23-04-2012, 07:32 AM | #6821 |
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दौलतपुर (बाराबंकी)। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव में महानायक अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या के नाम पर इंटर कॉलेज का निर्माण अब जयाप्रदा का निष्ठा फाउंडेशन नहीं बल्कि बच्चन का स्वयंसेवी संगठन अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान करेगा। अमिताभ के दौलतपुर में जमीन खरीदने और फिर 27 जनवरी 2008 को उस पर ऐश्वर्या राय डिग्री कॉलेज के शिलान्यास तक के संपूर्ण कार्य से जुड़े रहे पूर्व सपा नेता अमर सिंह की सपा से दूरी का असर इस कॉलेज के निर्माण पर भी पड़ा है। अमिताभ के मुख्तार ओम ऋषिकेश यादव ने रविवार को बताया कि कॉलेज के निर्माण की जिम्मेदारी अमर सिंह की सहयोगी अभिनेत्री-राजनेता जयाप्रदा के निष्ठा फाउंडेशन से लेकर अमिताभ तथा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा गठित अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान को सौंप दी गई है। उन्होंने बताया कि दौलतपुर के ग्राम प्रधान अमित सिंह को अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान का नया प्रबंधक नियुक्त करके सम्बन्धित तीन बीघा जमीन का बेनामा शनिवार को संस्थान के नाम कर दिया गया। साथ ही स्कूल भवन के निर्माण के लिए अमिताभ की तरफ से पांच लाख रुपए का चेक भी संस्थान को सुपुर्द किया गया है। इस बीच, ग्राम प्रधान अमित सिंह ने बताया कि पूर्व घोषणा के मुताबिक दौलतपुर की सम्बन्धित जमीन पर इंटर कॉलेज का निर्माण होगा और बाद में उसे डिग्री कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर कॉलेज के निर्माण का काम करीब तीन साल पहले जया प्रदा के निष्ठा फाउंडेशन को दिया गया था लेकिन उसके द्वारा अभी तक कोई काम नहीं किए जाने पर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी उससे लेकर अमिताभ बच्चन सेवा संस्थान को सौंपी गई है। सिंह ने बताया कि कॉलेज का निर्माण कार्य इस साल शुरू होकर अगले वर्ष तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
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23-04-2012, 07:33 AM | #6822 |
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दक्षेस देशों की प्रेस परिषदों की समिति बनाने पर सुझाव
नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने दक्षेस के सभी सदस्य देशों की प्रेस परिषदों की एक संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है जो सम्बंधित मुद्दों पर काम करने के साथ रिश्तों को सुधारने की दिशा में भी सक्रियता से काम करेगी। अधिकारियों ने कहा कि काटजू ने नौ अप्रेल को सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र भेजकर दक्षेस प्रेस परिषद संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया। संयुक्त समिति का विचार सबसे पहले पाकिस्तान प्रेस परिषद के अध्यक्ष रजा मुहम्मद शफाकत खान अब्बासी ने काटजू को ईमेल कर उनके सामने रखा। काटजू ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अपने खत में लिखा कि इस तरह की समिति का गठन बहुत अच्छा विचार है तथा भारत को इस समिति में नेतृत्व की भूमिका मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी और जिम्मेदारियों पर काम करने के अलावा समिति इन देशों के बीच रिश्तों में सुधार की दिशा में भी काम कर सकती है। काटजू ने कहा कि मैंने एक पत्र लिखा है और सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी से फोन पर बातचीत भी की है। उन्होंने कहा है कि यह अच्छा विचार है और उन्होंने इसे सिफारिशों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हम शुरू में समिति में दक्षेस देशों को सदस्य बना सकते हैं लेकिन बाद में इसका विस्तार कर इसमें और भी दक्षिण एशियाई देशों को शामिल किया जा सकता है। काटजू ने कहा कि उन्होंने सरकार से मंजूरी मांगी है जिसके बाद दक्षेस संस्था से संपर्क किया जा सकता है।
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23-04-2012, 07:33 AM | #6823 |
