18-04-2011, 05:36 PM | #81 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
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प्यार बाटते चलो , प्यार ही जीवन है ...एन्जॉय करो ..मस्त रहो .........आप का अपना देव भारद्वाज |
18-04-2011, 08:01 PM | #82 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
मित्र ढूंढो...ढूंढने से ये विधा भी मिल जायेगी !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
18-04-2011, 11:24 PM | #83 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
लगता है किसी को जवाब समझ में नहीं आया ..
या फिर मुझे ही सवाल समझ में नहीं आया ...
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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19-04-2011, 11:09 AM | #84 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
खैर कोई बात नहीं.............चलिए मै एक और सवाल पूछता हूँ -
" क्या एक लोकतांत्रिक देश में नक्सलवाद जैसी विचारधारा का उपजना सही है ? "
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19-04-2011, 12:47 PM | #85 | |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
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लेकिन दोस्त कुछ कारण भी होगा जो ऐसे विचार धारा को अपनाते हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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19-04-2011, 01:50 PM | #86 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
कतई नहीँ , अगरचे वास्तव मेँ लोकतान्त्रिक देश हो । संविधान की मूल भावना के अनुरूप कल्याणकारी राज्य की अवस्थापना अथवा पुरजोर क़ोशिशेँ ऐसी समस्याओँ को जन्म ही नहीँ देँगी । परन्तु जब लोकतन्त्र के नाम पर लोगोँ के हितोँ से , उनकी अस्मिता से खेला जायेगा तो समाज का वह उपेक्षित , सर्वहारा , शोषित वर्ग असंतोष की ज्वाला मेँ , विषमताओँ के नैराश्य मेँ नक्सलवाद क्या किसी भी वाद का दामन थामने को विवश होगा । यही विसंगतियां विप्लव की कारक बनती हैँ । एक तबका अपने हितोँ को संरक्षित करने , अन्याय का सामना करने मेँ जब स्वयं को लाचार पाता है तो वह विद्रोह करने के लिये विवश हो जाता है । आख़िर क्योँ नक्सली क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनोँ , उनकी खनिज सम्पदा का भरपूर दोहन कर अन्य क्षेत्रोँ का विकास सतत् है । क्या विकास मेँ उनकी भागीदारी न्यायोचित नहीँ है ? उन्हेँ हाशिये पर डाले रखने की पृष्ठभूमि मेँ क्या उनका कोई अपराध है ? क्या एक लोकतान्त्रिक सरकार को व्यापारी मानसिकता से ग्रस्त होकर ज्यादा टैक्स चुकाने वाले क्षेत्रोँ पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करना उचित है ? क्या एक लोकतान्त्रिक सरकार का दृष्टिकोण सम्यक् व समभाव युक्त नहीँ होना चाहिये ।
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19-04-2011, 10:19 PM | #87 | |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
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लोकतंत्र में चुनाव में शामिल होकर तथा जीतकर और इस तरह जनता के प्रतिनिधि बनकर सुधार नहीं कर सकते ? निर्दोष और बच्चों को मारना किस प्रकार का पूंजीवादी विरोध है ?
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19-04-2011, 11:13 PM | #88 | |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
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काम्या
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20-04-2011, 12:01 AM | #89 | |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
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बाद में मुझे भी ऐसा ही महसूस हुआ ..... खैर ....अब प्रविष्टि मिटा भी नहीं सकता न इसीलिए क्षमा प्रार्थी हूँ
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29-06-2011, 10:29 PM | #90 |
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Re: सवाल आपके - जवाब हम सब के !!
ये बिसंगती आपको सिर्फ शिव और शिव से जुड़े देवताओं में ही मिलेगी .इसका प्रमुख कारन है की शिव पहले असुरों के देवता थे और इनका नाम रूद्र हुआ करता था. पर जब कर्म-कांड ज्यादा बढ़ गया और धीरे धीरे जब इनकी लोकप्रियता बढती गयी क्यूंकि इनके पूजन में ज्यादा खर्च और कर्मकांड की जरुरत नहीं थी. तो आर्यों ने फिर इन्हें भी अपने देवताओं में सामिल कर लिया और इनका नाम पड़ा -शिव .बहुत सारी चीजें बदली गयीं पर बहुत सी बिसंगतियों को नहीं बदला गा सका तो इन्हें महादेव कहकर बिसंगतियों के साथ ही अपना लिया गया.
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