10-05-2011, 09:14 PM | #24 |
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Re: दर्द की बात प्यार के साथ ( शायरी,गीत,गजल)
यदि जीवन शान से है जीना, फर्ज है अपना प्रकृति को बचाना, अनमोल है जीवन इस धरा पर, खुदा ने दिया है यह नज़राना। जीयें उसे कैसे, यह एक सवाल है? प्रकृति का यह उपहार बेमिसाल है, हो रहा है दोहन, इसका इतना, जीवन पर आ पड़ी है कैसी विपदा? जल जीवन का आधार है, जल बिन यह जीवन निराधार है, रोक कर प्रदूषण को, वातावरण को स्वच्छ बनाना है। जो वायु जीवन देती है, उसे युगों तक कायम रखना है न काटो इन दरख्तों को, जो छाया तुमको देते हैं। भरते हैं ये पेट तुम्हारा, पशुओं का भी पालन करते हैं, करके ग्रहण ये कार्बनडाई ऑक्साइड हमारे जीवन को मधुर बनाते हैं। न उजाड़ो इन वनों को, जो प्राकृतिक आपदा से बचाते हैं, रोक कर वर्षा का जल, भूमि का जल-स्तर बढ़ाते हैं। आज इन्हें बचाओगे तो, कल जीवन भी बच जाएगा दिख रहा है जो भविष्य खतरे में, खतरे से बाहर आ जाएगा। लगाकर पेड़ ज्यादा से ज्यादा हमें इस जमीं को सजाना है पूज्यनीय है यह प्रकृति, इस संजीवनी को बचाना है। |
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