My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Debates
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 15-03-2015, 03:19 AM   #1
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

एक बात आज मैंने सुनी और वो बात सच में मुझे बहुत अछि लगी और सोचने वाली भी लगी की घर को एक मंदिर जेइसा बनाया जय या फिर घर में एक मंदिर हो ?
दोस्तों और मेरे पाठको से निवेदन है की इस विषय पर आप सब अपने अपने विचार यहाँ रखे फिर मै अ पने विचार आप सबके साथ सेर करुँगी सो कृपया इस बहस में सभी हिस्सा लें .

आपकी क्या रराय है इस बारे में?
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 15-03-2015, 02:43 PM   #2
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 32
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Quote:
Originally Posted by soni pushpa View Post
एक बात आज मैंने सुनी और वो बात सच में मुझे बहुत अछि लगी और सोचने वाली भी लगी की घर को एक मंदिर जेइसा बनाया जय या फिर घर में एक मंदिर हो ?
दोस्तों और मेरे पाठको से निवेदन है की इस विषय पर आप सब अपने अपने विचार यहाँ रखे फिर मै अ पने विचार आप सबके साथ सेर करुँगी सो कृपया इस बहस में सभी हिस्सा लें .

आपकी क्या रराय है इस बारे में?

घर में मन्दिर तो ज्यादातर सभी घरों में मिल जाएँगे , पर बहुत ही कम घर ऐसे होते हैं जो खुद ही मन्दिर जैसे पवित्र हों । जहाँ शान्ति हो , सुकून हो , लोग अपना समय जहाँ गुजारना पसन्द करें, जहाँ उन्हें अपनी समस्याओं से लडने की हिम्मत मिल सके , जहाँ वो आनन्द का अनुभव कर सकें । और घर को मन्दिर बनाना भी कोई मुश्किल काम नहीं है , हम अपने थोडे से प्रयास से ये काम कर सकते हैं । अगर घर के सभी सदस्यों में आपसी समझ विकसित हो जाये , लोग एक दूसरे को सम्मान दें , एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें , दूसरों को बदलने का प्रयास ना करें , उन्हें वैसे ही उनकी कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार करें , कभी किसी भी सदस्य को नीचा ना दिखायें , किसी का मजाक ना बनायें , किसी को ताने ना दें तो हर घर मन्दिर अपने आप ही बन जायेगा ।
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice
Pavitra is offline   Reply With Quote
Old 15-03-2015, 08:45 PM   #3
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Quote:
Originally Posted by pavitra View Post
घर में मन्दिर तो ज्यादातर सभी घरों में मिल जाएँगे , पर बहुत ही कम घर ऐसे होते हैं जो खुद ही मन्दिर जैसे पवित्र हों । जहाँ शान्ति हो , सुकून हो , लोग अपना समय जहाँ गुजारना पसन्द करें, जहाँ उन्हें अपनी समस्याओं से लडने की हिम्मत मिल सके , जहाँ वो आनन्द का अनुभव कर सकें । और घर को मन्दिर बनाना भी कोई मुश्किल काम नहीं है , हम अपने थोडे से प्रयास से ये काम कर सकते हैं । अगर घर के सभी सदस्यों में आपसी समझ विकसित हो जाये , लोग एक दूसरे को सम्मान दें , एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें , दूसरों को बदलने का प्रयास ना करें , उन्हें वैसे ही उनकी कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार करें , कभी किसी भी सदस्य को नीचा ना दिखायें , किसी का मजाक ना बनायें , किसी को ताने ना दें तो हर घर मन्दिर अपने आप ही बन जायेगा ।



