09-11-2013, 02:23 PM | #31 |
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Re: जॉब सूचना
Hi friends, ज्यादातर लोग अपने career की शुरआत और उसका अंत किसी जॉब से करते हैं . और मैं भी उन्ही ज्यादातर लोगों में हूँ , ये बात और है कि मैं अपने career का अंत job seeker नहीं job creator के रूप में करना चाहता हूँ . मैंने अपनी life का पहला job interview Convergys में दिया था और उसमे सफल रहा था .तबसे लेकर आज तक मैं 12-13 interviews दे चुका हूँ . Interviews में मेरा success rate लगभग 90 % रहा है . और मेरा experience भी किसी एक field से related नहीं है , मैं BPO,NGOs,Insurance Company और IT Company में काम कर चुका हूँ .पिछले महीने तो मेरे पास एक साथ तीन job-offers थे , L&T Infotech , CSC, और Birla Institute of Management Technology से . मैंने CSC, Indore join करने का फैसला किया है , मेरी DOJ 9th July है . लेकिन मैं ये सब आपको क्यों बता रहा हूँ ? ताकि मैं AKC पर आज जो Job Interview Series शुरू कर रहा हूँ उस में कही गयी बातों पर आप यकीन कर सकें , क्योंकि अगर जो advice दे रहा है वो खुद Interviews में unsuccessful रहा हो तो उसकी advice कितनी effective होगी !!! यह post इस JOB INTERVIEW SERIES की पहली post है और अगले 7 दिनों में मैं इसी topic से related posts publish करूँगा . इस series को मैं mainly Face to Face interview assume कर के लिख रहा हूँ , पर इनमे से अधिकतर बातें Telephonic और Videoconferencing के through होने वाले interview के लिए भी लागू होंगी . मैंने अपना schedule कुछ is तरह से plan किया है : 5th June, Tuesday: Job Interview Series Introduction ( that is this very post ) 6th June, Wednesday: Job Interview में सफल होने के 10 टिप्स. 7th June, Thursday: Job Interview में क्या करें क्या ना करें. (Dos & Don’ts) 10th June, Sunday: Interview में पूछे जाने वाले common questions और उनके answers देने का तरीका .(FAQs) 12th June,Tuesday: Readers द्वारा पूछे गए questions और उनके answers. This Post was not published. The questions were either answered in comments or through mail. मैं आम तौर पर रात 10 से 12 बजे के बीच अपनी posts डालता हूँ , और इस series में भी मैं येही trend follow करूँगा . अब मैं इन posts के बारे में आपको थोडा brief कर दूँ . आज की पोस्ट आप पढ़ ही रहे हैं , कल की post थोड़ी comprehensive होगी , उसमे मैं इस बारे में बात करूँगा कि Interview में सफल होने के लिए ऐसी कौन सी 10 चीजें करनी चाहियें जो आपकी success rate को improve कर सके . कल की लम्बी -चौड़ी post के बाद परसों की post थोड़ी light होगी उसमें मैं Job Interview के Dos & Don’t bullet points में share करूँगा . Sunday की post में मैं Interview में पूछे जाने वाले ऐसे ही कुछ common questions को कैसे answer करें इस बारे में अपनी thoughts share करूँगा .ये questions कुछ इस तरह के हो सकते हैं:
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09-11-2013, 02:24 PM | #32 |
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Re: जॉब सूचना
इंटरव्यू में सफल होने के लिए क्या करें क्या ना करें?
Interview के पहले :
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09-11-2013, 02:25 PM | #33 |
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Re: जॉब सूचना
नौकरी साक्षात्कार में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Hi friends, Job Interview Series की इस चौथी पोस्ट में मैं आपके साथ Interview में पूछे जाने वाले FAQs, यानि अक्सर पूछे जाने वाले questions के बारे में बात करूँगा . दूसरी और तीसरी पोस्ट में मैंने Job Interview में सफलता पाने के tips और Job Interview से related Dos and Don’ts share किये थे . आज मैं FAQs को answer करने में हमें किन बातों पर ध्यान देना चाहिए इस बारे में आपसे अपनी understanding share करूँगा . यहाँ मैं आपके साथ कुछ sample answers भी share करूँगा ताकि आपको उससे कुछ मदद मिल सके, ये understood है कि ये बस indicative answers होंगे और actual answer person to person differ करेगा. और हाँ, मैं इन sample answers को English में लिख रहा हूँ, क्योंकि corporate world में ज्यादातर job-interviews English में ही होते हैं. साथ ही मैं ये भी कहना चाहूँगा कि आप इन answers को सिर्फ यह समझने के लिए देखें कि किन-किन बातों को answer में include करना है, और उसे अपने words में frame करें. मैंने जो उत्तर दिए हैं वो मेरी understanding के हिसाब से ठीक हैं, पर आप उन्हें perfect नहीं कह सकते, in fact अगर मैं खुद उन answers पर दुबारा काम करूँ तो उन्हें और भी बेहतर बना सकता हूँ. इसलिए आप अपने best possible answer को find करने के लिए effort कीजिये. तो चलिए हम ऐसे ही कुछ प्रश्नों को लेते हैं : Question 1: Tell me about Yourself? / Walk me through you CV?/ Introduce yourself/ अपने बारे में हमें बताएं ? I think यह एक ऐसा प्रश्न है जो शायद ही किसी Interview में नहीं पूछा जाता हो , और यह एक ऐसा प्रश्न भी है जिसे answer करने में बड़ी confusion रहती है कि क्या बोलें क्या ना बोलें . आमतौर पर यह interview का पहला प्रश्न होता है , इसलिए इस प्रश्न को हम थोड़ा detail में discuss करेंगे. प्रश्न पूछने के पीछे का मकसद :
