08-05-2015, 11:45 PM | #1 |
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ईश्वर कौन हैं ?
कुछ दिन पहले अख़बार में एक खबर पढ़ी थी ,उत्तर प्रदेश के एक महंत हैं जो ईश्वर और सत्य की खोज में हैं। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत कई जगह अर्जियां लगाईं हैं ये जानने के
लिए की ईश्वर कौन हैं ?लेकिन उन्हें कहीं से भी जवाब नहीं मिला। आखिर ईश्वर हैं कौन ?क्या कोई हमें ईश्वर से मिलवा सकता है ? ईश्वर के होने या न होने के पीछे सभी के अपने -अपने तर्क हो सकते हैं। मैं आस्तिक हूँ और ये मानती हूँ कि ईश्वर हैं। हम जिसे अंतरात्मा कहते हैं मैं मानती हूँ वही ईश्वर है,जो हम सब के अंदर मौजूद है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि आत्मा अजर-अमर है और हम भी यही मानते हैं कि ईश्वर का कोई आदि और अंत नहीं है। ईश्वर एक अदृश्य शक्ति है जो हम सब के अंदर और पूरे ब्रह्माण्ड में मौजूद है,ईश्वर प्रकृति है ,ईश्वर का कोई रूप नहीं है ,हम अपने हिसाब से उसका रूप तय करते हैं। हमारी जिसमें श्रद्धा हो जाती है या जिसके लिए हमारा प्रेम चरम पर पहुँच जाता है ,वही हमारे लिए ईश्वर होता है। जैसे सूरदास जिन्हें जन्म से ही दिखाई नहीं देता था लेकिन उन्होंने अपने मन में श्री कृष्ण की छवि बसाई हुई थी और वो बगैर आँखों के भी बता देते थे की श्री कृष्ण ने कौन से रंग की पोशाक पहनी है। तानसेन जो अपने संगीत से बरसात कर देते थे,अपने राग से बुझे हुए दीपक भी जला देते थे ,शायद उनके लिए उनका संगीत ही ईश्वर था। श्री रामकृष्ण परमहंस जो काली माँ के उपासक थे और उनके अनन्य भक्त भी। तो ये हमारे ऊपर है कि हम ईश्वर को कौन सा रूप देते हैं ,और किस रूप में उनको पूजते हैं। ये मेरी सोच है,आप लोग ईश्वर के बारे में क्या सोचते हैं ,बताइये। हो सकता है सबकी बातों से थोड़ी उलझन कम हो जाए। Last edited by Dark Saint Alaick; 07-06-2015 at 01:41 AM. |
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