My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Entertainment > Music & Songs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 09-11-2014, 07:11 PM   #1
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर
Malika-e-Gazal Begum Akhtar

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 09-11-2014, 07:21 PM   #2
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर
Malika-e-Gazal Begum Akhtar
(साभार: बीबीसी व रेहान फज़ल)

पांच फ़ुट तीन इंच लंबी बेगम अख़्तर को हाई हील की चप्पलें पहनने का भी बेहद शौक़ था. यहाँ तक कि वो घर में भी ऊँची एड़ी की चप्पलें पहना करती थीं. घर पर उनकी पोशाक होती थी मर्दों का कुर्ता, लुंगी और उससे मैच करता हुआ दुपट्टा.

रमज़ान में बेगम अख़्तर सिर्फ़ आठ या नौ रोज़े रख पाती थीं क्योंकि वो सिगरेट के बग़ैर नहीं रह सकती थीं. इफ़्तार का समय होते ही वो खड़े खड़े ही नमाज़ पढ़तीं, एक प्याला चाय पीतीं और तुरंत सिगरेट सुलगा लेतीं. दो सिगरेट पीने के बाद वो दोबारा आराम से बैठ कर नमाज़ पढ़तीं.

खाना बनाने की शौक़ीन

उनको खाना बनाने का भी ज़बरदस्त शौक़ था. बहुत कम लोग जानते हैं कि उनको लिहाफ़ में गांठे लगाने का हुनर भी आता था और तमाम लखनऊ से लोग गांठे लगवाने के लिए अपने लिहाफ़ उनके पास भेजा करते थे. वो अक्सर कहा करती थीं कि ईश्वर से उनका निजी राबता है.

जब उन्हें सनक सवार होती थी तो वो कई दिनों तक आस्तिकों की तरह कुरान पढ़तीं. लेकिन कई बार ऐसा भी होता था कि वो कुरान शरीफ़ को एक तरफ़ रख देतीं. जब उनकी शिष्या शांति हीरानंद उनसे पूछतीं, ‘अम्मी क्या हुआ?’ तो उनका जवाब होता, 'लड़ाई है अल्ला मियाँ से!'






__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 09-11-2014, 07:24 PM   #3
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर


एक बार वो एक संगीत सभा में भाग लेने मुंबई गईं. वहीं अचानक उन्होंने तय किया कि वो हज करने मक्का जाएंगी. उन्होंने बस अपनी फ़ीस लीं, टिकट ख़रीदा और वहीं से मक्का के लिए रवाना हो गईं. जब तक वो मदीना पहुंची उनके सारे पैसे ख़त्म हो चुके थे.

उन्होंने ज़मीन पर बैठ कर नात पढ़ना शुरू कर दिया. लोगों की भीड़ लग गई और लोगों को पता चल गया कि वो कौन हैं. तुरंत स्थानीय रेडियो स्टेशन ने उन्हें आमंत्रित किया और रेडियो के लिए उनके नात को रिकॉर्ड किया.

इश्क़ में नाकामी

शांति हीरानंद बताती हैं कि बेगम अख़तर ने अपनी ज़िंदगी में सिर्फ़ एक शख़्स से इश्क़ किया था. वो गया के एक ज़मींदार थे और उनका नाम था अली. एक बार कोलकाता में अपनी रिकॉर्डिंग के बाद वो बिना बताए उनके घर पहुंच गईं थीं और उन्हें रंगे हाथों अपनी एंग्लो इंडियन मित्र के साथ पकड़ लिया था.

दोनों में बहुत कहा सुनी हुई थी और बेगम अख़्तर ने उसी समय उन्हें छोड़ देने का फ़ैसला किया था. बेगम अख़्तर ने अपने जीवन के कुछ बहुमूल्य दिन कोलकाता में गुज़ारे थे.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 09-11-2014, 07:27 PM   #4
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर


बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने सत्यजीत राय की फ़िल्म 'जलसागर' में शास्त्रीय गायिका की भूमिका भी निभाई है. उर्दू के नामी शायर जिगर मुरादाबादी से बेगम अख़्तर की गहरी दोस्ती थी. वो और उनकी पत्नी अक्सर बेगम के लखनऊ में हैवलौक रोड स्थित मकान में ठहरा करते थे.