मैं आपको यहाँ वही बताऊंगा जो मैं करता हूँ , हो सकता है कि कोई और आपको इससे भी अच्छा तरीका बता पाए इसलिए इसे पत्थर की लकीर मान कर मत चलिए . पर जैसा कि मैं पहले बता चुका हूँ , interview में मेरा success rate 90% रहा है , तो संभवतः यह एक सही तरीका है . इस प्रश्न का उत्तर देते वक़्त आपके पास एक मौका होता है कि आप employer को अपनी तरफ attract कर सकें ,उसे अपनी skills sell कर सकें ; इसलिए इसके उत्तर में आपको अपने major achievements और qualities सामने लानी चाहियें . Answer की शुरआत अपने नाम से करें , हो सकता है कि Interviewer आपको पहले से ही आपके नाम से पुकार रहे हों , in that case आप कह सकते हैं कि ,As you know I am Amit Kumar ……” और फिर आगे continue कर सकते हैं . और अगर वो आपका नाम नहीं जानते हैं तो आप simply कह सकते हैं , “ Hello Sir, I am Amit Kumar…..and so on” अपने बारे में chronological order में बताएँ , यानी जैसे - जैसे आपकी life आगे बढ़ी हो उस हिसाब से , actually human brain कुछ ऐसा designed होता है कि वो इस order को ठीक से समझ पाता है . यदि आप कभी past, कभी present में switch करते रहेंगे तो confusion हो सकता है . और इस answer में ऐसी ही चीजें include करें जिसमे employer interested हो . आप ये भी ध्यान रखें कि आप यह answer कुछ इस तरह से दे सकते हैं कि सामने वाला आपका मन चाहा question पूछे . जैसे कि यदि आप चाहते हैं कि Interviewer आपसे आपको हाल में मिले reward के बारे में बात करे , तो आप कह सकते हैं … “………….. and recently I was rewarded by the organization for my outstanding performance….” यहाँ मैं आपके साथ दो sample answers share कर रहा हूँ , जिससे आप अंदाज़ा लगा पायेंगे कि कैसे answer देना है : Supposing Amit एक fresher है :
Supposing Amit is having 3 year work ex.
अपनी strengths बताने में आप इनमे से कुछ बोल सकते हैं :
For ex: I am very good at building networks and executing the plans set by the management. In fact in my current job I developed a chain of distributors in East Delhi for our new product and my work was very much recognized by the management. Question 3: Why do you want to leave your current job? / आप अपनी मौजूदा नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं/ इस प्रश्न के उत्तर में आप अपनी मौजूदा company की बुराई कत्तई ना करें . आप कुछ इस तरह से answer दे सकते हैं :
इस answer में आप जो करते हैं उसे थोडा detail और enthusiasm के साथ बताइए . आप कुछ इस तरह से answer दे सकते हैं :
Question 5: Why do you want to join this company? / आप ये company क्यों join करना चाहते हैं ? इस question का answer आपको 3rd question के answer के आखिरी पार्ट में मिल जायेगा . उसके आलावा आप थोडा –बहुत और add कर सकते हैं :
यह प्रश्न और दूसरा प्रश्न लगभग एक ही है , यहाँ भी आपको अपनी strengths बतानी होती है , plus आपको अपने experience को भी sell करना होता है . Question 7: Why your marks are very low in xyz exam? Xyz exam में आपके marks इतने कम क्यों हैं ? यदि आपके marks किसी एक exam में कम हैं तो संभवतः आपके पास कोई ख़ास वजह होगी , जैसे कि बीमार पड़ जाना , accident हो जाना , etc? पर यदि आप consistently low marks पाते रहे हैं , तो आप कुछ इस तरह से answer कर सकते हैं :
इस question के answer में आप कोई ऐसा achievement बताएं जिसे Interviewer offer की जाने वाली Job से relate कर सके . For Fresher: Supposing आप Marketing and Sales की job के लिए interview दे रहे हों :
इस प्रश्न के उत्तर में कभी भी ये मत कहिये कि आपकी कोई कमजोरी नहीं है और ना ही ऐसी कोई कमजोरी बताइये जो interviewer को ये सोचने पर मजबूर कर दे कि आप अपनी job ठीक से नहीं कर पायेंगे . ये भी ध्यान रखिये कि आप जो भी weakness बताएं उसके साथ ये भी बताइए की आप उसे पार पाने के लिए क्या कर रहे हैं. कई बार लोग अपनी कमजोरी को ऐसे बताते हैं जो actually strength हो , ऐसा मत करिए , इससे interviewer irritate हो सकता है .
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09-11-2013, 02:27 PM | #34 |
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Re: जॉब सूचना
कैसे सीखें अंग्रेजी बोलना ?