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कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करे सरकार
नई दिल्ली। देश के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर के तेजी से फैलने के मद्देनजर जानलेवा मानी जाने वाली इस बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार से इसे अधिसूचित रोग घोषित करने की मांग की है। किशोरों एवं युवा लोगों में कैंसर पर रविवार को सम्पन्न हुए पहले राष्टñीय सम्मेलन में कैंसर विशेषज्ञों ने कहा कि हमारे देश में हर साल पांच लाख से अधिक लोगों की मौत कैंसर से हो जाती है लेकिन इसके बावजूद महामारी बन चुके इस रोग पर काबू पाने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। फरीदाबाद के एशियन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेस में आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स सहित देश के प्रमुख कैंसर चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञों ने किशोरों एवं युवाओं में फैल रहे कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सम्मेलन में भाग लेने वाले डा. बीआरए इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पीटल के निदेशक डा. जी. के रथ ने कहा कि कैंसर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे अधिसूचित रोग घोषित किया जाना चाहिए। अभी तक हैजा एवं डायरिया जैसे संक्रामक रोगों को ही अधिसूचित रोगों की सूची में रखा गया है। इस सूची में शामिल होने वाली आखिरी बीमारी स्वाइन फ्लू है। उन्होंने कहा कि रविवार को युवकों एवं किशोरों में भी कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि युवकों में कैंसर का इलाज हो सकता है लेकिन ऐसे मामले की शीघ्र पहचान और मरीजों को समय पर समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराया जाना चुनौती है। एशियन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेस के प्रबंध निदेशक डा. एन के पाण्डे ने कहा कि भारत में हर साल दस लाख से अधिक कैंसर के मामलों का पता चलता है जिनमें से डेढ़ लाख मरीज 15 से 35 वर्ष के होते हैं। इसी संस्थान के बाल कैंसर चिकित्सा विभाग के प्रमुख डा. प्रकाश जी चिताल्कर ने कहा कि हालांकि बच्चों, किशोरों एवं युवाओं में कैंसर तेजी से फैल रहा है लेकिन अभी भी 35 साल से कम उम्र में कैंसर की नियमित जांच कराने की सलाह नहीं दी जाती है। सम्मेलन में डा. पांडे, डा. रथ एवं डा. चित्ताल्कर के अलावा कैंसर विशेषज्ञ डा. प्रवीन बंसल, आइकन इंडिया के अध्यक्ष एमेरिकेयर्स तथा संयोजक डा. पुरविश एम. पारिख, डा. गोविंद बाबू, बैंगलुरू से डा. जी. पी सरन चौधरी, डा. समीर बख्शी, जयपुर के डा. हेमंत मलहोत्रा, टाटा मेमोरियल सेंटर मुम्बई के डा. आशीष गुलिया, कोलकाता के डा. जी.एस. भटटाचार्य, टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के बाल कैंसर विशेषज्ञ और सलाहकार डा. तुशार वोरा तथा कैनकिडस की अध्यक्ष डा. पूनम बगाई समेत 100 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। डा. रथ ने कहा कि इस उम्र के लोग ऊर्जावान होते हैं जिसकी वजह से कम इलाज में ज्यादा फायदा होता है। उन्होंने कहा कि हालांकि एम्स जैसे अस्पतालों में बच्चों में होने वाले कैंसर के लिए अलग से विभाग हंै लेकिन युवाओं एवं व्यस्कों के कैंसर के लिए अलग से विभाग की जरूरत है। उनका कहना है इस वर्ग के मरीजों पर दवा का सही प्रभाव होता है और इनके अंदर जीने की लालसा होती है, जिससे जीवन दर में काफी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। डा. चिताल्कर ने कहा कि हमारे देश में इस प्रकार के कैंसर की संख्या संभवत: एक साल में ढाई लाख है। इनमें से अधिकतर कैंसर का इलाज संभव है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि कई युवाओं की मौत हो जाती है क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और समाज इस सम्बंध में जागरुक नहीं हैं।
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23-04-2012, 07:34 AM | #6824 |
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पलामू में बाल अधिकारों की स्थिति चिंताजनक
नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले पलामू में बाल अधिकारों की स्थिति का जायजा लेने के बाद गंभीर चिंता जताई है। इस सिलसिले में वह अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की सिफारिशें भेजेगा। आयोग के सदस्य डॉक्टर योगेश दुबे के नेतृत्व में अप्रेल के मध्य में बाल आयोग के एक दल ने पलामू का दौरा किया था। दौरे के बाद तैयार इसकी रिपोर्ट में बाल अधिकारों की चिंताजनक स्थिति और प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही का उल्लेख किया गया है। दुबे ने कहा कि पलामू में जमीनी स्थिति का जायजा लेने के बाद हमने पाया कि वहां बाल अधिकारों की स्थिति चिंताजनक है। जिले में जहां भी हम गए, वहां भारी लापरवाही और उपेक्षा दिखाई दी। उन्होंने कहा कि इस दौरे को लेकर हम अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार को सिफारिशें भेजने वाले हैं। इसको लेकर आगे कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी जाएगी। जिला स्तर के अधिकारियों के जवाब से हम संतुष्ट नहीं है। पलामू में बाल अधिकार को लेकर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। बाल आयोग के दल ने पलामू के जिला अस्पताल, बाल कल्याण केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों का दौरा करने के साथ ही जिला अधिकारी, श्रम, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मुलाकात की। आयोग का कहना है, जिला अस्पताल की स्थिति बहुत खराब है। चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के कारण कई मरीजों और खासकर बच्चों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों का भी बुरा हाल है। आयोग के दल ने कहा कि जिले में स्कूलों की हालत अच्छी नहीं है। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के लिए भी इमारत नहीं है। बाल आयोग के एक पदाधिकारी के मुताबिक जिला प्रशासन ने वहां कुपोषित बच्चों की संख्या पांच हजार बताई है, लेकिन स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि यह संख्या कहीं ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि 19 लाख से अधिक आबादी वाला पलामू जिला नक्सल प्रभावित है और इसे देश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता है।
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23-04-2012, 07:34 AM | #6825 |
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गरीबों को मतदान करने के लिए भत्ता देने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वालों को किसी चुनाव में वोट डालने पर 100 रुपए देने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए के सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला की पीठ ने याचिकाकर्ता सीए राज पाल चौहान की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का निर्देश देने की मांग करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। इसलिए अदालत इस तरह की राहत नहीं दे सकती है। हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग से इस बाबत संपर्क करने को कहा। चौहान ने अपनी याचिका में मांग की थी कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि प्रत्येक बीपीएल मतदाता को 100 रुपए का भुगतान किया जाए और अन्य मतदाताओं को एक प्रशंसा प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाए। पीठ ने इस दलील को खारिज कर दिया कि जब भी चुनाव होते हैं तो मतदाताओं को वोट डालने के लिए अपने काम को छोड़ना पड़ता है और गरीब मतदाता को इस तरह से अपनी दैनिक मजदूरी गंवानी पड़ती है। चौहान ने दलील दी थी कि बीपीएल मतदाताओं के प्रति समानता दिखाने के लिए आयोग को उन्हें 100 रुपए देने चाहिए।
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23-04-2012, 07:36 AM | #6826 |
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चीनी अखबार का फिलिपीन के खिलाफ छोटे युद्ध का आह्वान
बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में विवादास्पद द्वीपों को लेकर चीन और फिलिपीन की नौसेनाओं के टकराव के बीच सरकार नियंत्रित एक चीनी अखबार ने कहा है कि बीजिंग को प्रतिबंध लगाने के अलावा मनीला के खिलाफ एक छोटे मोटे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने हुआनग्यान द्वीप या स्कारबोरोग शोआल को लेकर दोनों देशों के बीच हाल के टकराव पर अपने संपादकीय में कहा है, चीन को सागर में फिलिपीन के साथ छोटे मोटे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। अखबार ने कहा कि एक बार युद्ध शुरू हो जाए, तो चीन को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और दुनिया को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि वह युद्ध तो नहीं चाहता है लेकिन उससे डरता भी नहीं है। उसने यह भी कहा कि लेकिन ऐसे युद्ध से यह विवाद खत्म नहीं हो सकता। उल्लेखनीय है कि चीन और फिलिपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान के बीच दक्षिण चीन सागर विवाद हाल के महीनों में तेज हो गया क्योंकि अमेरिका ने इस विवाद में छोटे देशों का समर्थन किया। जब भारतीय और रूसी कंपनियों ने दक्षिण चीन सागर के उन हिस्सों में उत्खनन अनुबंध किया तब चीन ने भारत और रूस का विरोध किया था। यह संपादकीय ऐसे समय में आया है जब चीन ने अपना सबसे उन्नत मात्स्यिकी गश्ती जहाज विवादित द्वीप पर भेजा है और कहा है कि उसका लक्ष्य द्वीप को फिलिपीन नौसेना की नौकाओं से होने वाली गोलीबारी से बचाना है। चीन के हेनान प्रांत के तानमेन के स्थानीय अधिकारी डाई युडाओ के अनुसार पिछले 12 साल में दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ते समय 700 से अधिक मछुआरों को पड़ोसी देशों के सशस्त्र बलों के हाथों गिरफ्तारी, लूटपाट, मारपीट और बुरे बर्ताव का शिकार होना पड़ा। अखबार के मुताबिक हाल ही में चीन की मछली पकड़ने वाली 12 नौकाओं को 10 अप्रेल को फिलिपीन नौसेना की एक नौका के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। वे उस समय हुआनग्यान द्वीप के समीप खराब मौसम से अपना बचाव कर रहे थे। इस घटना से दोनों देशों के बीच राजनयिक टकराव पैदा हो गया और चीन ने मनीला से विरोध दर्ज कराया।
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23-04-2012, 07:36 AM | #6827 |
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चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ खड़े हों बाकी देश : फिलिपीन
मनीला। फिलिपीन के विदेश सचिव ने रविवार को अन्य देशों से दक्षिण चीन सागर में स्कारबोरोग शोआल के मसले पर चीन के आक्रामक रु ख के खिलाफ खड़े होने का आव्हान किया। अल्बर्ट डेल रोसारियो ने एक बयान जारी कर चेताया कि इस खनिज बहुल इलाके पर चीन के दावे पर अभी कुछ नहीं कहने पर अन्य देश भी प्रभावित होंगे। संवाददाताओं को भेजे गए एक एसएमएस में उन्होंने लिखा कि अगर हम अभी खड़े नहीं होंगे तो सिर्फ फिलिपीन ही नहीं, बल्कि सभी पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। गौरतलब है कि चीन की ओर से फिलिपीन के मुख्य द्वीप लुजोन से लगभग 230 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण चीन सागर में स्थित स्कारबोरोग शोआल के पास जहाज तैनात करने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
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23-04-2012, 07:37 AM | #6828 |
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सामने आया माओवादियों का अंतर्विरोध
भुवनेश्वर। ओडिशा की सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका को अगवा किए जाने की घटना के बाद माओवादियों का अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गया है। माओवादियों के एक धड़े ने हिकाका की रिहाई के एवज में चासी मुलिया आदिवासी संघ के जेल में बंद सभी सदस्यों को रिहा करने की मांग की जबकि दूसरे धड़े की मांग है कि विधायक के भविष्य का फैसला अब ‘प्रजा अदालत’ पर छोड़ देना चाहिए। भाकपा (माओवादी) की श्रीकाकुलम-कोरापुट समिति के नेता दया ने मीडिया के एक तबके को जारी पत्र में लिखा है, हम जेल में बंद चासी मुलिया आदिवासी संघ के सदस्यों की रिहाई की मांग करते हैं। यदि ओडिशा सरकार विधायक की रिहाई के प्रति गंभीर है तो उसे