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Old 12-01-2011, 07:09 AM   #21
Kumar Anil
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Kumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud of
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शंख की धामिँक महत्ता तो सर्वविदित है । धर्म से इतर ये मानव शरीर के फेफड़ोँ को व्यायाम कराकर रक्त प्रवाह को तेजी देकर निरोगी करता है । इसके द्वारा निकली ध्वनि लहरोँ से कीट - पतंगोँ मेँ कंपन के फलस्वरूप वायु - शुद्धि होती है ।
__________________
दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो ।
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Old 01-03-2011, 04:45 PM   #22
VIDROHI NAYAK
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गौ के मूत्र को हिंदू पवित्र मानते है! क्या वैज्ञानिक द्रष्टि से भी गौमूत्र पवित्र है?

हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान प्रदान किया गया है! गौ माता को पवित्र माना गया है! इसके मुख के भाग को छोडकर पीठ के पीछे का भाग पवित्र माना गया है! अतः गौमूत्र ओर गोबर दोनों पवित्र है!
गौमूत्र के सेवन से प्लीहा और यकृत जैसे भयंकर रोग नष्ट हो जाते है! गौमूत्र कैंसर रोग को भी ठीक करनी में सहायक है! इसके सेवन से संक्रमण जनित रोग भी ठीक हो जाते है! इस तरह वैज्ञानिक द्रष्टि से भी गौमूत्र उपयोगी एवं पवित्र है!
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 03-03-2011, 11:51 AM   #23
VIDROHI NAYAK
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लोग माला क्यों फेरते हैं?

माला एक पवित्र वस्तु है ! यह शुद्ध तथा पवित्र वस्तुओ से बनाई जाती है ! इसमें १०८ मनके (दाने) होते हैं !यह १०८ मनके साधक को जप संख्या की गणना करने में सहायक होते हैं ! इन १०८ मनको का भी एक रहस्य है !भारतीय मुनियों ने एक वर्ष में २७ नछत्र बताये हैं ! प्रत्येक नछत्र के ४ चरण होते हैं ! इस प्रकार २७*१०४= १०८ हुए ! यह संख्या पवित्र ही नहीं अत्यंत पवित्र मानी गयी है !
जप करते समय साधक को होंठ एवं जीभ को हिलाना पड़ता है ! इससे कंठ की ध्वनिया प्रभावित होती हैं ,जिसके कारण साधक को कंठमाला,गलगंड आदि रोग होने की सम्भावना बनी रहती है ! इस प्रकार के रोगों से बचने के लिए औषधि युक्त काष्ट,तुलसी,रुद्राक्ष,आदि की माला गले में धारण करनी चाहिए !

विभिन्न विभिन्न प्रकार की माला फेरने के आध्यात्मिक लाभ -
१ कमल गट्टे की माला - शत्रु विनाश हेतु
२ सर्प की हड्डी की माला -मारण एवं तामसी कार्यों के लिए
३ तुलसी की माला - भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए
४ कुश ग्रंथि की माला -पाप नाश के लिए
५ जीव पुत्र की माला-संतान गोपाल का जप करने के लिए
६ हरिद्रा की माला - विघ्न हरण करने के लिए
७ विय्घ्र नख की माला - नजर एवं टोने टोटके से बचाव के लिए
८ रुद्राक्ष की माला- दीर्धायु होने के लिए जब महा म्र्त्युन्जय का जाप करना हो !

माला फेरने का वैज्ञानिक लाभ
माला फेरते समय अंगूठे और अंगुली के मध्य घर्षण से एक प्रकार की विद्युत उत्पन्न होती है जो धमनियो द्वारा होकर सीधी ह्रदय चक्र को प्रभावित करती है जिससे चंचल मन स्थिर हो जाता है
यह विधा एक्यूप्रेशर के इलाज की तरह ही है !
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 03-03-2011, 11:57 AM   #24
jaara hayaat khaan
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jaara hayaat khaan is on a distinguished road
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बहुत अच्छी जानकारियाँ
दिल खुश हो गया
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Old 03-03-2011, 01:44 PM   #25
Bholu
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मुसलमान भाई पश्चिम दिशा की और मुख करके नबाज अदा करते है
क्या है इसका बिशेष कारण

मुसलमान भाई खुदा का घर पश्चिम दिशा की ओर मानते है ओर इनकी पाक मस्जिदेँ भी इसी तरीके से बनती है
__________________
Gaurav kumar Gaurav
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Old 03-03-2011, 01:58 PM   #26
bhoomi ji
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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
लोग माला क्यों फेरते हैं?