इस article में मैं Spoken English सीखने से सम्बंधित अपनी thoughts share कर रहा हूँ , यह मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण है और आप इससे पूरी तरह असहमत भी हो सकते हैं , पर यदि इससे कुछ लोगों को फायदा पहुँचता है तो मुझे ख़ुशी होगी. दोस्तों हमारे देश में अंग्रेजी बोलना सीखना एक बहुत बड़ा business है . ख़ास तौर पे छोटे शहरों में इसका कुछ ज्यादा ही craze है . आपको जगह -जगह English Speaking से related ads दिख जायेंगे , “ 90 घंटे में अंग्रेजी बोलना सीखें ,”, ”फर्राटेदार अंग्रेजी के लिए join करें XYZ School of Language” etc. पर क्या यह school सचमुच इतने effective हैं ? शायद नहीं ! क्योंकि वो पहले ही गलत expectation set कर देते हैं ! मात्र 90 घंटे सीखकर किसी भाषा को आसानी के साथ बोलना बहुत मुश्किल है . हाँ , ये हो सकता है कि कुछ दिन वहां जाकर आप पहले की अपेक्षा थोडा और fluent हो जाएं , पर ऐसे कम ही लोग होते हैं जो सचमुच अपनी इंग्लिश बोलने की काबीलियत का श्रेय ऐसे school को दे सकें.अगर आप पहले से ठीक-ठाक अंग्रेजी बोल लेते हैं और तब ऐसी जगह जाते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है , नहीं तो आपके लिए अच्छा होगा कि आप इस mindset के साथ जाइये कि ऐसे school में जाकर आप एक start कर सकते हैं पर यहाँ से निकलने के बाद भी आपको काफी दिनों तक पूरी dedication के साथ लगे रहना होगा . तो आइये सबसे पहले मैं आपके साथ अंग्रेजी बोलने से सम्बंधित कुछ myths share करता हूँ : English बोलने के लिए grammar अच्छे से आना चाहिए : यह एक बहुत बड़ा myth है , आप ही सोचिये कि जब आपने हिंदी बोलना सीखा तो क्या आपको संज्ञा , सर्वनाम , इत्यादि के बारे में पता था ? नहीं पता था , क्योंकि उसकी जरूरत ही नहीं पड़ी वो तो बस आपने दूसरों को देखकर -सुनकर सीख लिया . उसी तरह अंग्रेजी बोलने के लिए भी Grammar की knowledge जरूरी नहीं है . English Medium school से अच्छी शिक्षा मिलने के कारण मैं अच्छी English बोल लेता हूँ , पर यदि आप मेरा Tenses का test लें तो मेरा पास होना भी मुश्किल होगा . कुछ ही दिनों में अंग्रेजी बोलना सीखा जा सकता है : गलत ! अपनी मात्र भाषा से अलग कोई भी भाषा सीखने में समय लगता है . कितना समय लगेगा यह person to person differ करेगा . पर मेरा मानना है कि यदि कोई पहले से थोड़ी बहुत अंग्रेजी जानता है और वो dedicated होकर effort करे तो 6 महीने में अच्छी अंग्रेजी बोलना सीख सकता है .और यदि आप सीख ही रहे हैं तो कामचलाऊ मत सीखिए , अच्छी English सीखिए . English Medium से पढने वाले ही अच्छी अंग्रेजी बोल पाते हैं: यह भी गलत है . अपने घर की ही बात करूँ तो मेरे बड़े भैया ने Hindi Medium से पढाई की है , पर आज वो बतौर Senior Consultant काम करते हैं और बहुत अच्छी English लिखते – बोलते हैं . यदि आपको ऐसी schooling नहीं मिली जहाँ आप अंग्रेजी बोलना सीख पाए तो उसपर अफ़सोस मत कीजिये , जो पहले हुआ वो past है , present तो आपके हाथ में है जो चीज आप पहले नहीं सीख पाए वो अब सीख सकते हैं , in fact as an adult आप अपनी हर उपलब्धि या नाकामयाबी के लिए खुद जिम्मेदार हैं. अंग्रेजी बोलने के लिए अच्छी vocabulary होना जरूरी है : नहीं , vocabulary जितनी अच्छी है उतना अच्छा है , पर generally आम -बोल चाल में जितने words बोले जाते हैं , वो आपको पहले से ही पता होंगे या थोड़ी सी मेहनत से आप इन्हें जान जायेंगे. दरअसल हम जो words जानते हैं बस उन्ही को सही जगह place करने की बात होती है . मैंने कई बार लोगों को एक से एक कठिन words की meaning रटते देखा है, पर ऐसा करना आपकी energy ऐसी जगह लगाता है जहाँ लगाने की फिलहाल ज़रुरत नहीं है. अगर आप ऊपर दिए गए किसी मिथक को मानते हों तो अब उनसे छुटकारा पा लीजिये , और स्पोकेन इंग्लिश सीखने के लिए नीचे दिए गये सुझावों को अपनाइए . 12 Ideas to Learn Spoken English स्पोकेन इंग्लिश सीखने के 12 सुझाव 1. अपना महौल English बनाएं : किसी भी भाषा को सीखने में जो एक चीज सबसे महत्त्वपूर्ण होती है वो है हमारा environment, हमारा माहौल . आखिर हम अपनी मात्र -भाषा छोटी सी ही उम्र में कैसे बोलने लगते हैं :- क्योंकि 24X7 हम ऐसे माहौल में रहते हैं जहाँ वही भाषा बोली , पढ़ी, और सुनी जाती है . इसीलिए अंग्रेजी बोलना सीखना है तो हमें यथा संभव अपने माहौल को English बना देना चाहिए . इसके लिए आप ऐसा कुछ कर सकते हैं:• हिंदी अखबार की जगह English Newspaper पढना शुरू कीजिये . • हिंदी गानों की जगह अंग्रेजी गाने सुनिए . • अपने interest के English program / movies देखिये . • अपने room को जितना English बना सकते हैं बनाइये ….English posters, Hollywood actors,English books,Cds ..