पहले उन सबको रिहा करना चाहिए। तेलुगु में लिखे गए पत्र में कहा गया है कि लक्ष्मीपुर से 37 वर्षीय विधायक झिना हिकाका की रिहाई में हो रही देर के लिए सरकार जिम्मेदार है। पत्र में यह भी कहा गया है कि माओवादी सरकार की नीतियों और उसके रुख के खिलाफ हैं। दया के पत्र से माओवादियों के विरोधाभासी रुख का पता चलता है क्योंकि भाकपा (माओवादी) की आंध्र ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति के प्रवक्ता जगबंधु ने एक आॅडियो संदेश में कहा कि अगवा किए गए विधायक के भाग्य का फैसला 25 अप्रेल को ‘प्रजा अदालत’ मेंं होगा। बंधक संकट के समाधान के लिए प्रयासरत ओडिशा सरकार के एक अधिकारी ने बताया, दया का नया पत्र काफी भरमाने वाला है। जगबंधु कुछ कहता है जबकि दया चासी मुलिया आदीवासी संघ के जेल में बंद सभी सदस्यों की रिहाई की मांग कर रहा है। हमें नहीं मालूम कि दोनों में कौन सही है। इसके अलावा, दया के पत्र में कहीं भी ‘प्रजा अदालत’ का जिक्र नहीं है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि दया माओवादी संगठन के पदसोपान में जगबंधु से कहीं नीचे है।
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23-04-2012, 01:59 PM | #6829 |
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सोमवार की रात होगी लाखों किताबों की बारिश
न्यूयॉर्क। अमेरिका में ‘वर्ल्ड बुक नाइट’ में आज हजारों कस्बे और शहर भाग ले रहे हैं और इस दौरान करीब 25 लाख मुफ्त किताबें दान में दिए जाने की उम्मीद है। इसमें सुजान्न कोलिंस की ‘द हंगर गेम्स’, शेर्मन एलक्सी की ‘द एबसोल्यूटली ट्रू डायरी आॅफ ए पार्ट टाइम इंडियन’, माइकल कोनेली की ‘ब्लड वर्क’ और लीफ इंगर की ‘पीस लाइक ए रीवर’ जैसी कृतियोंं का नाम शुमार है। लेखक इंगर ने कहा, ‘‘इसमें शामिल होकर मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं। लोगों को पढने के लिए पुराने दिनों की ओर लौटने के लिए प्रेरित करना एक चुनौती समान प्रतीत होता है।’’ वर्ल्ड बुक नाइट का आयोजन 2011 में स्काटलैंड में इडेनबर्ग के कोनोनगेट बुक्स के प्रबंध निदेशक जेमी बींग ने किया था। इस साल जर्मनी, आयरलैंड, ब्रिटेन के साथ ही अमेरिका भी इसमें भागीदारी कर रहा है। बहरहाल, कुछ ब्रिटिश प्रकाशकों ने आयोजन के कारण किताबों की बिक्री पर असर की बात कही थी लेकिन वर्ल्ड बुक नाइट को अमेरिका के सबसे बड़े प्रकाशक और अमेरिकन बुकसेलर्स एसोसिएशन का भी समर्थन मिला है।
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बाकरगंज के अस्थायी बाजार में आग, करीब डेढ सौ छोटी दुकानें जलकर राख
कानपुर। बाबूपुरवा के बाकरगंज इलाके में बांस बल्ली तिरपाल से बनी अस्थायी कपड़े एवं गल्ले की मंडी बाजार में आज तड़के आग लग गयी। आग में करीब डेढ सौ छोटी दुकानें जलकर राख हो गयीं। भीषण आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाड़ियों को करीब पांच घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि आग से किसी के घायल होने की खबर नहीं है। फायर ब्रिगेड विभाग के सूत्रों ने बताया कि बाकरगंज इलाके में अस्थायी रूप से बांस बल्ली और तिरपाल लगाकर बनाई गयी करीब दो सौ छोटी छोटी दुकाने हैं। जहां कपड़े, गल्ले और अन्य छोटे मोटे सामानों की छोटी दुकाने लगायी जाती हैं। यह दुकानें पक्की बनी हुई नहीं थीं। आज सुबह करीब दो बजे के आसपास इस बाजार में अचानक आग लग गयी। एक दुकान में लगी आग धीरे धीरे फैलती गयी और इसने जल्द ही पूरे बाजार को अपनी चपेट में ले लिया। चूंकि यह छोटी छोटी दुकानें बांस बल्ली और तिरपाल से बनी हुई थी इसलिये यह आग बहुत तेजी से फैल गयी। उन्होंने बताया कि इस आग पर काबू पाने में फायर ब्रिगेड विभाग की लगभग आधा दर्जन गाड़ियों ने करीब पांच घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। इस आग से किसी के घायल होने की कोई सूचना नही है लेकिन आग से दुकानों में रखा सामान जलकर राख हो गया। अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। पुलिस और फायर ब्रिगेड विभाग के अधिकारी आग लगने के कारणों की जांच कर रहे है।
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