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Old 07-12-2010, 11:37 AM   #41
ndhebar
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

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Originally Posted by amit_tiwari View Post
भारत पर विकिलीक्स का असर: माइनस ज़ीरो | यहाँ के लोगों का नाम आ भी गया तो क्या नया होगा?? बेशरम तो पहले से हैं, कह देंगे साहब ये सब झूठ है |

अरविन्द भाई आपसे और माधवी जी से अनुरोध है की इस सूत्र को चलते रहें | इसमें कमेन्ट कम आयेंगे पर फिर भी | ये दस सूत्रों के बराबर एक है , आप दोनों को धन्यवाद
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
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Old 07-12-2010, 07:54 PM   #42
ndhebar
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

ब्रेकिंग न्यूज

विकिलीक्स के संपादक जुलियन एसेंज आज लन्दन में गिरफ्तार हो गए
उनपर बलात्कार का चार्ज है
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Old 08-12-2010, 01:39 AM   #43
amit_tiwari
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

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Originally Posted by jitendragarg View Post
i have read extensively on this topic for last two days, and even got a chance to see the video and the war logs, leaked by the wikileaks site. Finally i have to agree with usa on this one. Whatever mentioned in the video or war logs is totally normal. In all, its just a hype from the media, which is exactly the reason why these logs weren't made public in first place.

I will write my complete take on the whole scenario later, explaining the whole comment i just made. Till then i would like to hear more about your take on this topic.



P.s.

Once again, a reminder, kindly don't post links or videos, of anything related to the topic, as this might result in serious issues for us. Just keep it to the discussion.
जीतेन्द्र जी मैं सुनना चाहूँगा उन कारणों को इस मुद्दे पर अमेरिका को सही ठहरा सकते हैं |
मुझे युद्ध की आतंरिक स्थितियों का ज्ञान नहीं है किन्तु इतना तो अवश्य है की मैं गोली चलने से पहले सोचूंगा की सामने वाला जंग लड़ने कैमरा ले के नहीं जाएगा |
वो विडियो मैंने भी देखा !!!
जिस बहाने को ले के अमरीकी लड़ने गए वो सिरे से झूठा निकला, ऊपर से वहाँ के लोगों को किसी प्राइवेट कंपनी (ब्लैकवाटर) के भाड़े के टट्टुओं (अधिकांश फिलीपीनी) से मरवा रहे हैं !

अंत में बस इतना कहना है कि जज्बातों के रीचार्ज कूपन नहीं होते दोस्त, ये एक बार ख़त्म हो जाएँ तो बस ख़त्म हो जाते हैं | अगर किसी का स्कूल में पढता बच्चा बम से मारा जाये तो बीस हजार मील दूर का सॉरी नहीं सुनेगा जिसके साथ में निशाना १ मीटर से चूकने का बहाना हो |
ये अमरीकी अपनी मिसाइलों के निशाने को मीटर की अन्शता में नापते हैं लेकिन पिज्जा खाकर सड़े इनके दिमाग ये नहीं समझते की किसी जगह डेढ़ टन बारूद गिराने में १ मीटर की दूरी कितना मायने रखती है |

खैर फिर भी आपकी दलीलों का इन्तेजार रहेगा |

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Originally Posted by ndhebar View Post
ब्रेकिंग न्यूज

विकिलीक्स के संपादक जुलियन एसेंज आज लन्दन में गिरफ्तार हो गए
उनपर बलात्कार का चार्ज है
ये तो होना ही था और मुझे पूरा विश्वास है कि इससे जुलियन को भी आश्चर्य नहीं हुआ होगा किन्तु अब बहुत देर हो चुकी है !!!
इस उधारी की खाने वाले बदतमीज़ देश को अपनी वाजिब औकात पर जल्दी आना ही होगा | आ ही जायेगा !!!
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Old 08-12-2010, 03:41 AM   #44
madhavi
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