जैसे भी हो जितना भी हो make it English. 2. ऐसे लोगों के साथ group बनाएं जो आप ही की तरह स्पोकेन इंग्लिश सीखना चाहते हों : कुछ ऐसे दोस्त खोजिये जो आप ही की तरह अंग्रेजी बोलना सीखना चाहते हैं . अगर आपके घर में ही कोई ऐसा है तो फिर तो और भी अच्छा है . लेकिन अगर ना हो तो ऐसे लोगों को खोजिये , और वो जितना आपके घर के करीब हों उतना अच्छा है . ऐसे दोस्तों से अधिक से अधिक बात करें और सिर्फ English में . हाँ ,चाहें तो आप mobile पर भी यही काम कर सकते हैं . 3. कोई mentor बना लें: किसी ऐसे व्यक्ति को अपना mentor बना लें जो अच्छी English जानता हो, आपका कोई मित्र, आपका कोई रिश्तेदार, कोई पडोसी, कोई अंग्रेजी सीखाने वाला institute ….कोई भी जो आपकी मदद के लिए तैयार हो. आपको अपने मेंटर से जितनी मदद मिल सके लेनी होगी. अगर आप को मेंटर ना मिले तो भी मायूस होने की ज़रुरत नहीं है आप अपने efforts में लगे रहे , मेंटर मिलने सी आपका काम आसानी से होता लेकिन ना मिलने पर भी आप अपने प्रयास से यह भाषा सीख सकते हैं. 4. पहले दिन से ही correct English बोलने का प्रयास मत करें : अगर आप ऐसा करेंगे तो आप इसी बात में उलझे रह जायेंगे की आप सही बोल रहे हैं या गलत . पहला एक -दो महिना बिना किसी tension के जो मुंह में आये बोले , ये ना सोचें कि आप grammatically correct हैं या नहीं . जरूरी है कि आप धीरे -धीरे अपनी झिझक को मिटाएं . 5. English सीखने के लिए Alert रहे : वैसे तो मैं अपनी spoken English का श्रेय अपने school St.Paul’s को देता हूँ पर अंग्रेजी के लिए अपनी alertness की वजह से भी मैंने बहुत कुछ सीखा है . मैं जब TV पर कोई English program देखता था तो ध्यान देता था की words को कैसे pronounce किया जा रहा है , और किसी word को sentence में कैसे use किया जा रहा है . इसके आलावा मैंने नए words सीखने के लिए एक diary भी बनायीं थी जिसमे मैं newspaper पढ़ते वक़्त जो words नहीं समझ आते थे वो लिखता था , और उसका use कर के एक sentence भी बनता था , इससे word की meaning याद रखने में आसानी होती थी . 6. बोल कर पढ़ें : हर रोज आप अकेले या अपने group में तेज आवाज़ में English का कोई article या story पढ़ें . बोल -बोल कर पढने से आपका pronunciation सही होगा , और बोलने में आत्मविश्वास भी बढेगा . 7. Mirror का use करें : मैं English बोलना तो जानता था पर मेरे अन्दर भी fluency की कमी थी , इसे ठीक करने के लिए मैं अक्सर अकेले शीशे के सामने खड़े होकर English में बोला करता था . और अभी भी अगर मुझे कोई presentation या interview देना होता है तो मैं शीशे के सामने एक -दो बार practice करके खुद को तैयार करता हूँ . आप भी अपने घर में मौजूद mirror का इस्तेमाल अपनी spoken English improve करने के लिए कीजिये . शीशे के सामने बोलने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप को कोई झिझक नहीं होगी और आप खुद को improve कर पाएंगे . 8. Enjoy the process: English बोलना सीखेने को एक enjoyment की तरह देखें इसे अपने लिए बोझ ना बनाएं . आराम से आपके लिए जो speed comfortable हो उस speed से आगे बढें . पर इसका ये मतलब नहीं है कि आप अपने प्रयत्न एकदम से कम कर दें , बल्कि जब आप इसे enjoy करेंगे तो खुद -बखुद इस दिशा में आपके efforts और भी बढ़ जायेंगे . आप ये भी सोचें कि जब आप fluently बोलने लगेंगे तब कितना अच्छा लगेगा , आप का confidence भी बढ़ जायेगा और आप सफलता की तरफ बढ़ने लगेंगे . 9. English में सोचना शुरू करें : जब इंसान मन में कुछ सोचता है तो naturally वो अपनी मात्र भाषा में ही सोचता है . लेकिन चूँकि आप English सीखने के लिए committed हैं तो आप जो मन में सोचते हैं उसे भी English में सोचें . यकीन जानिये आपके ये छोटे -छोटे efforts आपको तेजी से आपकी मंजिल तक पंहुचा देंगे . 10. ऐसी चीजें पढ़ें जो समझने में बिलकुल आसान हों: बच्चों की English comics आपकी हेल्प कर सकती है, उसमे दिए गए pictures आपको story समझने में हेल्प करेंगे और simple sentence formation भी आम बोल चाल में बोले जाने वाले सेंटेंसेस पर आपकी पकड़ बना देंगे. 11. Internet का use करें : आप स्पोकेन इंग्लिश सीखने के लिए इन्टरनेट का भरपूर प्रयोग करें. You Tube पर available videos आपकी काफी हेल्प कर सकते हैं. सही pronunciation और meaning के लिए आप TheFreeDictionary.Com का use कर सकते हैं. AchhiKhabar.Com पर दिए गए Quotes भी आपकी मदद कर सकते हैं, चूँकि मैंने जो quotes collect किये हैं वो English और Hindi दोनों में हैं तो आप वहां से भी कुछ सीख सकते हैं और साथ ही महापुरुषों के अनमोल विचार भी जान सकते हैं. 