27-09-2013, 01:30 PM | #1 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में (जासूसी कारनाë
(जासूसी कारनामें) इस लेख का शीर्षक पढ़ कर आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या ख़ास बात है. आज कल तो फिटनेस के लिए योग को विश्व भर में अपनाया जा रहा है. हमारे योगी भी संसार के कोने कोने में जा पहुँचे हैं. लेकिन आज हम यहाँ जिस योगी की बात कर रहे हैं वह कोई मनुष्य नहीं बल्कि पुलिस विभाग में काम करने वाला एक असाधारण कुत्ता था जिसने अपने कारनामों के बूते पर अपार ख्याति अर्जित की थी. पुलिस ट्रेनिंग के लिये चुने गये कुत्तों की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उनमें दी गयी हिदायतों को समझने की कितनी क्षमता है और अपनी स्वाभाविक वृत्तियों को खोज के काम में प्रयोग करने की दक्षता किस स्तर की है. ट्रेनिंग के लिए प्रस्तुत किये जाने वाले 30 कुत्तों में से मुश्किल से एक ही कुत्ता ट्रेनिंग में आ पाता है. चुने जाने वाले कुत्ते निर्भीक होने चाहिये किन्तु आक्रामक न हों, शको-शुबहा करने वाले हों लेकिन घबराने वाले न हों, शान्त हों पर आलसी न हों. उनमे सीखने की इच्छा हो और उनमें जीवन के प्रति उत्साह झलकता हो. इसके साथ ही उनका अपने मानव सहकर्मियों पर पूरा भरोसा होना भी जरूरी है. योगी तथा डगलस शेअर्न के बीच परस्पर विश्वास का सम्बन्ध था जिसने इस को एक सफल टीम का दर्जा दिया. Last edited by rajnish manga; 13-08-2018 at 08:15 PM. |
27-09-2013, 01:32 PM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
कुत्तों की ज्ञानेन्द्रियों को, जिनमे सूंघने की शक्ति सबसे ऊपर है, दी जाने वाली सूचना एक उद्दीपक का काम करती है. इस उद्दीपक की प्रतिक्रिया स्वरुप किया जाने वाला कार्य या प्रयत्न response कहलाता है. सही response की स्मृति को मजबूत करने के लिए पुरस्कार या प्रोत्साहन दिया जाता है- जैसे कि मानव सहकर्मी (handler) द्वारा कुत्ते की गर्दन अथवा पीठ को थपथपाना या उसका मन पसंद खाना देना. कुछ ही दिनों में यह क्रिया (उद्दीपक के प्रति response) अपने आप होने लगती है.
योगी को ट्रेनिंग के पहले दिन मेरिजुआना की गहरी गंध वाली वस्तुओं से परिचित करवाया गया. जब वह इस गंध को पहचानने लग पड़ा तो दोउगे उसको प्यार से थपथपाता. धीरे धीरे खोज की जाने वाली वस्तुओं को दुर्गम स्थानों पर रख कर योगी को उसे ढूंढने के लिये उकसाया जाता या वस्तुओं की बहुत थोड़ी मात्रा का पता लगाने को कहा जाता. निरंतर अभ्यास से योगी अपने काम को काफी हद तक समझने लग गया. योगी का पहला अभियान समय आ गया था कि दोउगे और योगी एक टीम के रूप में अपना कार्य शुरू करें. पुलिस जांच से मालूम हुआ था कि लंदन के सोहो इलाके (जो अपनी पोर्नो-शॉप्स, केबरे-डांस, वैश्यावृत्ति के अड्डों और घटिया जूआ घरों के लिये कुख्यात था) में स्थित एक निम्न दर्जे की बार (शराबखाने) को नशीले पदार्थों के विक्रय तथा वितरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था