विकिलीक्स के प्रधान संपादक जूलियन पॉल असांजे को लंदन में पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर स्वीडन ने अंसाजे के ख़िलाफ़ वारंट जारी किया था। ग़ौरतलब है कि असांजे पर स्वीडन में रेप, यौन उत्पीड़न और कई ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। असांजे की वेबसाइट ने 250000 गोपनीय अमेरिकी दस्तावेज़ लीक किए थे। तब से अमेरिका असांजे के पीछे पड़ा हुआ है। अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने असांजे की इस हरकत को दुनिया पर हमला तक क़रार दिया था।
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Old 08-12-2010, 03:46 AM   #45
madhavi
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

असांज लंदन के थाने में स्वयं आए थे जब उन्हें गिरफ्तार किया गयाविकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को लंदन में गिरफ़्तार कर लिया गया है.ब्रिटेन की पुलिस का कहना है कि असांज को लंदन के एक थाने में उस समय गिरफ़्तार किया गया जब वो तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिस से मिलने पहुंचे थे.असांज के ख़िलाफ़ स्वीडन के आग्रह पर यूरोपीय गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया था. स्वीडन में असांज के ख़िलाफ़ बलात्कार समेत चार मामले हैं.

असांज आज दिन में कोर्ट में पेश भी होंगे.विकीलीक्स पिछले कुछ दिनों से अमरीका के गुप्त कूटनीतिक रिपोर्टें लीक कर रहा है जिससे अमरीका को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है.असांज के वकील ब्रिटेन के मार्क स्टीफ़न्स ने बीबीसी को बताया था कि असांज ब्रिटेन की पुलिस से बात करने के इच्छुक थे लेकिन उन्हें स्वीडन की क़ानून व्यवस्था पर यकीन नहीं है.

वकील का कहना था कि स्वीडन के अधिकारियों ने बड़े अजीबोगरीब तरीके से व्यवहार किया है और उनके मुवक्किल पर लगा गए आरोपों के बारे में ये तक नहीं बताया कि इस मामले के सबूत किस तरह के हैं.असांज के वकील का कहना था कि विकीलीक्स आने वाले दिनों में इंटरनेट पर अमरीकी कूटनीतिक रिपोर्टों से जुड़ी और जानकारियां पेश करेगा.
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Old 08-12-2010, 03:51 AM   #46
madhavi
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

हाफ़िज़ सईद की गतिविधियों को लेकर बड़े सवाल उठाए जाते रहे हैंविकीलीक्स पर जारी दस्तावेज़ों के अनुसार मुंबई में नवंबर, 2008 को हुए चरमपंथी हमलों से पहले कर पाकिस्तान के कहने पर चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध को रोके रखा.

जमात-उद-दावा चरमपंथी संगठन लश्करे तैबा का प्रतिनिधि संगठन है. और लश्करे तैबा वह संगठन है जिस पर मुंबई में हुए चरमपंथी हमलों का आरोप है.यह जानकारी अमरीकी राजनयिक संदेशों से प्राप्त हुई है. इस संदेश को अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मंज़ूरी दी है.दस अगस्त, 2010 को जारी संदेश के अनुसार जमात-उद-दावा की गतिविधियाँ जारी थीं और यह इन गतिविधियों को चलाने के लिए धन भी एकत्रित कर रहा था. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने संगठन की संपत्ति ज़ब्त करने के लिए क्या क़दम उठाए.

इन गोपनीय संदेशों को पाकिस्तान में अमरीकी दूतावास और संयुक्त राष्ट्र स्थित अमरीकी दूतावास को भेजा गया था.समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस संदेश में लिखा है, "मुंबई हमलों से पहले जमात-उद-दावा और इसके प्रमुख हाफ़िज़ सईद पर प्रतिबंध लगाने के हमारे अनुरोधों पर पाकिस्तान के कहने पर चीन रोक लगाता रहा."यूं तो सुरक्षा परिषद 15 सदस्यों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति है लेकिन चूंकि चीन इस परिषद का स्थाई सदस्य है और उसे 'वीटो पॉवर' हासिल है, उसकी मंज़ूरी के बिना सुरक्षा परिषद कोई फ़ैसला नहीं ले सकता.