12. Interest मत loose कीजिये : अधिकतर ऐसा होता है कि लोग बड़े जोशो -जूनून के साथ English सीखना शुरू करते हैं . वो ज्यादातर चीजें करते हैं जो मैंने ऊपर बतायीं , पर दिक्कत ये आती है कि हर कोई अपनी comfort zone में जाना चाहता है . आपकी comfort zone Hindi है इसलिए आपको कुछ दिनों बाद दुबारा वो अपनी तरफ खींचेगी और ऊपर से आपका माहौल भी उसी को support करेगा . इसलिए आपको यहाँ पर थोड़ी हिम्मत दिखानी होगी , अपना interest अपना enthusiasm बनाये रखना होगा . इसके लिए आप English से related अपनी activities में थोडा innovation डालिए . For example : यदि आप रोज़ -रोज़ serious topics पर conversation करने से ऊब गए हों तो कोई abstract topic, या फ़िल्मी मसाले पर बात करें , कोई इंग्लिश मूवी देखने चले जाएँ, या फिर कुछ और करें जो आपके दिमाग में आये.आप एक -दो दिन का break भी ले सकते हैं , और नए जोश के साथ फिर से अपने mission पर लग सकते हैं . पर कुछ ना कुछ कर के अपना interest बनाये रखें . वरना आपका सारा effort waste चला जायेगा . Bonus Tip : Use your Television अभी कुछ दिन पहले मैं फरीदाबाद अपने भैया के यहाँ गया था , वहां मेरा 3 साल का भतीजा बड़े मजे से छोटा भीम कार्टून देख रहा था, मैंने notice किया कि चैनल की language English पे सेट है. I think ये एक अच्छा तरीका है इंग्लिश सीखने का, बच्चों के लिए बनाये गए कार्टून्स की भाषा सरल होती है और साथ में चल रहे एनीमेशन से बात को समझना आसान हो जाता है. आप भी इस तरीके का use कर सकते हैं.इसके आलावा आप ऐसे channels भी देख सकते हैं जिसमे subtitles आते हैं. इससे भी आपको भाषा सीखने में मदद मिलेगी. Friends, English एक universal language है, इसे दुनिया भर में अरबों लोग बोलते हैं, तो आप ही सोचिये जो काम अरबों लोग कर सकते हैं भला आप क्यों नहीं!!! बस इतना याद रखिये कि अंग्रेजी बोलना सीखने का सबसे सरल तरीका है “अंग्रेजी बोलना” और इस लिए आपको ऐसे लोगों के साथ अधिक से अधिक रहना चाहिए जिनसे आप इंग्लिश में बात कर सकते हैं. अपनी झिझक मिटाइए और ऐसे हर एक मौके का फायदा उठाइए जहाँ आपको English बोलने का मौका मिल रहा हो. तो फिर देर किस बात की है बस लग जाइये अपने efforts में और अपने भाषा ज्ञान में अंग्रेजी भी जोड़ लीजिये.All the best!
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09-11-2013, 02:28 PM | #35 |
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Re: जॉब सूचना
निराशा से निकलने और खुद को motivate करने के 16 तरीके हममें से सबसे अधिक motivated लोग भी- आप,मैं, Tony Robbins (a self-help expert like Shiv Khera) – कभी -कभार demotivated feel कर सकते हैं. यहाँ तक की , कभी-कभी हम इतना low feel कर सकते हैं कि positive बदलाव के बारे में सोचना भी बहुत कठिन लगने लगता है. पर ये निराशाजनक नहीं है: छोटे छोटे steps लेकर आप सकारात्मक बदलाव के रास्ते पर वापस आ सकते हैं. हाँ , मैं जानता हूँ, कभी कभी ये असंभव लगता है. आपको कुछ करने का मन नहीं करता. मेरे साथ भी ये हुआ है,दरअसल अभी भी समय समय पर मैं ऐसा feel करता हूँ. आप अकेले नहीं हैं . लेकिन मैंने इस निराशा से बाहर निकलने के कुछ तरीके सीख लिए हैं, और हम आज उन्ही पर नज़र डालेंगे. जब बीमारी , चोट या life में चल रही किसी और समस्या के कारण में व्यायाम नहीं कर पाता तो उसे वापस से शुरू करना कठिन होता है. कई बार, मैं उसके बारे में सोचना भी नहीं चाहता . लेकिन मैं हमेशा उस feeling से उबरने का कोई ना कोई रास्ता निकाल लेता हूँ, और यहाँ ऐसी ही कुछ बाते हैं जो मेरे लिए मददगार साबित होती हैं. 1. One Goal एक लक्ष्य जब भी मैं थोडा down हुआ हूँ , मैंने पाया है कि अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरी life में एक साथ बहुत कुछ चल रहा होता है. मैं बहुत कुछ करने की कोशिश कर रहा होता हूँ. और ये मेरी energy और motivation को ख़तम कर देता है. शायद ये सबसे common mistake है जो लोग करते हैं: वो एक साथ बहुत कुछ करने की कोशिश करते हैं. यदि एक समय में दो या उससे अधिक लक्ष्य achieve करने का प्रयास करते हैं तो आप अपनी ( लक्ष्य पाने के लिए दो सबसे महत्त्वपूर्ण चीजें ) energy और focus बनाये नहीं रख पाते. ये संभव नहीं है – मैंने कई बार कोशिश की है. आपको अभी के लिए कोई एक लक्ष्य चुनना होगा, और पूरी तरह से उसपर focus करना होगा. मुझे पाता है ये कठिन है, पर मैं अपने experience से बता रहा हूँ. एक बार आप अपना अभी का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लें फिर उसके बाद आप अपने बाकी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं. 