26-04-2011, 06:01 PM | #211 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
नफरत सी हो गयी है मोहबत के नाम से गुजरे है आज इश्क में...................................
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तोडना टूटे दिलों का बुरा होता है जिसका कोई नहीं उस का तो खुदा होता है |
26-04-2011, 06:12 PM | #212 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
अकेले हैं चले आवो कहा हो
कहा आवाज दूँ तुम को कहा हो अकेले हैं चले आवो कहा हों तुम्हे हम ढूंढते है हमें दिल ढूंढता है न अब मंजिल है कोई न कोई रास्ता है अकेले हैं चले आवो कहा हो कहा आवाज दूँ तुम को कहा हो
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26-04-2011, 09:46 PM | #213 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर
मुझे आदत है गम में मुस्कुराने की रूक जाओ आज की रात न दफनाओ मेरी मौत से बनी है मुहूर्त उसके आने की ..
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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27-04-2011, 11:24 AM | #214 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
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01-05-2011, 09:08 AM | #215 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
जब नमाज़-ए-मुहब्बत अता कीजिये, इस गैर को भी शरीक-ए-दुआ कीजिये
आँख वाले ही नज़रें चुराते रहे, आइना क्यूँ ना हो, सामना कीजिये दरिया-ए-अश्क आ भी जाएँ तो क्या, चंद कतरे ही तो हैं, पी लिया कीजिये आप का घर सदा जगमगाता रहे, राह में भी दिया रख दिया कीजिये ज़िन्दगी है आसान समंदर में सनम, साहिलों का भी कभी तजुर्बा कीजिए !!!! |
02-05-2011, 01:04 PM | #216 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
मेरे सब्र का ना ले इम्तेहान, मेरी खामोशी को सदा ना दे! जो तेरे बगैर मर भी ना सके, उसे जीने की दुआ तो ना दे! तू अज़ीज़ दिल-ओ-नज़र से है, तू करीब रग-ओ-जान से है! मेरे दिल-ओ-जान का फैसला, कहीं वक़्त और बढ़ा ना दे! तुझे भूल के भी भुला ना सकूं, तुझे चाह के भी ना पा सकूँ! मेरी हसरतों को शुमार कर, मेरी चाहतों का सिला तो दे! वो तड़प जो शोला-ए-जान में थी, मेरे तन बदन से लिपट गयी जो बुझा सके तो बुझा इसे, ना बुझा सके तो हवा ना दे! मुझे क़त्ल करना है तो क़त्ल कर, यूं जुदाइयों की सज़ा ना दे! दिल-ओ-नज़र = दिल और नज़र रग-ओ-जान = रग और जान दिल-ओ-जान दिल और जान हसरत = इच्छा या तमन्ना |
03-05-2011, 07:16 AM | #217 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
अश्क भी अब सहमें से पलकों मे छुपे रहते हैं,
मेरी तरह ये भी तनहाई और घुटन सहते हैं, डरतें है कि कहीं देख ना ले इन्हे कोई, निकलना चाहते हैं पर मजबूरीयों में बंधे रहते हैं|
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
03-05-2011, 07:24 AM | #218 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
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03-05-2011, 07:30 AM | #219 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
शब्दों की यही तो खूबसूरती है
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04-05-2011, 05:20 PM | #220 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
हाथ छूटे भी तो रिश्ता नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हे नहीं तोडा करते जिसकी आवाज़ में सिलवट हो और निगाहों में शिकन ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते शहद जीने का मिलता है थोडा थोडा जाने वालों के लिए दिल नहीं तोडा करते लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो ऐसे दरिया का रुख कभी मोड़ा नहीं करते |
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