अमरीकी विदेश मंत्रालय की ओर से भेजे गए इस संदेश में पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र दोनों जगह अमरीकी राजनयिकों को निर्देश दिए गए थे कि वे पाकिस्तान से जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएँ.इसी संदेश में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों को सूचित कर दिया जाए कि संयुक्त राष्ट्र के अल-क़ायदा, तालिबान सूची से जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद का नाम हटाए जाने के प्रस्ताव का अमरीका विरोध करेगा.

हिलेरी क्लिंटन ने अपने संदेश में शीर्ष अमरीकी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे जमात-उद-दावा और हाफ़िज़ सईद पर से प्रतिबंध हटाए जाने के प्रस्ताव को वीटो कर दें.जमात-उद-दावा और सईद की ओर से प्रतिबंध हटाने का आवेदन पेश करने वाले वकीलों ने तर्क दिया था कि इन दोनों पर प्रतिबंध लगाने का कोई आधार नहीं है.

लेकिन हिलेरी क्लिंटन ने अपने संदेश में कहा था, "अमरीकी प्रशासन को उपलब्ध जानकारियों के आधार पर हम जानते हैं कि लश्करे तैबा और जमात-उद-दावा के लिए कई वरिष्ठ नेता काम करते हैं, जिसमें हाफ़िज़ सईद शामिल हैं वे लश्करे तैबा को नियंत्रित करते हैं और उनके सदस्यों को दिशा निर्देश देते हैं."

इस अमरीकी संदेश के अनुसार लश्करे तैबा और जमात-उद-दावा दोनों एक ही संगठन का हिस्सा हैं जिसका नाम 'मरकज़-उद-दावावाल-इरशाद' बताया गया है.अमरीका विकीलीक्स पर दस्तावेज़ जारी करने को एक आपराधिक कार्य बताता रहा है और इससे बेहद नाराज़ है.जमात-उद-दावा और लश्करे तैबा पर जारी इन दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता पर अमरीकी प्रशासन ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
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Old 08-12-2010, 05:02 AM   #47
madhavi
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

मुंबई पर आतंकी हमलों के बाद एक ओर जहां पाकिस्तान भारत के सामने अपने को पाक साफ करने में लगा हुआ था वहीं दूसरी ओर मुंबई हमलों को अंजाम देनेवाला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मारने की योजनाओं पर काम कर रहे थे. यह खुलासा विकीलीक्स के खुलासे में हुआ है जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अन्य एजंसियों के बीच संदेशों का लेन देन हुआ है.

19 जून 2009 को प्रसारित इस केबल में अमेरिकी विदेशी मंत्री हिलेरी क्लिंटन के आफिस से मुख्य सुरक्षा अधिकारी और विभिन्न दूतावासों को भेजे गये संदेश में इस सूचना का जिक्र किया गया है. प्रसारित केबल जून 2009 में लश्कर के आतंकी भारत में तीन प्रमुख गतिविधियों को अंजाम देना चाहते थे. इसमें शफीक खान और हुसैन नामक व्यक्तियों का जिक्र है जिसमें शफीक खान लश्कर के आतंकी के तौर पर चिन्हित किया गया है. इन योजनाओं में सबसे अहम योजना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावित हत्या सबसे प्रमुख थी. इसके साथ ही बातचीत में एक आतंकी शिविर की स्थापना और किसी अज्ञात कार्य के लिए एक कार की व्यवस्था करने का भी जिक्र आता है. इन सभी आतंकी गतिविधियों को हुसैन नामक आदमी अंजाम देनेवाला था जो कि भारत में समीर नाम के आदमी के संपर्क में था.