2. Find Inspiration प्रेरणा खोजिये मुझे उन लोगों से प्रेरणा मिलती है जिन लोगों already वो achieve कर लिया है जो मैं करना चाहता हूँ, या वो लोग जो वही कर रहे हैं जो मैं करना चाहता हूँ. मैं औरों के blogs, books,magazines पढता हूँ. मैं अपने goals को Google करता हूँ , और success stories पढता हूँ. Zen Habits ऐसी ही जगहों में से एक है, सिर्फ मुझसे ही नहीं बल्कि अन्य कई readers से जिन्होंने अद्भुत चीजें प्राप्त की हैं. 3. Get Excited उत्साहित होइए ये सुनने में बहुत obvious सी बात लगती है, पर ज्यादातर लोग इस बारे में अधिक नहीं सोचते हैं: अगर आप निराशा से निकलना चाहते हैं, तो किसी लक्ष्य के लिए उत्साहित हो जाइये. पर अगर आप motivated नहीं feel करते हैं तो आप excited कैसे feel करेंगे? Well, इसकी शुरुआत दूसरों से प्रेरणा लेकर होती है, लेकिन आपको दूसरों से उत्साह लेकर उसे अपनी उर्जा में बदलना होगा.मैंने पाया है कि मैं अपनी wife और अन्य लोगों से बात करके, इस बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़कर, और इसे visualize (दिमाग में goal achieve करने से होने वाले फायदे को देखना ) करके कि successful होना कैसा लगेगा, excited feel करने लगता हूँ. एक बार ये कर लिया तो बस इसी energy को आगे carry करने और आगे बढ़ने की ज़रुरत रहती है. 4.Build Anticipation अपेक्षा करें ये सुनने में कुछ कठिन लग सकता है, और अकी लोग इस tip को skip कर देंगे. लेकिन ये सचमुच काम करती है. कई बार असफल प्रयासों के बाद इसी टिप की वजह से मैं cigarette पीना छोड़ पाया.अगर आपको अपना goal achieve करने की प्रेरणा मिल जाती है तो तुरंत उसे प्राप्त करने का प्रयास ना करें. हममें से कई लोग excited होके आज ही अपना काम शुरू करना चाहेंगे. ये एक गलती है. Future की कोई date set कीजिये – एक या दो हफ्ते बाद , या एक महीना भी – और उसे अपनी Start Date बनाइये. उसे कैलेण्डर पर mark कर लीजिये. उस date को लेकर उत्साहित होइए. उसे अपने जीवन की सबसे important date बना लीजिये. इस बीच अपना प्लान बनाइये. और नीचे दिए गए कुछ steps follow कीजिये. क्योंकि अपनी start delay करके आप anticipation build करते हैं और अपने लक्ष्य के प्रति अपनी उर्जा और ध्यान बढाते हैं. 5. Post your goal अपना लक्ष्य प्रकाशित करें अपने goal का एक बड़ा सा print निकाल लें. अपना लक्ष्य कुछ ही शब्दों में लिखें , जैसे कोई मन्त्र (“Exercise 15 mins. Daily”), और उसे अपने दीवार या फ्रिज पर चिपका दें. इसे अपने घर में अपने office में लगा लें उसे अपने computer के desktop पर लगा लें. आप अपने goals के लिए बड़े reminders लगाना चाहते हैं , ताकि आप अपने goal पर focus कर पाएं और उसे लेकर excited रह पाएं. अपने goal से सम्बंधित कोई picture लगाना भी helpful हो सकता है (like a model with **** abs, for example). 6.Commit Publicly सार्वजनिक रूप से प्रतिज्ञा लीजिये कोई भी दूसरों के सामने बुरा नहीं दिखना चाहता है . जो बात हमने publicly कही है उसे करने के लिए हम extra effort करते हैं. For example, जब मैं अपनी पहली मैराथन दौड़ दौड़ना चाहता था , तब मैंने अपने local newspaper में इस बारे में एक column लिखना शुरू कर दिया. Guam की पूरी आबादी मेरे इस goal के बारे में जान गयी. अब मैं पीछे नहीं हट सकता था , हालांकि मेरी motivation कम -ज्यादा होती रही पर मैं इस goal को पकडे रहा और दौड़ complete की.आपको किसी newspaper में अपना goal commit करने की ज़रुरत नहीं है , पर आप इसे अपने family,friends, और co-workers से बता सकते हैं, और यदि आपका कोई blog है तो उसपर भी इस बारे में लिख सकते हैं.और खुद को जिम्मेदार ठेराइये – केवल एक बार commit मत करिए , बल्कि अपने progress के बारे में सभी को हर हफ्ते या महीने update करने के लिए भी commit करिए. 7. Think about it daily इस बारे में रोज़ सोचिये यदि आप रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हैं तो उसके पूर्ण होने की संभावना कहीं अधिक है. इसीलिए अपने लक्ष्य को दीवार पर या desktop पर लगाना मददगार होता है . हर रोज़ खुद को reminder भेजना भी helpful होता है. और अगर आप रोज बस पांच मिनट भी ये छोटा सा काम करेंगे तो ये लगभग तय है की आपका लक्ष्य पूर्ण होगा. 