Quote:
Originally Posted by pavitra View Post
घर में मन्दिर तो ज्यादातर सभी घरों में मिल जाएँगे , पर बहुत ही कम घर ऐसे होते हैं जो खुद ही मन्दिर जैसे पवित्र हों । जहाँ शान्ति हो , सुकून हो , लोग अपना समय जहाँ गुजारना पसन्द करें, जहाँ उन्हें अपनी समस्याओं से लडने की हिम्मत मिल सके , जहाँ वो आनन्द का अनुभव कर सकें । और घर को मन्दिर बनाना भी कोई मुश्किल काम नहीं है , हम अपने थोडे से प्रयास से ये काम कर सकते हैं । अगर घर के सभी सदस्यों में आपसी समझ विकसित हो जाये , लोग एक दूसरे को सम्मान दें , एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें , दूसरों को बदलने का प्रयास ना करें , उन्हें वैसे ही उनकी कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार करें , कभी किसी भी सदस्य को नीचा ना दिखायें , किसी का मजाक ना बनायें , किसी को ताने ना दें तो हर घर मन्दिर अपने आप ही बन जायेगा ।





बहुत बहुत धन्यवाद आपको पवित्रा जी ,.. जी हाँ मेरा मानना यही है पवित्रा जी की घर में मंदिर बनाने की जगह आज के समय में इन्सान को खुद का घर मंदिर जेइसा बनाना चहिये जिसमे घर के सदस्यों के बिच एकदूजे के लिए असीम प्यार हो, विश्वास हो और एकदूजे के लिए जीने की चाह हो और त्याग की भावना से घर के सदस्यों के दिल परिपूर्ण हो .
मंदिर घर में हो भगवन की पूजा हर समय होती हो ये एक अछि बात है इससे लोगो के मन में सकारात्मक उर्जा का जन्म होता है किन्तु यदि पूजा सिर्फ एक यांत्रिक तरीके से की जाय की दिया जलना है बस जला दिया, तुलसी में पानी डालना है नौकर को कहके डलवा दिया , तो उस घर में सकारात्मक उर्जा नहीं आती और लोगो में एकदूजे के लिए जीने की भावना नहीं आती भगवन की पूजा में श्रध्धा का होना भी जरुरी है .
और दूजे ये की जिस घर में माँ बाप की सेवा होती हो जिस घर में अपनत्व की भावना हो जहा छोटे बड़े का सम्मान करते हो और बड़े छोटो से बेहद प्यार करते हों, और समस्त परिवार मिलकर सभी सुख दुःख में भाग लेते हों क्यूंकि वहां एक स्वच्छ वातावरण होता है मन में मैल नहीं होता किसी के, वहां माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए पहले एकबार घर को मंदिर बनाये तब अपने आप घर का मंदिर खिल उठेगा और भगवन खुद आकार वहां बिराजमान हो जायेंगे ..... कलह क्लेश के वातावरण में घर से बरकत चली जाती है. लोगो के मन की शांति चली जाती है और हर पल जहा आंसुओं की झड़ी हो वहां हंसी नहीं और हंसी जहाँ नहीं वहां आनंद नहीं और भगवन वहां होते है जहा आनंद हो क्यूंकि भगवान खुद आनंद स्वरुप हैं .
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 15-03-2015, 09:01 PM   #4
Deep_
Moderator
 
Deep_'s Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 39
Deep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

होतें है....गांव में एसे भी घर मैने देखे है जहां हररोज बच्चे, बडे और बुढे मील कर एक साथ खाना खाते है फिर देर रात तक बतियाते रहेतें है। हंसी, मजाक, मस्ती, ज्ञान की बातें, पुरानी यादें और खास कर के माहिती का आदान-प्रदान भी होता रहेता है। परिवार में ईतना कोम्युनिकेशन मैने जब पहली बार देखा तो सचमुच बहुत अच्छा लगा था।

