैर कराएं तुमको पाकिस्तान की : बेदारी (नक़ल) ज़रा पंक्तियों पर गौर फ़रमाएँ : बंदूकों की छाँव में बच्चे होते हैं जवान यहाँ (अब ऐसे में उस देश से कसब और उसके जैसे अन्य बच्चे आतंकवादी ना बनें तो और क्या बनेंगे जिस देश में बदूकों की छांव में जवान होना शान की बात हो) Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:31 PM. |
27-10-2012, 11:29 PM | #4 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिन्दुस्तान की : जागृति (असल)
गौर कीजिये बाल मन की कोमलता को ध्यान में रख कर देश की सांस्कृतिक और ऐतेहासिक झाँकी का कैसा मासूम चित्रण किया है पंडित प्रदीप ने. Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:31 PM. |
27-10-2012, 11:30 PM | #5 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
गाना २
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के : बेदारी (नक़ल) देशभक्ति के नाम पर जातिवाद और नफरत के साथ साथ कश्मीर पर बेजा कब्ज़ा करने की साजिश किस खूबी के साथ इस गीत में प्रस्तुत की गई है उनकी बानगी इन पंक्तियों में छलक छलक कर नज़र आती है - दुनिया की सियासत के अजब रंग हैं प्यारे, चलना हैं मगर तुमको कुरान के सहारे . और लेना अभी कश्मीर है ये बात न भूलो, कश्मीर पर लहराना है झंडा उछाल के (आपने कभी अपने बच्चों को उन चीज़ों को हथियाने की शिक्षा ना दी होगी जिन पर उनका अधिकार नहीं मगर पाकिस्तान में ये शिक्षा का एक अहम् पहलू नज़र आता है इस गीत में सलीम राजा के एक्सप्रेशंस देख कर) Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:32 PM. |
27-10-2012, 11:32 PM | #6 |
Special Member
|
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
अब तो ये आग उनको ही झुलसा रही है
पर अक्ल के अंधों को कौन समझाए
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
27-10-2012, 11:33 PM | #7 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के :जागृति (असल)
ध्यान दीजिये प्रदीप जी की बच्चों को नसीहत और सीख पर - दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता मंज़िल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता (इस पंक्ति का पाकिस्तानी वर्ज़न ऊपर दिए गीत में आपने देखा ही होगा)। और उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो, तुम गाड़ दो गगन पे तिरंगा उछल के (हमें अपना आसमान चाहिए किसी अन्य देश की ज़मीन पर नाजायज़ कब्ज़ा नहीं) इन गीतों को देख कर साफ़ हो जाता है कि आख़िर क्यों उनके यहाँ आतंकवादी बन रहे हैं और हमारे यहाँ चंद्रयान? बोए पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए? Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:36 PM. |
27-10-2012, 11:34 PM | #8 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
गाना ३
यूँ दी हमें आज़ादी : बेदारी (नक़ल) इस गीत में तो तथ्य कुछ ऐसे तोड़ मरोड़ दिए गए कि सोच कर ही डर लगता है कि पाकिस्तान में विद्यार्थियों को इतिहास में न जाने क्या पढ़ाया जाता होगा? ज़रा पंक्तियों पर गौर देने के साथ दृश्यों को अवश्य देखें - हर चाल से चाह तुझे दुश्मन ने हराना (यहाँ इस्तेमाल में लायी गई है एक स्टॉक फुटेज जिसमें महात्मा गांधी जिन्ना के साथ मुस्कुराते नज़र आते हैं, गाँधी जी उनके दुश्मन हैं और उनकी मुस्कान एक चाल? ) मारा वो दाँव तुने कि दुश्मन भी गए मान - यहाँ स्टॉक फुटेज में गाँधी जी जिन्ना विदा लेते हुए हाथ जोड़ कर नमस्कार करते हैं किंतु उसका कुछ और ही मतलब निकलती हैं ये पंक्तियाँ । यदि यह पकिस्तान का इतिहास है तो जिन्ना ने अपनी मृत्युशय्या पर पाकिस्तान को अपनी सबसे बड़ी गलती स्वीकारते हुए कुछ ग़लत नहीं किया । Last edited by amol; 27-10-2012 at 11:36 PM. |
27-10-2012, 11:35 PM | #9 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल : जागृति (असल)
अब इस गीत का वर्णन क्या किया जाए हम सबने इस गीत को अनगिनत बार सुना और गाया है । भारत में भी इस दशक के शुरुआत में कुछ पाक विरोधी फिल्में बनी हैं किंतु कभी पाकिस्तान पर इस तरह तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर हमला नहीं किया हिन्दी फिल्मकारों ने । हमने सदा उनके कलाकारों और फिल्मकारों को अवसर दिया है कि वे हमारे देश में आ कर अपनी कला का प्रदर्शन करें... परन्तु क्या इस तरह फिल्मों के नाम पर बाल मनोमस्तिष्क में नफरत के विषबीज बोना पाकिस्तान में कभी बंद होगा? |
27-10-2012, 11:37 PM | #10 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: Patal Lok
Posts: 1,867
Rep Power: 17 |
Re: जागृति(१९५४) की पाकिस्तानी नक़ल बेदारी
|
Bookmarks |
|
|