किन्तु पुलिस को कोई सबूत नहीं मिल सका था. छापे के लिए पहले से नियत तारीख को रात के समय योगी और शेअर्न पुलिस वेन से बाहर कूदे और शराबखाने के एक अँधेरे से कमरे में दाखिल हुये. कमरे में तेज गंध वाली अगरबत्तियां जलाई गई थीं. योगी को ट्रेनिंग के दौरान इस प्रकार की ध्यान बटाने वाली चीजों से बचना सिखाया गया था. वह कमरे में इधर से उधर जा कर सूंघने लगा. फर्नीचर व कुर्सियों को उखाड़ने-पछाड़ने लगा. अचानक वह बिजली के एक सॉकेट के पास आ कर रुक कर जोर से कुछ सूंघने लगा. गीले सॉकेट से उसे बिजली का झटका लगा और दरवाजे की ओर लपका. शेअर्न ने उसे शांत कराया और थोड़ा घुमाने के लिए बाहर ले गया. वापिस आ कर योगी ने अपनी अकलमंदी साबित करते हुये नशीली दवाओं की एक खेप को खोज निकाला. |
27-09-2013, 01:36 PM | #3 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
योगी का दूसरा अभियान
अपने दूसरे खोज अभियान में जोशीले योगी ने एक अलमारी के दरवाजे पर ही हमला बोल दिया और उसे खोल दिया. अलमारी में बहुत से डिब्बे और पतीले वगैरह पड़े थे जो भड़भड़ाते हुये नीचे आ गिरे. योगी जिसको प्यार से ‘ब्लोंड बोम्बर’ नाम से भी बुलाते थे खुद को कई बार विदूषक भी साबित किया. लेकिन कुछ असफल अबियानों के बावजूद शेअर्न को उसकी असाधारण क्षमताओं पर भरोसा था और उसने उसे विभाग का सबसे होनहार कुत्ता बनाने का संकल्प कर लिया. 1968 के आते आते योगी ने अपनी योग्यता का लोहा मनवाना शुरू कर दिया. दो वर्ष के भीतर ही उसके द्वारा पकड़वाये गये और दोषी ठहराये गये अपराधियों की संख्या विभाग के अन्य सब खोजी कुत्तों से कहीं अधिक हो गयी थी. छः वर्ष तक शेअर्न और योगी एक टीम के तौर पर काम करते रहे. इस बीच उन्होंने नशीले पदार्थों को खोजने के लिए 2000 से अधिक जांच-कार्यों में भाग लिया, 1200 से अधिक दोषियों को गिरफ्तार करवाया तथा उन्हें सजाएं दिलवाई. उन्होंने नशीले पदार्थों के मामले में पकड़-धकड़ का जो रिकॉर्ड कायम किया उसने अमरीका, कनाडा, न्यू ज़ीलैंड, वेस्ट इंडीज़ तथा बहुत से अफ्रीकी देशों को अपने यहां श्वान-प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की प्रेरणा दी. केवल वर्ष 1969 में ही 492 खोजों का श्रेय योगी को जाता है जिनमें से 490 में सफलता प्राप्त हुई. |
27-09-2013, 01:38 PM | #4 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
जैसे जैसे योगी के सफल अभियानों की खबर फैलती गयी, वैसे वैसे नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त अपराधियों के मन में उसके प्रति खौफ भी बढ़ने लगा. एक बार जब पुलिस बल को सुदूर पूर्व से आने वाले नशीले पदार्थों के बड़े ज़खीरे के मिलने की उम्मीद थी, उन्हें कुछ न मिल सका. तब उन्होंने सार्जेन्ट डगलस और योगी को बुलवा भेजा. तस्करों के नेता ने पूछा, “यह योगी है?” “हाँ,” शेअर्न ने उत्तर दिया. यह सुनना था कि उस व्यक्ति ने कहा, ”तब कोई फायदा नहीं. मैं आपको बताता हूँ कि माल कहाँ पड़ा है.”
