28-11-2012, 05:20 PM | #25 |
Special Member
|
Re: अंग्रेजी क्यों रोना-धोना मचाती है ?
जहाँ तक स्कूलों में शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी की दादागिरी का सवाल है तो यह जान लें कि जापान, चीन, कोरिया जैसे देश अगर अंग्रेजी के बग़ैर जापानी, चीनी, कोरियाई भाषाओं के बूते न केवल उच्च शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में, बल्कि आर्थिक क्षेत्रों में भी विश्व-पटल पर अपनी धाक जमा सकते हैं, तो भारत जैसे कर्मठ और मेधा-संपन्न राष्ट्र के लिए तो यह कतई असंभव नहीं! इस संदर्भ में पुन: धीरूभाई सेठ के विचार रखते हुए मैं यह लेख समाप्त करना चाहूँगा. धीरूभाई सेठ का मानना है कि अंग्रेजी को सभी राज्यों के स्कूलों में शुरूआती स्तर से ही एक विषय के रूप में ढंग से पढ़ाया जाये लेकिन शिक्षा के माध्यम के रूप में इसका इस्तेमाल हतोत्साहित करते हुए अंतत: खत्म कर दिया जाना चाहिए.
__________________
बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
Bookmarks |
|
|