08-10-2011, 07:14 PM | #1 |
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उदगीर,महाराष्ट्र » ईतिहास
भारतीय ध्वज के लिए लगने वाला सूती कपड़ा इसी शहर खादी ग्रामोद्योग मे बनता है. इसी कपड़े से भारतीय ध्वज बनता है और देश मे हर जगह जगह जहा ध्वजारोहण होता है, वहा यह ध्वज भेजा जाता है. यहा ध्वज के अलावा साड़ी, कुर्ता-पायजामा, बेड शीट, सलवार, कुशन कवर और ढेर सारी खादी की चीज़े बनती है. उदगिर शहर आज एक प्रमुख व्यापारी केंद्र है. यहा तहेसील कार्यालय और उप-विभागीय कार्यालय भी है. शहर जानवरो के बाजार के लीए भी जाना जाता है. ख़ास कर देवानी जाती के बैलो के लिए यह बाजार प्रसिद्ध है. शहर महाराष्ट्र - कर्नाटका सीमा पर स्थित है. और शहर का विकास बड़ेही तेजीसे हो रहा है. शिक्षा मे तो शहर बड़ाही जाना जाता है. इस का प्रमुख कारण है यहा की शिक्षा पद्धती. १० वी और १२ वी की पढ़ाई की एक नयी ही शैली यहा विकसीत हुई है. उसीकी बदौलत आज शहर मे पढ़नेवाले छात्र परीक्षा मे शिखर पे है. यहा के शिवाजी विद्यालय, उदयगीरी विद्यालय, और हवगीस्वामी विद्यालय आज पूरे देश मे अपनी अच्छी शिक्षा पद्धती के लिए जाने जाते है. |
08-10-2011, 07:15 PM | #2 |
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Re: उदगीर,महाराष्ट्र » ईतिहास
उदगिर शहर का किला आज भी भारतीय इतिहास और संस्कृति की मिसाल देता खड़ा है.
ज़मीन पर बाँधा हुआ यह किला ४० फीट गहरी खाई से घीरा हुआ है. किले पे अभी भी दरबारो के अवशेष दिखाई देते है. किले पे ज़मीन से ६० फीट गहराई मे श्री उदगीरस्वामी की समाधी है. उनके नाम से ही शहर को उदगिर नाम मिला. यह किला लोगो के लिए अब एक श्रद्धा का स्थान बनचुका है. अरबी और पर्शिअन भाषाओमे लिखे शिलालेख इस किले पे अभी भी मौजूद है. शहर की सबसे बड़ी मस्जीद,जामीया मस्जीद चौबारे पे स्थित है. शहर की दूसरी बड़ी मस्जीद, मक़बरा मस्जीद शहर के मध्य मे स्थित है. |
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