साल 1969 के अंतिम खंड में शेअर्न और योगी एक खोजबीन के सिलसिले में हवाई अड्डे पर आये थे. उनको खबर मिली थी कि एक विमान के सामान वाले कक्ष में नशीले पदार्थों की खेप को छुपा कर लाया जा रहा है. कुछ ही मिनटों में बिजली की गति से योगी ने उसे ढूंढ लिया और वे अपनी कार की तरफ बढ़ने लगे. जैसे ही वो एक अन्य हवाई जहाज के पास से गुज़रे, जिसमे से किसी पश्चिम एशियाई मुल्क के यात्री उतर रहे थे, शेअर्न ने देखा कि योगी कुछ उत्तेजित हो गया था. उसने योगी को मुक्त कर दिया. योगी एक महिला यात्री की ओर लपका जो उसे देखते ही ऐसी हो गयी जैसे उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया हो. शेअर्न ने तत्क्षण निर्णय किया कि उस महिला की जांच की जानी चाहिए, या इस शोर शराबे के लिए क्षमा मांगे. शेअर्न योगी की प्रतिक्रिया पर शर्त लगाने को तैयार था. तभी दो महिला पुलिस कर्मियों ने आकर उस संदिग्ध महिला की तलाशी ली. उन्हें उसकी ब्रा में छुपा कर लायी गयी इतनी हशीश मिली जो लंदन के नशीले पदार्थों के व्यापारियों को कई हफ्ते तक व्यस्त रख सकती थी. |
28-09-2013, 10:00 AM | #5 |
Diligent Member
Join Date: Jul 2013
Location: California / Bangalore
Posts: 1,335
Rep Power: 46 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
रोचक!
पर मुझे आजकल डर लगने लगा है इन अद्बुत प्राणियों से। यदि तालिबान जैसी संस्था इन कुत्तों को suicide bomber बनाकर भेजें तो? |
28-09-2013, 10:33 AM | #6 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
|
28-09-2013, 10:37 AM | #7 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
एक दफा 1971 में मुंबई से किसी ख़ुफ़िया एजेंट ने खबर दी कि पानी के एक माल वाहक जहाज में वहां से अफीम की एक विशाल खेप लंदन भेजी जा रही है. जहाज के आने पर योगी को बुलाया गया लेकिन जांच पड़ताल में कुछ न मिला. जब योगी को ले कर शेअर्न जहाज से उतरने वाला था तो उसे वहां कस्टम विभाग में डाक में आई हुयी वस्तुओं का पहाड़ सा दिखाई दिया. वहां काम कर रहे एक मुलाजिम ने बताया, “सामान इतना अधिक है कि इसे टटोलने के लिये कम से कम 15 व्यक्ति चाहियें और 10 घंटे का समय भी.” उसने शेअर्न से पूछा, “आपके इस कुत्ते को कितना समय लगेगा?”
“ केवल दस मिनट,” शेअर्न ने उत्तर दिया. सभी बोरों को दो समानांतर पंक्तियों में दूर तक सजा दिया गया. उसके बाद शेअर्न ने योगी के गले का पट्टा खोल दिया. उसने हाथ फिरा कर महसूस किया कि योगी का नाक गीला था और ठंडा हो रहा था. इसका मतलब यह था कि योगी को ड्रग्स का आभास हो गया था. उसने उसकी छाती पर दबाव दिया जो इस बात का इशारा था कि वह खोज में जुट जाये. योगी उन दोनों पंक्तियों में रखे हुये बोरों और सामान को दौड़ कर टटोलने लगा और हर बोरे को सूंघता जाता. अचानक वह एक बोरे को पंजों से खुरचने लगा और जोर जोर से भौंकने लगा. बोरे को खोला गया. इसमें रखे गये हर पार्सल को योगी की नाक के निकट लाया गया. इन्हीं में से एक खास पार्सल को ढूंढने में उसने कोई गलती नहीं की जिसमें अफ़ीम की खेप भेजी गयी थी. |
28-09-2013, 10:39 AM | #8 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
1972 का वर्ष उसके लिये विशेष महत्व का साबित होने वाला था. उसकी सहायता से पुलिस द्वारा संचालित किये गये अभियानों की सफलता के मद्देनज़र उसे “वर्ष का सर्वश्रेष्ठ श्वान” घोषित किया जाना तय था. विभाग के कार्यों के अतिरिक्त उसे विभिन्न स्कूलों में भी ले जाया जाता था जहां उसकी खोज-पड़ताल की क्षमता बच्चों के सामने प्रदर्शित की जाती थी. यहां पर डाउग द्वारा जन-चेतना हेतु उसके अभियानों के विषय में तथा नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के विषय में लेक्चर दिये जाते थे.