8. Get Support. मदद लीजिये अकेले कुछ हांसिल करना कठिन होता है. जब मैंने मैराथन में दौड़ने का निश्चय किया था , तो मेरे साथ दोस्तों और परिवार का support था, और साथ ही Guam में दौड़ने वालों की एक अच्छी community भी थी जो मेरे साथ दौड़ते थे और मुझे encourage करते थे. जब मैंने smoking quit करनी चाही तो मैंने एक online forum join कर लिया , जो मेरे लिए बहुत helpful रहा. और इस काम में मेरी wife Eva ने हर कदम पर मेरा साथ दिया. मैं उसकी और अन्य लोगों की मदद के बिना ऐसा नहीं कर पाता. अपना support network खोजिये , अपने आस-पास या online या दोनों जगह. 9. Realize that there’s an ebb and flow इस बात को समझिये की उतार-चढ़ाव आते रहते हैं Motivation कोई ऐसी चीज नहीं है जो हमेशा आपके साथ रहे. ये आती है , जाती है और फिर आती है, ज्वार की तरह . इस बात को समझिये की भले ही ये चली जाए , पर वो हमेशा के लिए नहीं चली जाती . Motivation वापस आती है. बस अपने लक्ष्य से जुड़े रहिये और motivation के वापस आने का इंतज़ार कीजिय. इस दौरान अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , दूसरों से मदद मांगिये , और यहाँ बताई अन्य कुछ चीजें कीजिये जब तक की आप का motivation वापस ना आ जाये. 10. Stick with it. लगे रहिये आप चाहे जो कुछ भी करिए , पर हार नहीं मानिए. भले आप आज या इस हफ्ते बिलकुल ही motivated ना feel कर रहे हों , पर अपना लक्ष्य छोड़िये नहीं. आपकी motivation फिर वापस आएगी . अपने लक्ष्य को एक लम्बी यात्रा की तरह देखिये , और बीच में जो demotivation आता है वो महज़ एक speed-breaker है. छोटी मोती बाधाएं आने पर आप यात्रा नहीं छोड़ते. लम्बे समय तक अपने लक्ष्य के साथ जुड़े रहिये , उतार-चढ़ाव पार कीजिये और आप वहां पहुँच जायेंगे. 11.Start small. Really small छोटे, बहुत छोटे से शुरुआत कीजिये अगर आपको शुरुआत करने में दिक्कत हो रही है तो शायद इसकी वजह ये है की आप बहुत बड़ा सोच रहे हैं. यदि आप व्यायाम करना चाहता हैं, तो शायद आप सोच रहे हों की हफ्ते में पांच दिन intensely workout करना है. नहीं – इसकी जगह छोटे-छोटे baby steps लीजिये. सिर्फ दो मिनट व्यायाम कीजिये. मुझे पता है ये आपको अटपटा लग रहा होगा. ये इतना आसान है, आप fail नहीं हो सकते. पर आप इसे करिए . बस कुछ crunches, 2 pushups, और वहीँ थोड़ी सी jogging. जब आपने एक हफ्ते तक ये २ मिनट तक कर लेंगे , तो इसे बढाकर पांच मिनट कर दीजिये , और एक हफ्ते तक इसे कीजिये. एक महीने में आप 15-20 मिनट करने लगेंगे. सुबह जल्दी उठाना चाहते हैं ? सुबह पांच बजे उठने का मत सोचिये, इसकी जगह आप एक हफ्ते तक बस 10 मिनट पहले उठिए . एक बार आपने ये कर लिया , तो 10 मिनट और जल्दी उठिए. Baby Steps. 12.Build on small successes छोटी छोटी उपलब्धियों के साथ आगे बढिए एक बार फिर , अगर आप एक हफ्ते तक छोटे लक्ष्य के साथ शुरू करेंगे तो आप सफल होंगे. अगर किसी बेहद आसान चीज से शुरुआत करेंगे तो आप fail नहीं हो सकते. भला कौन दो मिनट तक exercise नहीं कर सकता? ( यदि आप वो हैं, तो मैं माफ़ी मांगता हूँ) और आप successful feel करेंगे , आपको अन्दर से अच्छा लगेगा. इसी feeling के साथ और छोटे-छोटे steps लेते जाइये . For example : अपनी exercise routine में दो-तीन मिनट add करिए. हर एक step के साथ (और हर स्टेप कम से कम एक हफ्ते चलना चाहिए), और आप और भी successful feel करेंगे. हर एक स्टेप बहुत बहुत छोटा रखिये और आप fail नहीं होंगे. दो महीने बाद , आपके छोटे छोटे कदम आपको बहुत सारी progress और success दिलाएंगे 13.Read about it daily. रोज़ इसके बारे में पढ़ें जब मैं अपना motivation lose करता हूँ , मैं अपने लक्ष्य से सम्बंधित कोई किताब या ब्लॉग पढता हूँ. ये मुझे प्रेरित करता है और मुझे दृढ बनता है. किसी वजह से आप जो कुछ भी पढ़ते हैं वो आपको उस विषय में प्रेरित करता है और आपका ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है. इसलिए अगर आप पढ़ सकते हैं तो रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , खासतौर से तब जब आप motivated ना feel कर रहे हों. 14.Call for help when your motivation ebbs जब प्रेरणा कम हो तब मदद मांगिये समस्या है? मदद मांगिये. मुझे email करिए. कोई online forum join करिए. अपने लिए कोई partner खोजिये. अपनी माँ को call कीजिये. इससे मतलब नहीं है की सामने वाला कौन है , बस अपनी समस्या बताइए , इस बारे में बात करना आपके लिए helpful होगा. उनकी advice मांगिये . उनसे आपको demotivated state से निकालने के लिए मदद करने के लिए कहिये. ये काम करता है. 