05-03-2020, 06:56 PM | #1 |
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कोरोना वायरस (तीन कुण्डलिया छंद)
■■■■■■■■■■■■■■■ कोरोना यह वायरस, जो मानव की देन। इतना ताकतवर हुआ, पल पल देता पेन। पल पल देता पेन, नाक बहने लगती है। आती रहती छींक, देह तपने लगती है। इसका करो इलाज, न समझो जादू-टोना। दे सकता है मौत, वायरस यह कोरोना।।१।। कोरोना ने आजकल, फैलाये हैं पाँव। नगर सुरक्षित हैं नहीं, दहशत में हर गाँव। दहशत में हर गाँव, मगर मत यूँ घबराना। कर देना तुम बंद, भीड़ में आना-जाना। साफ रहे हर अंग, बदन साबुन से धोना। अगर सुरक्षा पास, करेगा क्या कोरोना।।२।। कोरोना अप्रैल में, हो सकता है नष्ट। कुछ हफ्तों की बात है, सह लेना तुम कष्ट। सह लेना तुम कष्ट, बढ़ेगी गर्मी जैसे। कोरोना बेजान, बनेगा भाई वैसे। कर लेना संघर्ष, नहीं तुम धीरज खोना। आते ही अप्रैल, मिटेगा यह कोरोना।।३।। रचना- आकाश महेशपुरी दिनांक- ०४/०३/२०२० ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. न.- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 05-03-2020 at 08:18 PM. |
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