जुलाई 1972 में ही सात वर्षीय, 30 किलो वजन के योगी को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पुलिस श्वान चुने जाने पर “ब्लैक नाईट एवार्ड”, जो कि शुद्ध सोने का बना तमगा था, प्रदान किया गया. यह तमगा योगी की ओर से सार्जेन्ट डगलस शेअर्न ने स्वीकार किया. वह कोहरे से घिरी हुई एक रात थी जब वह एक अभियान के सिलसिले में लंदन के मिलवाल डॉक्स के नज़दीक लाया गया था कि उसकी जोकर वाली पुरानी प्रवृत्ति फिर से दिखाई देने लगी. योगी को लगा कि आसपास ही कहीं हशीश (एक नशीला पदार्थ) की खेप रखी हुई है. वह एक दम से नदी में कूद पड़ा. शेअर्न ने उसको पानी से बाहर निकाला. लेकिन तब तक योगी ने अपनी खेप को ढूंढ निकाला था. इस दौरान, शेअर्न को एक बात का खटका लगा. कुछ लेब्रेडर कुत्तों में यह पाया गया था कि उन्हें बढ़ती उम्र के साथ आँखों की एक बिमारी हो जाती है जिसका पहला संकेत रतौंधी (रात के समय दिखाई न देना) के रूप में सामने आता है. धीरे धीरे यह बीमारी उन्हें पूरी तरह अँधा बना देती है. योगी आज हशीश ढूँढ़ने की झोंक में डॉक से कूद गया था अथवा उस पर अंधेपन का एक आक्रमण हुआ था. |
28-09-2013, 10:43 AM | #9 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
बिमारी के प्रथम लक्षण शेअर्न को दिखाई देने के बाद उसका असर दिनोदिन बढ़ता चला गया. योगी सीढ़ियां उतरते हुये गिर जाता या दीवार में सिर मार देता. एक दिन सुबह के समय डाउग ने जब अपनी कार स्टार्ट की, जो कि उनके लिए काम पर जाने का संकेत होता था, योगी झट कार में कूदने के बजाय कार के दरवाजे को ढूंढने लगा.
वह रहस्य जो डाउग ने “ब्लैक नाईट एवार्ड” से लेकर अब तक छुपा रखा था अब और नहीं छुपाया जा सकता था. योगी को रिटायर घोषित करने का समय आ गया था. डाउग उसे ले कर पुलिस विभाग के पशु सर्जन के पास आख़िरी चेक-अप के निमित्त ले कर आया. आधे घंटे के बाद जब सर्जन बाहर आया तो डाउग ने पूछा, “कोई उम्मीद?” सर्जन ने बताया, “वह सो गया है, क्योंकि वह देखने में असमर्थ था, बीमार था और बहुत थक गया था.” “सो गया है?” न समझते हुये सार्जेन्ट ने पूछा. लेकिन उस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जल्द ही सर्जन के कहने का आशय समझ आ गया. उसके चेहरे पर विषाद की रेखाएं दिखाई देने लगीं. इसके चार वर्ष बाद डगलस शेअर्न भी पुलिस सेवा से रिटायर हो गया. उसकी बैठक में बनी एक स्लैब पर योगी की तस्वीर रखी थी जिसमे वह भी उसके साथ बैठा हुआ था. यह तस्वीर उस दिन खींची गयी थी जब योगी को “डॉग ऑफ़ द ईयर” घोषित किया गया था. तस्वीर के नीचे लिखा था:- “योगी, 1965-1972, तुमसा कोई और न होगा” Last edited by rajnish manga; 08-08-2018 at 09:42 AM. |
29-09-2013, 12:11 AM | #10 |
Diligent Member
Join Date: Jul 2013
Location: California / Bangalore
Posts: 1,335
Rep Power: 46 |
Re: एक योगी स्कॉटलैंड यार्ड में
दिल छूने वाली कथा!
कुत्तों (और घोडों) के बारे में ऐसी कई कथाएं हैं। Man’s best friend, बिना कारण नहीं कहते। |
Bookmarks |
Tags |
एक योगी, खोजी कुत्ते, डिटेक्टिव, स्कॉटलैंड यार्ड, a yogi, a yogi in scotland, a yogi in scotland yard, detective, dog squad, drug squad, scotland yard, scotland yard dog squad, yogi |
|
|