29-10-2010, 02:08 AM | #1 |
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छींटे और बौछार
महकती सी तुम आयीं थी एक दिन मेरे ख़्वाबों में मुझे लेकर गयी फिर तुम, शहर से दूर ढाबों में ढके मैं नाक दस्ती से, रहा मैं घूमता संग में तुम्हारी वह जो खुशबू थी वह रहती 'जय' जुराबों में ||
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
29-10-2010, 02:09 AM | #2 |
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तुम्हे देखूं तो डर जाऊं, कि जैसे पेड़ आंधी में
महारानी ज्यों डरती थी, मोहन दास गांधी से मेरे पैरों में कम्पन 'जय', जैसे तुम बवंडर हो दुल्हन कोइ डरे ऐसे, जो देखे कंगन चांदी के ||
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29-10-2010, 02:34 AM | #4 |
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हमारे नक्श ऐसे हैं, जिन्हें कोई नहीं चाहे
हमारे कदम ऐसे हैं, जो खोजे नित नयी राहें हमारी साँसे बेपरवा, भले मिलते रहे धोखे हमारे पैर खुशियों पर, गले 'जय' मीत की बाहें
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29-10-2010, 09:06 AM | #5 |
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रात हुई है तोह दिन भी होगा
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी, इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी. कोशिश कीजिए हमें याद करने की लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे तमन्ना कीजिए हमें मिलने की बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे . महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती सितारों के बीच से चुराया है आपको दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको इस दिल का ख्याल रखना |
29-10-2010, 09:11 AM | #6 |
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हम कभी तुमसे खफा हो नही सकते,
वादा किया है तो बेवफा हो नही सकते, आप भले ही हमे भूलकर सो जाओ, मगर हम आपको याद किए बिना सो नही सकते.. --------------------------------------------------- फूल बनकर मुस्कुराना ज़िंदगी है, मुस्कारके गम भूलना ज़िंदगी है, जीतकर कोई खुशी हो तो क्या हुआ, दिल हारकर खुशिया मनान्ना ज़िंदगी है --------------------------------------------------- भूल से कभी हमे भी याद किया करो, प्यार नही तो शिकायत किया करो, इतना भी गैर ना समझो की बात ही ना किया करो, फोन नही तो sms ही किया करो! ---------------------------------------------------- पत्थर से दोस्ती, जान को ख़तरा. सरदार से दोस्ती, दिमाग़ को ख़तरा. दारू से दोस्ती, लिवर को ख़तरा. हम से दोस्ती, रात बे रात sms का ख़तरा. |
29-10-2010, 09:53 AM | #7 |
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बहुत अच्छे मित्र
जय भैया के फेवरेट हो सकते हैँ हम तो पढने वाले हैँ |
29-10-2010, 01:35 PM | #8 | |
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जब तक आपके कान न पकें, तब तक हम सुनाते रहेंगे / उत्साहवर्धन के लिए आभार /
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29-10-2010, 02:14 PM | #9 |
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29-10-2010, 03:02 PM | #10 | |
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आपके बनियान में भी बेहोशी की शक्ति है बहुत काम आएगा अस्पतालों में |
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