26-03-2011, 10:16 PM | #22 |
Diligent Member
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
हम मतलब मै तो नहीं है ! मेरे ख्वाब तो पहले बेटी ही पाने का है ! अब बस ये दहेज नाम के अभिशाप की म्रत्यु हो जाए यकीनन 'हम' बहुत कुछ समझने लगेंगे !
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
26-03-2011, 10:22 PM | #23 | |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
Quote:
आपने ये दहेज का अभिशाप को हमारे समाज से निकाल फेँकने की जरूरत है मै खुद दो बेटियोँ का पिता हूँ
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26-03-2011, 11:01 PM | #24 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
मातृ दिवस पर
माँ को करते हैं सलाम और मातृ दिवस पर ही कहीं किसी बेटी को करते हैं हलाल जब भी कहीं कोई बेटी मरती हैं एक माँ को भी तो आप ख़तम करते हैं एक बच्चे का ममत्व आप छिनते हैं आज से कुछ और साल बाद शायद ना कोई माँ होगी और ना ही होगी कोई संतान मातृ दिवस ना मनाये ऐसी परम्पराए क्यूँ बनाये जिनेह आगे चल कर ख़तम ही होना हैं चलिये मानते हैं ऑनर किल्लिंग दिवस कन्या भुंण ह्त्या दिवस दहेज के नाम पर जलती बहु - दिवस क्या रखा हैं मातृ दिवस मे बालिका दिवस मे जब मन मे स्नेह नहीं बेटी के लिये केवल सम्पत्ति हैं बेटी कभी अपने घर तो कभी ससराल उसका मरना निश्चित हैं दिवस बस अनिश्चित हैं सो करिये घोषणा कब मारेगे अपनी बेटी को कुछ जश्न फिर नया हो
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27-03-2011, 11:36 AM | #25 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
मेरा होना या न होना
मैं तभी भली थी जब नहीं था मालूम मुझे कि मेरे होने से कुछ फर्क पड़ता है दुनिया को कि मेरा होना, नहीं है सिर्फ औरों के लिए अपने लिए भी है. मैं जी रही थी अपने कड़वे अतीत, कुछ सुन्दर यादों, कुछ लिजलिजे अनुभवों के साथ चल रही थी सदियों से मेरे लिए बनायी गयी राह पर बस चल रही थी ... रास्ते में मिले कुछ अपने जैसे लोग पढ़ने को मिलीं कुछ किताबें कुछ बहसें , कुछ तर्क-वितर्क और अचानक ... अपने होने का एहसास हुआ अब ... मैं परेशान हूँ हर उस बात से जो मेरे होने की राह में रुकावट है... हर वो औरत परेशान है जो जान चुकी है कि वो है पर, नहीं हो पा रही है अपनी सी हर वो किताब ... हर वो विचार ... हर वो तर्क ... दोषी है उन औरतों का जिन्होंने जान लिया है अपने होने को कि उन्हें होना कुछ और था और... कुछ और बना दिया गया ..
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27-03-2011, 12:43 PM | #27 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
सवाल ये है कि क्योँ अजन्मी कन्याओँ को गर्भ मे ही मार दिया जाता है ?
जिस स्त्री से हमारा वंश आगे बढ़ता है क्योँ हम उसे तिरस्कार भरी नजरोँ से देखते है | क्योँ उसे दहेज के नाम पर अग्निपरीक्षा देनी पड़ती है
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30-03-2011, 12:29 AM | #28 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
सिकंदर भाई द्वारा बहुत बेमिसाल सूत्र. मेरी तरफ से शुभकामनाएं.
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11-04-2011, 08:48 AM | #29 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
लड़की होने पर दुनिया वाले क्यों मनाते है शोक लड़की को बोझ क्यों समझते है लोग हर काम में ये आगे है ये मर्दों से कभी पीछे नहीं हटती अपने फर्जो से इसके जन्म पर क्यों नहीं बांटता कोई भोग | ******************************** एक पडोसी थे मेरे, न थी उनके कोई औलाद हाथ जोड़कर ईश्वर से करते थे वो फ़रियाद कर्म खुदा का उनके आँगन में खिली एक कली मायूस होकर बोले कि हुई है एक लड़की मैंने कहा अंकल कुछ खिला पिला तो जाते कहने लगे लड़का होता तो जरूर खिलाते | ******************************** सुनते ही दिल मेरा तड़प उठा ये क्या उल्टा रिवाज़ है दुनिया का कभी देते है देवी या कन्या का नाम इसे कभी पैदा होते ही करते है बदनाम इसे चाहते हुए भी कुछ न कर सकी दुखी ह्रदय से कविता लिख डाली | *************************** मैं न किसी पर बोझ बनूंगी , जग में ऊँचा नाम करूंगी फिर देखूँगी कौन करेगा लड़की होने पर मातम | ************************************** अरे नादान लोगो , जरा समझ लो न होगी लड़की तो समाप्त हो जायेगा जीवन इसके जज्बात को न कोई समझा है न कोई समझ सकेगा ..............! ************************** संजय कुमार भास्कर
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Last edited by Sikandar_Khan; 11-04-2011 at 08:53 AM. Reason: edit |
23-09-2011, 07:58 PM | #30 |
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Re: सबसे बड़ा सवाल ?
गुडिया द्वारा चावल ,मुट्ठी में भरते ही
आँख छलछला उठीं अपनी लाडली का यह स्वरुप कैसे देख पाऊंगा ..मैं पिता कैसी यह घडी, कैसा यह चलन नहीं समझ सका, कभी यह मन ! मुझे सबसे अधिक प्यार करने वाली ही , इस घर में सबसे कमज़ोर है, मेरे होते हुए भी शायद सबसे अधिक, उसे ही मेरी जरूरत है ! और सबसे पहले, उसे ही निकाल रहा, मैं खुद कह रहा कि , यह तेरा घर नहीं ! भाई को सौंपती, अपने पिता को कि भैया ! पापा का ख़याल रखना कहती, यह मासूम जा रही है एक नयी जगह , मेरी बेटी ! जिसको, भय वश मैंने, कभी नयी जगह, अकेला नहीं जाने दिया .... यह जा रही है , नए लोगों के बीच रहने अकेली ! बिना अपने पिता ... जिसे मैंने कभी नए लोगों से नहीं मिलने दिया क्योंकि यहाँ भेडिये ज्यादा मिलते हैं, इंसान कम मेरे कठोर शरीर का , सबसे कोमल टुकड़ा मुझसे अलग होकर जा रहा है, घने जंगल में यह पिता क्या करे ??
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