माला एक पवित्र वस्तु है ! यह शुद्ध तथा पवित्र वस्तुओ से बनाई जाती है ! इसमें १०८ मनके (दाने) होते हैं !यह १०८ मनके साधक को जप संख्या की गणना करने में सहायक होते हैं ! इन १०८ मनको का भी एक रहस्य है !भारतीय मुनियों ने एक वर्ष में २७ नछत्र बताये हैं ! प्रत्येक नछत्र के ४ चरण होते हैं ! इस प्रकार २७*१०४= १०८ हुए ! यह संख्या पवित्र ही नहीं अत्यंत पवित्र मानी गयी है !
जप करते समय साधक को होंठ एवं जीभ को हिलाना पड़ता है ! इससे कंठ की ध्वनिया प्रभावित होती हैं ,जिसके कारण साधक को कंठमाला,गलगंड आदि रोग होने की सम्भावना बनी रहती है ! इस प्रकार के रोगों से बचने के लिए औषधि युक्त काष्ट,तुलसी,रुद्राक्ष,आदि की माला गले में धारण करनी चाहिए !

विभिन्न विभिन्न प्रकार की माला फेरने के आध्यात्मिक लाभ -
१ कमल गट्टे की माला - शत्रु विनाश हेतु
२ सर्प की हड्डी की माला -मारण एवं तामसी कार्यों के लिए
३ तुलसी की माला - भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए
४ कुश ग्रंथि की माला -पाप नाश के लिए
५ जीव पुत्र की माला-संतान गोपाल का जप करने के लिए
६ हरिद्रा की माला - विघ्न हरण करने के लिए
७ विय्घ्र नख की माला - नजर एवं टोने टोटके से बचाव के लिए
८ रुद्राक्ष की माला- दीर्धायु होने के लिए जब महा म्र्त्युन्जय का जाप करना हो !


माला फेरने का वैज्ञानिक लाभ
माला फेरते समय अंगूठे और अंगुली के मध्य घर्षण से एक प्रकार की विद्युत उत्पन्न होती है जो धमनियो द्वारा होकर सीधी ह्रदय चक्र को प्रभावित करती है जिससे चंचल मन स्थिर हो जाता है
यह विधा एक्यूप्रेशर के इलाज की तरह ही है !


बहुत अच्छी जानकारी
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हिंदी का सम्मान-
हमारे देश का सम्मान- हमारा सम्मान,


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Old 03-03-2011, 04:36 PM   #27
VIDROHI NAYAK
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मुसलमान भाई पश्चिम दिशा की और मुख करके नबाज अदा करते है
क्या है इसका बिशेष कारण

मुसलमान भाई खुदा का घर पश्चिम दिशा की ओर मानते है ओर इनकी पाक मस्जिदेँ भी इसी तरीके से बनती है
जहाँ तक मुझे ज्ञात है मुस्लिम काबा की तरफ मुह करके नबाज़ अदा करते हैं ! कई जगह मुस्लिम पूर्व की ओर भी मुख करके नाबाज़ अदा करते हैं ! यह स्थिति उनकी भूगोलिक स्थिति पर निर्भर करती है !यही नियम मस्जिदों पे भी लागू होता है
पवित्र कुरआन [ 2:144] की इस आयत में भी दे रखा है की अपनी धार्मिक स्थल की ओर मुख करके नबाज़ अदा करें हालाँकि नबाज़ अल्लाह के लिए अदा करें न की मक्का के लिए !
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( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 03-03-2011, 06:37 PM   #28
Bholu
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मुसलमानो मे काबा {खुदा} का घर पश्चिम की ओर मानते है
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