मुझे लगता की शहर में टीवी की वजह से यह सब बंध हो गया है। एक दुसरे के घर आनाजाना भी बहुत कम हो गया है। उपर से स्मार्ट फोन आ गए है, जो सभी का ध्यान कीसी वर्चुअल दुनिया में लगाए रहता है।
Deep_ is offline   Reply With Quote
Old 16-03-2015, 01:31 AM   #5
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Quote:
Originally Posted by Deep_ View Post
होतें है....गांव में एसे भी घर मैने देखे है जहां हररोज बच्चे, बडे और बुढे मील कर एक साथ खाना खाते है फिर देर रात तक बतियाते रहेतें है। हंसी, मजाक, मस्ती, ज्ञान की बातें, पुरानी यादें और खास कर के माहिती का आदान-प्रदान भी होता रहेता है। परिवार में ईतना कोम्युनिकेशन मैने जब पहली बार देखा तो सचमुच बहुत अच्छा लगा था।

मुझे लगता की शहर में टीवी की वजह से यह सब बंध हो गया है। एक दुसरे के घर आनाजाना भी बहुत कम हो गया है। उपर से स्मार्ट फोन आ गए है, जो सभी का ध्यान कीसी वर्चुअल दुनिया में लगाए रहता है।
dhanywad deep ji ...आपने कुछ पलों के लिए ये देखा तो कितना अच्छा लगा न आपको? याने की हर अछि चीज इन्सान के मन को भाती है और वो उसे पाना भी चाहता है किन्तु आज समय आपसी मतभेद से और मनमुटावों से समाज की, घर परिवार की हालत खस्ता होते जा रही है रोज रोज समाज में नई नई समस्याओं का जन्म हो रहा है जिसके लिए हम सिर्फ स्मार्ट फोन और टीवी को दोषित नहीं ठहरा सकते. हमे खुद को पहले इन सब चीजो से प्रभावित होने से बचाना है और अछि बाते हमारे मन में बिठानी है और अपनो के लिए, अपने आसपास के वातावरण के लिए अच्छाकार्य करना, अच्छा सोचना है तब आप एक अछे इंसान बनोगे और तब ही आपके घर में आपके इस स्वाभाव का असर दिखेगा और घर में इतनी शांति स्थापित होगी जेइसे की एक मंदिर में होती है
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 09-06-2015, 04:29 PM   #6
manishsqrt
Member
 
Join Date: Jun 2015
Location: varanasi
Posts: 102
Rep Power: 12
manishsqrt is a jewel in the roughmanishsqrt is a jewel in the roughmanishsqrt is a jewel in the rough
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Mai aapki baat samajh nahi paya, mere hisab se to ghar me mandir hona chahiye jisme hum bhagwan ki murat rakh kar puja kare, agar ghar ko mandir bana diya jae to wo ghar kaha rahega wo to mandir ho jaega ek public place fir usme koi bhi aa ja sakta hai, fir aap kaha rahenge?
manishsqrt is offline   Reply With Quote
Old 09-06-2015, 04:44 PM   #7
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Quote:
Originally Posted by manishsqrt View Post
Mai aapki baat samajh nahi paya, mere hisab se to ghar me mandir hona chahiye jisme hum bhagwan ki murat rakh kar puja kare, agar ghar ko mandir bana diya jae to wo ghar kaha rahega wo to mandir ho jaega ek public place fir usme koi bhi aa ja sakta hai, fir aap kaha rahenge?




manish ji , shayd aapne meri bat ki gahanta ki or dhyan nahi diya hai mere kahne ka tatparya ye hai ki yadi ghar me etani shant,i prem, vatsaly bhar jay ki ghar ka vatavaran hi ek mandir jeisa ho jay jahan klesh kankas , ladai jhagade , ershya aadi ke liye koi sthan hi na ho yane ki ek mandir me jitni man ki shanti hoti hai utani hi shanti ek ek ghar me aa jay to? kitna achha ho na yadi ghar me shanti hogi to kisi ko ghar ke bahar mansik shanti khojne nahi jana padega .. ekduje ke liye jine ka vichaar, prem sauhard ki bhavna se bhara ghar ek mandir hi to ho jayega na ?
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 13-08-2015, 12:59 AM   #8
Shikha sanghvi
Senior Member
 