शांति हीरानंद बताती हैं कि किस तरह बेगम अख़्तर जिगर से खुलेआम फ़्लर्ट किया करती थीं. एक बार मज़ाक में उन्होंने जिगर से कहा, ''क्या ही अच्छा हो कि हमारी आप से शादी हो जाए. कल्पना करिए कि हमारे बच्चे कैसे होंगे. मेरी आवाज़ और आपकी शायरी का ज़बरदस्त सम्मिश्रण!"

इस पर जिगर ने ज़ोर का ठहाका लगाया और जवाब दिया, "लेकिन अगर उनकी शक्ल मेरी तरह निकली तो क्या होगा."(जिगर मुरादाबादी की सूरत बहुत अच्छी नहीं थी.)

बेगम के दोस्तों में जाने माने शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व भी थे. जब भी वो लखनऊ में होते थे वो अक्सर अपना झोला कंधे पर डाले उनसे मिलने आया करते थे. वो शाकाहारी थे.

बेगम अख़्तर नहा कर अपने हाथों से उनके लिए खाना बनाया करती थीं. एक बार वो उनसे मिलने उनके शहर देवास भी गई थीं. तब कुमार ने उनके लिए खाना बनाया था और दोनों ने मिल कर गाया भी था.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 09-11-2014, 07:29 PM   #5
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर

नामचीन दोस्तों का साथ

फ़िराक़ गोरखपुरी भी उनके क़द्रदानों में थे. अपनी मौत से कुछ दिन पहले वो दिल्ली में पहाड़गंज के एक होटल में ठहरे हुए थे. बेगम उनसे मिलने गईं. फ़िराक़ गहरी गहरी सांस ले रहे थे लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान थी.

उन्होंने अपनी एक गज़ल बेगम अख़्तर को दी और इसरार किया कि वो उसी वक़्त उसे उनके लिए गाएं. गज़ल थी, 'शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाहें नाज़ की बातें करो, बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो' जब बेगम ने वो गज़ल गाई तो फ़िराक़ की आंखों से आंसू बह निकले.

बेगम की मशहूर गज़ल ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...’ के पीछे भी दिलचस्प कहानी है. उनकी शिष्या शांति हीरानंद लिखती हैं कि एक बार जब वो मुंबई सेंट्रल स्टेशन से लखनऊ के लिए रवाना हो रही थीं तो उनको स्टेशन छोड़ने आए शकील बदांयूनी ने उनके हाथ में एक चिट पकड़ाई.

रात को पुराने ज़माने के फ़र्स्ट क्लास कूपे में बेगम ने अपना हारमोनियम निकाला और चिट में लिखी उस गज़ल पर काम करना शुरू किया. भोपाल पहुंचते पहुंचते गज़ल को संगीतबद्ध किया जा चुका था. एक हफ़्ते के अंदर बेगम अख़्तर ने वो गज़ल लखनऊ रेडियो स्टेशन पर गाया... और पूरे भारत ने उसे हाथों हाथ लिया.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 11-11-2014, 09:41 PM   #6
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर
वो चौदहवीं की रात

एक बार बेगम अख़्तर जवानों के लिए कार्यक्रम करने कश्मीर गईं. जब वो लौटने लगीं तो अफ़सरों ने उन्हें विह्स्की की कुछ बोतलें दीं.

कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख़ अबदुल्लाह ने श्रीनगर में एक हाउस बोट पर उनके रुकने का इंतज़ाम करवाया था. जब रात हुई तो बेगम ने वेटर से कहा कि वो उनका हारमोनियम हाउस बोट की छत पर ले आएं. उन्होंने अपने साथ गईं रीता गांगुली से पूछा, ''तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा अगर मैं थोडी सी शराब पी लूँ?" रीता ने हामी भर दी. वेटर गिलास और सोडा ले आया.

