25-07-2018, 01:39 PM | #1 |
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कैदियों को दी जा रही कृषि की ट्रेनिंग, जेल स
पंजाब नेशनल बैंक व ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की तरफ से इन कैदियों को एक नए जीवन की शुरुआत करने के लिए स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मात्र 10 दिन में कैदी काफी कुछ सीख जाएंगे। पहले चरण में 62 कैदियों को स्वरोजगार के गुर सिखाए जाएंगे। काराधीक्षक रूपक कुमार ने बताया कि जिन कैदियों कि सजा पूरी होने वाली है और वे कृषि में रुचि रखते हैं तो उन्हें गो-पालन या वर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसे अपराधी की दुनिया से जुड़े कैदियों के समाज की मुख्यधारी से जोड़ने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण देने के लिए दो वेटनरी चिकित्सक, एक अनुभवी किसान एवं एक कृषि विशेषज्ञ को रखा गया है। ट्रेनिंग के दौरान कैदियों को गो-पालन की विधि, उनकी बीमारियों एवं उपचार के तरीके, उनके आहार व दवाओं के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा गाय के गोबर के क्या महत्व हैं और इसका उपयोग कहां-कहां किया जा सकता है इसकी जानकारी भी दी जा रही है। गाय व उसके बच्चे को किस वातावरण में रखना है, इसके बारे में भी बताया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए कृषि विशेषज्ञ पूरी जानकारी दे रहे हैं। खेतों में अब जैविक खाद व वर्मी कंपोस्ट का ही प्रयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि कैदियों को जैविक खाद व वर्मी कंपोस्ट से होने वाले फायदों के बारे में बताया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ट्रेनिंग के बाद कैदियों को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके आधार पर कैदी ऋण भी ले सकेंगे। हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें। https://livebihar.live/ |
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