संदेश में यह भी बात सामने आ रही है कि पाकिस्तान में शफीक काफा नामक आदमी दक्षिण भारत के तीन राज्यों में संभावित आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जो ट्रेनिंग कैम्प बनाना चाहता है उसके लिए वह जगह के बारे में जानकारी जुटा रहा था. ऐसा समझा जाता है कि दक्षिण भारत में इन हमलों के लिए लश्कर श्रीलंका स्थित अपने "संपर्को" का इस्तेमाल कर सकता था. केबल से यह जानकारी भी सामने आती है कि इस काम के लिए लश्कर ने दो से तीन महीने का समय निर्धारित किया था.
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Old 08-12-2010, 05:25 AM   #48
pooja 1990
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

ab kya hoga congress ka. pr
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डेथ का दूसरा नाम पूजा चौहान .मरना है तो आ जाओ .में वेट कर रही हु .कच्चा चबा जाउंगी .

मेरे सभी सूत्र


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Old 08-12-2010, 03:22 PM   #49
arvind
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

दरअसल मुझे तो ऐसा लगता है कि अमेरिका अपनी चौधराहट के चक्कर मे अंदर से धीरे-धीरे खोखला होता जा रहा है, जिस तरह भारत, चीन, जैसे तेजी से प्रगति की ओर बढ़ते हुये देशो को सोवियत संघ जैसा बनाना चाहता है, और उसके लिए पाकिस्तान जैसे चिरकुट देश को मोहरा बनाकर लाखो करोड़ो डालर की सहायता कर रहा है। जिस तरह अपने समर्थक देशो को बरगला कर अपने साथ उन्हे भी युद्ध के मैदान मे बलि का बकरा बना कर अपना सिर्फ उल्लू सीधा कर रहा है, उसमे निश्चित रूप से अंतिम अमेरिका को ही मुह की खानी पड़ेगी। जैसा की विकिलिक्स के खुलासे से तस्वीर काफी हद तक साफ भी हो चुकी है। इन सब पर अमेरिकी प्रशासन ने पानी की तरहा पैसा बहाया है, उसका खामियाजा भी दिखने लगा है।

अमेरिका में हर महीने औसतन करीब 15 बैंक दिवालिया हो रहे हैं जिनमें छोटे और मध्यम बैंकों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस साल, 2010 में अभी तक 118 अमेरिकी बैंक दिवालिया हो चुके हैं। अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी के चलते बैंकों का भुगतान न हो पाने की वजह से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। जुलाई में 22 अमेरिकी बैंक तो इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 23 अमेरिकी बैंक दिवालिया हुए। पिछले साल 140 अमेरिकी बैंकों को कारोबार समेटना पड़ा था।

एक बाजार विश्लेषक जिन मिएका ने मंदी के दौर को देखते हुए आगामी सितंबर में एक और झटके की भविष्यवाणी की है। उनकी यह भविष्यवाणी तकनीकी रूझानों पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में जून में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में दिवालियापन के लिए आवेदनों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच गई। दिवालिया होने वाली कंपनियों की संख्या 8 प्रतिशत बढ़कर 59,608 पर पहुंच गई।

अमेरिकी अदालतों के प्रशासनिक कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून, 2010 को समाप्त वर्ष में केंद्रीय अदालतों में दीवालिया घोषित करने हेतु कुल 15,72,597 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2009 में यह संख्या 13,06,315 थी। ऐसा तब हो रहा है जब इस साल कई बड़ी कंपनियों ने बेहतर वित्तीय निष्पादन दर्ज किए हैं। जून में समाप्त हुए वर्ष में बैंकरप्सी के लिए किए गए आवेदन 2006 के बाद से सबसे अधिक हैं। 2006 में यह संख्या 14.80 लाख थी।
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Old 08-12-2010, 03:54 PM   #50
laddi
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Default Re: क्या है विकिलिक्स मे???

एक उम्दा जानकारी लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता
जिसकी लाठी उसकी भेंस
पर एक बात और भी है हमारे पंजाबी में कहावत है सौ दिन चोर दा एक दिन साध दा
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