Shikha sanghvi's Avatar
 
Join Date: Jan 2015
Posts: 314
Rep Power: 23
Shikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud ofShikha sanghvi has much to be proud of
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Very nice topic pushpaji.....hum likhe bina nahi rahe paye.....
Humare khayal se Bhagwan vahi basera karta hai kiska dil suchha ho...nek ho...Jisse dil Mai a sim Pyar ho.....agar ghar ko hi mandir bana diya jaye to logo ko kisi or jagah sukun ki ta lash Mai Jane ki jarurat nahi padegi......aaj life bahot hard ho gayi hai....kaam se thakkar insan sukun ke liye apno ke paas ghar aata hai par agar ghar Mai bhi santi sukun nahi hoga to vo ghar aana hi nahi chahega....
Ghar Mai mandir hona ye achha hai par ghar ko mandir banaya jaye ye usse bhi achhi baat hai...
__________________
Shikha75.simplesite.com
Shikhashayari.blogspot.com
Shikha sanghvi is offline   Reply With Quote
Old 26-08-2015, 03:55 PM   #9
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

Quote:
Originally Posted by Shikha sanghvi View Post
Very nice topic pushpaji.....hum likhe bina nahi rahe paye.....
Humare khayal se Bhagwan vahi basera karta hai kiska dil suchha ho...nek ho...Jisse dil Mai a sim Pyar ho.....agar ghar ko hi mandir bana diya jaye to logo ko kisi or jagah sukun ki ta lash Mai Jane ki jarurat nahi padegi......aaj life bahot hard ho gayi hai....kaam se thakkar insan sukun ke liye apno ke paas ghar aata hai par agar ghar Mai bhi santi sukun nahi hoga to vo ghar aana hi nahi chahega....
Ghar Mai mandir hona ye achha hai par ghar ko mandir banaya jaye ye usse bhi achhi baat hai...
bahut bahut dhanywad shikha ji, aapke anmol comments ke liye ,... sorry for late reply ...
aapne sahi samjha mere likhne ka tatparya yahi hai ki ghar ko etna sukun , sauhard or prem se bhara banayen ki ghar me jate hi mandir me hone wali man ki shanti ki anubhuti insaan ko khud ke ghar me ho .
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Old 27-08-2015, 10:58 PM   #10
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर

घर हो मंदिर या घर में हो एक मंदिर" नामक चर्चामें मंदिर शब्द पर अधिक जोर दिया गया है. जो लोग शहर भर में मौजूद सैंकड़ों मंदिरों के बावजूद अपने घर में एक निजी मंदिर बनाने को आवश्यक समझते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं (और बहुत से लोग ऐसा करते भी हैं). लेकिन देखने वाली बात यह है कि जिस घर में सुख-शांति, परस्पर आदर भाव, स्नेह, प्रसन्नता तथा घर के हर सदस्य के मन में ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव रहता है तो वहाँ भौतिक रूप से मंदिर स्थापित हो या न हो, उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. ऐसे सद्गुणों से परिपूर्ण वातावरण जिस घर में व्याप्त हो, वह घर किसी मंदिर से कम नहीं है. वहाँ ईश्वर का वास रहता है. ऐसे स्थान पर बड़ों के श्रेष्ठ संस्कार बच्चों में भी प्रवाहित होने लगते हैं. मेरे विचार से यदि किसी को इससे सुकून प्राप्त होता है तो घर के किसी भाग में (इष्ट देवता /ओं की तस्वीर या प्रतिमा से युक्त) मंदिर बनाया जा सकता है मगर जब तक उपरोक्त भाव मन में जागृत नहीं होगे तब तक यह मंदिर नहीं बल्कि मंदिर का ढांचा या दिखावा मात्र कहा जायेगा.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 10:27 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.