29-05-2013, 04:31 PM | #1 |
VIP Member
|
ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
ब्रिटेन अपने यहाँ रह रही पूर्वी अफ़्रीकी देशों के मूल की महिलाओं के खतने की प्रथा से बेहद परेशान है. एक अनुमान है की ब्रिटेन में करीब 66000 महिलाएं इस कुप्रथा से प्रभावित हैं. कई बार पूर्वी अफ़्रीकी मूल की ब्रितानी लड़कियों को अपने पूर्वजों के देश में ले जा कर उनका खतना कर दिया जाता है. ब्रिटेन में इस बात पर अभी तक कोई सज़ाएँ नहीं हुई हैं लेकिन देश की सरकार का कहना है कि वो महिलाओं के जननांगों को काटे जाने की प्रथा के अंत के लिए कटिबद्ध है. इस तरह की हिंसा से प्रभावित महिलाओं की मदद लंदन, ब्रिस्टल, बर्मिंघम, में कई अस्पताल और क्लीनिक कर रहे हैं. आप बीती *********** "मुझे ज़मीन पर सोना पड़ता था, चलना तो दूर, मैं खड़ी तक नहीं हो सकती थी. मेरे पावं रस्सी से बांध दिए गए जिससे मैं अपने पावों को फैला ना सकूं. वो सब बेहद दर्दभरा था" फ़िल्सन, एक पीड़ित पैतीस साल की उम्र की महिला फ़िल्सन उन्ही महिलाओं में से एक हैं जिनके जननांग सामाजिक मान्यताओं के कारण सिल दिए गए थे. फ़िल्सन के तीन बच्चे हैं और वो ब्रिटेन में रहती हैं. उस दिन को याद करते हुए वो बताती हैं कि सात साल की उम्र में सोमालिया में उनके खतने के पहले उन्हें नए कपड़े दिए गए. पर उसके बाद जो हुआ उसमे कुछ भी अच्छा नहीं था. फ़िल्सन बताती हैं, "वो बेहद दर्दनाक था. हालांकि मुझे दर्द निवारक इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन जब उसका असर खत्म हुआ तो मैं टॉयलेट भी नहीं जा पाती थी." फ़िल्सन याद करती हैं, "मुझे ज़मीन पर सोना पड़ता था, चलना तो दूर, मैं खड़ी तक नहीं हो सकती थी. मेरे पाँव रस्सी से बांध दिए गए जिससे मैं अपने पावों को फैला ना सकूं. वो सब बेहद दर्दभरा था." फ़िल्सन बताती हैं "जब मेरे पहले बच्चे के जन्म का वक़्त आया तो मैं बस यही सोच रही थी कि यह बच्चा मेरे शरीर के इतने क्षतिग्रस्त हिस्से से कैसे निकलेगा. लेकिन मेरे पास एक अच्छा डॉक्टर था जो मेरी परेशानी को समझता था." फ़िल्सन की वो यादें अभी तक उनके अंदर सिहरन पैदा कर देती हैं. प्रयास ******* आज फ़िल्सन अपने जैसी महिलाओं की मदद के लिए काम करती हैं. सोमाली मूल के लोगों के बीच उनका काम धीरे-धीरे रंग ला रहा है. फ़िल्सन कहती हैं "ब्रिटेन में लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं कि यह कोई अच्छी प्रथा नहीं है और इससे दूर जाने की ज़रुरत है. अफ़्रीका में इसके खिलाफ़ लोगों को जागरूक करने की ज़रुरत है." ब्रिटेन में सोमाली भाषा के टीवी चैनलों पर इसके खिलाफ़ विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं और प्रभावित महिलाओं की सर्जरी भी की जा रही है. क्वीन शार्लेट अस्पताल में काम करने वाली एक विशेषज्ञ जूलिएट एल्बर्ट बताती हैं कि क्यों ब्रिटेन में कई परिवार आज भी इस बर्बर प्रथा का पालन करते हैं. एल्बर्ट के अनुसार "यूं तो महिलाएं इससे दूर रहना चाहती हैं, लेकिन वो घबराती है कि आगे चल कर उनकी बेटियों की शादी में इसकी वजह से कहीं दिक्कत ना उठ खड़ी हो." एल्बर्ट कहती हैं कि इस खतने की वजह से महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन होता है, सेक्स तथा अपने मासिक के दौरान उन्हें बेहद दर्द का सामना भी करना पड़ता है. इस नुकसान को पलटना बहुत मुश्किल नहीं है और यह एक छोटे से ऑपरेशन के साथ किया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय अभियान ************************ ब्रिटेन की सामाजिक स्वास्थ्य मंत्री ऐना सर्बी का कहती हैं "ब्रिटेन अपने हर बच्चे को अत्याचार से बचाएगा चाहे उसके दादा या दादी किसी भी देश से ताल्लुक रखते हों." ब्रिटेन की सरकार ने हाल ही में साढ़े तीन करोड़ पाउंड या करीब 292 करोड़ रुपयों के बराबर के कार्यक्रम की घोषणा की है जिसके तहत महिलाओं के खतने की प्रथा के खिलाफ ना केवल ब्रिटेन में बल्कि उन देशों में भी अभियान चलाया जाएगा जहाँ इस कुप्रथा का पालन होता है. ब्रिटेन की अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री लिन फ़ेदरमोर का कहना है "पूर्व में इस तरह के मसले सांस्कृतिक कारणों से नहीं छुए जाते थे लेकिन अब और नहीं. क्लिक करें महिलाओं के खिलाफ हिंसा हिंसा है चाहे वो बंद दरवाजों के पीछे हो और किसी भी कारण से हो." उनके अनुसार सरकार और गृह मंत्रालय इसके बारे में जो कर सकेंगे वो करेंगे. फ़ेदरमोर कहती हैं कि इस प्रथा से निपटने के लिए के नए क़दमों की ज़रुरत है पर बल देती है. वो कहती हैं " फ़्रांस में छह साल तक की बच्चियों के जननांगों का परीक्षण किया जाता है. लेकिन इस देश में इसकी ज़रुरत नहीं है क्योंकि यहाँ ज़्यादातर आबादी के बीच इस तरह की समस्या नहीं है." तरीका चाहे जो हो लेकिन सरकार का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए और काम की ज़रुरत है ब्रिटेन में मौजूद सामाजिक समूहों के बीच भी और स्कूलों के बच्चों के बीच भी. Source: http://www.bbc.co.uk/hindi/internati...tion_adg.shtml
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
22-09-2013, 09:55 PM | #2 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
एक सभ्य समाज में भी असभ्य तरीका ?.....................
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
23-09-2013, 06:28 PM | #3 |
VIP Member
|
Re: ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
23-09-2013, 07:16 PM | #4 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
किसी भी समाज की धार्मिक मान्यताओं को कट्टरता, असभ्यता अथवा उपहास की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। हमारे यहाँ हिन्दू धर्म में भी छोटे छोटे बच्चों का मुंडन संस्कार अथवा कर्ण/नासिका छेदन जैसे संस्कार प्रचलित हैं जिनसे बच्चों को पीड़ा होती है किन्तु हम उन्हें कुछ मीठा खिला कर नवीन वस्त्रों का लालच दे कर चुप करा देते हैं। क्या यह उचित है? हिन्दू विधवा के जीवन से सभी प्रकार के रंग छीन लेना कहाँ का सुसंस्कार है ? ऐसा कर के क्या हम उस विधवा स्त्री को जीते जी मारने का प्रयत्न नहीं करते ?
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
24-09-2013, 09:57 PM | #5 |
Special Member
|
Re: ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
जय भाई आपकी बात से काफी हद तक सहमत हूँ पर हमारे समाज में ये आम नहीं है और बदलाव हो रहे हैं
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
24-07-2014, 01:26 PM | #6 |
Special Member
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 |
Re: ब्रिटेन अपने यहाँ महिलाओं के खतने की प्रथì
केसी केसी कुप्रथा इस संसार में ,किसी को किसी का दर्द भी मालुम नहीं ,क्या बितती होगी उन पर जो इनका शिकार हुए !
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." |
Bookmarks |
|
|