बेगम ने रीता से कहा, "ज़रा नीचे जाओ और देखो कि हाउस बोट में कोई सुंदर गिलास है या नहीं? ये गिलास देखने में अच्छा नहीं है.'' रीता नीचे से कट ग्लास का गिलास ले कर आईं. उसे धोया और उसमें बेगम अख़्तर के लिए शराब डाली. उन्होंने चांद की तरफ़ जाम बढ़ाते हुए कहा, ''अच्छी शराब अच्छे गिलास में ही पी जानी चाहिए.''

रीता याद करती हैं उस रात बेगम अख़्तर ने दो घंटे तक गाया. ख़ासकर इब्ने इंशा की वो गज़ल गा कर तो उन्होंने उन्हें अवाक कर दिया.

'कल चौदहवीं की रात थी, शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछने कहा ये चांद है, कुछने कहा चेहरा तेरा'
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 11-11-2014, 09:43 PM   #7
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर
सिगरेट की तलब

बेगम अख़्तर चेन स्मोकर थीं. एक बार वो ट्रेन से सफ़र कर रही थी. देर रात महाराष्ट्र के एक छोटे से स्टेशन पर ट्रेन रुकी. बेगम प्लेटफ़ॉर्म पर उतरीं.

उन्होंने वहाँ मौजूद गार्ड से कहा, ''भैय्या मेरी सिगरेट ख़त्म हो गईं है. क्या आप सड़क के उस पार जाकर मेरे लिए कैप्सटन का एक पैकेट ले आएंगे.'' गार्ड ने सिगरेट लाने से साफ़ इंकार कर दिया.

बेगम अख़्तर ने आव देखा न ताव. फ़ौरन गार्ड के हाथों से उसकी लालटेन और झंडा छीना और कहा कि ये तभी उसे वापस मिलेगा जब वो उनके लिए सिगरेट ले आएंगे. उन्होंने सौ का नोट उस गार्ड को पकड़ाया. ट्रेन उस स्टेशन पर तब तक रुकी रही जब तक गार्ड उनकी सिगरेट ले कर नहीं आ गया.

सिगरेट की वजह से ही उन्हें 'पाकीज़ा' फ़िल्म छह बार देखनी पड़ी थी. हर बार वो सिगरेट पीने के लिए हॉल से बाहर आती और जब तक वो लौटतीं फ़िल्म का कुछ हिस्सा निकल जाया करता. अगले दिन वो उस हिस्से को देखने दोबारा मेफ़ेयर हॉल आतीं. इस तरह से उन्होंने 'पाकीज़ा' फ़िल्म छह बार में पूरी की.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 11-11-2014, 09:45 PM   #8
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

मलिका-ए-ग़ज़ल बेग़म अख्तर

उनकी एक और शिष्या रीता गांगुली याद करती हैं कि जब बेगम अख़्तर मुंबई आतीं तो संगीतकार मदनमोहन से मिले बिना न लौटतीं. मदन मोहन उनसे मिलने उनके होटल आते और हमेशा अपनी गोरी महिला मित्रों को साथ लाते.

आधी रात के बाद तक बेगम अख़्तर और मदनमोहन के संगीत के दौर चलते और बीच में ही वो गोरी लड़कियां बिना बताए होटल से ग़ायब हो जातीं.

कई बार बेगम मदनमोहन से पूछतीं, "तुम उन चुड़ैलों को लाते क्यों हो? उनको तो संगीत की भी समझ नहीं है." मदन मोहन मुस्कराते और कहते, ''ताकि आप अच्छा गा सकें. आप ही तो कहतीं हैं कि आपको सुंदर चेहरों से प्रेरणा मिलती है."

बेगम अख़्तर का जवाब होता, "बेकार में अपनी तारीफ़ मत कराइए. आपको पता है कि आपका चेहरा मुझे प्रेरित करने के लिए काफ़ी है.''
**
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 11-11-2014, 09:56 PM   #9
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: Malika-e-Gazal Begum Akhtar

बेग़म अख्तर

^

Begum Akhtar
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
बेगम अख्तर, मलिका-ए-ग़ज़ल, begum akhtar, malika-e-gazal


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 11:16 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.