15.Think about the benefits, not the difficulties. फायदों के बारे में सोचिये परेशानियों के बारे में नहीं एक common problem है कि हम ये सोचते हैं कि कोई चीज कितनी कठिन है . Exercise करना बहुत कठिन लगता है ! इसके बारे में सोचना ही आपको थका देता है.पर ये सोचना कि बजाये की कोई चीज कितनी कठिन है , ये सोचिये की उसके कितने फायदे हैं. For Example, ये सोचने की जगह कि व्यायाम करना कितना कठिन है;आप ये सोचिये की ये करने के बाद आप कितना अच्छा feel करेंगे, और long run में आप कितने healthier और slimmer होंगे. किसी चीज के फायदे आपको energize कर देंगे. 16.Squash negative thoughts; replace them with positive ones. नकारात्मक विचारों को त्यागिये और उन्हें सकारात्मक विचारों से बदल दीजिये अपने विचारों को monitor करना ज़रूरी है. आप जो negative self-talk करते हैं, जो दरअसल आपको demotivate कर रहा है उसे पहचानिए. कुछ दिन बस ये जानने में बिताइए कि आपके अन्दर कौन कौन से नकारात्मक विचार हैं, और फिर कुछ दिनों बाद उन्हें एक bug की तरह अपने अन्दर से निकालिए , और फिर उन्हें corresponding positive thought से replace कर दीजिये . अगर आप सोचते हैं कि ,” ये बहुत कठिन है” तो उसे ” मैं ये कर सकता हूँ” से बदल दीजिये . अगर वो Leo इसे कर सकता है , तो मैं भी! ये कुछ अटपटा सुने देता है , पर ये काम करता है. सचमुच.
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09-11-2013, 02:30 PM | #36 |
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Re: जॉब सूचना
7 Habits जो बना सकतीं हैं आपको Super Successful
आपकी ज़िन्दगी बस यूँ ही नहीं घट जाती. चाहे आप जानते हों या नहीं , ये आपही के द्वारा डिजाईन की जाती है. आखिरकार आप ही अपने विकल्प चुनते हैं. आप खुशियाँ चुनते हैं . आप दुःख चुनते हैं.आप निश्चितता चुनते हैं. आप अपनी अनिश्चितता चुनते हैं.आप अपनी सफलता चुनते हैं. आप अपनी असफलता चुनते हैं.आप साहस चुनते हैं.आप डर चुनते हैं.इतना याद रखिये कि हर एक क्षण, हर एक परिस्थिति आपको एक नया विकल्प देती है.और ऐसे में आपके पास हमेशा ये opportunity होती है कि आप चीजों को अलग तेरीके से करें और अपने लिए और positive result produce करें. Habit 1 : Be Proactive / प्रोएक्टिव बनिए Proactive होने का मतलब है कि अपनी life के लिए खुद ज़िम्मेदार बनना. आप हर चीज केलिए अपने parents या grandparents को नही blame कर सकते . Proactive लोग इस बात को समझते हैं कि वो “response-able” हैं . वो अपने आचरण के लिए जेनेटिक्स , परिस्थितियों, या परिवेष को दोष नहीं देते हैं.उन्हें पता होताहै कि वो अपना व्यवहार खुद चुनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ जो लोग reactive होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावितहोते हैं. वो अपने behaviour के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं. अगर मौसम अच्छा है, तोउन्हें अच्छा लगता है.और अगर नहीं है तो यह उनके attitude और performance को प्रभावित करता है, और वो मौसम को दोष देते हैं. सभी बाहरी ताकतें एक उत्तेजनाकी तरह काम करती हैं , जिन पर हम react करते हैं. इसी उत्तेजना और आप उसपर जो प्रतिक्रिया करते हैं के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है- और वो होती है इस बात कि स्वतंत्रता कि आपअपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयम कर सकते हैं. एक बेहद महत्त्वपूर्ण चीज होती है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं.आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को indicate करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं.एक proactive व्यक्ति proactive भाषा का प्रयोग करता है.–मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा, etc. एक reactive व्यक्ति reactive भाषा का प्रयोग करता है- मैं नहीं कर सकता, काश अगर ऐसा होता , etc. Reactive लोगसोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं-उनके पास कोई विकल्प नहीं है. ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत control किया जा सकता है , उसपर react या चिंता करने के बजाये proactive लोग अपना time और energy ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो control कर सकें. हमारे सामने जो भी समस्याएं ,चुनतिया या अवसर होते हैं उन्हें हम दो क्षेत्रों में बाँट सकते हैं: 1)Circle of Concern ( चिंता का क्षेत्र ) 2)Circle of Influence. (प्रभाव का क्षेत्र ) Proactive लोग अपना प्रयत्न Circle of Influence पर केन्द्रित करते हैं.वो ऐसी चीजों पर काम करते हैं जिनके बारे में वो कुछ कर सकते हैं: स्वास्थ्य , बच्चे , कार्य क्षेत्र कि समस्याएं. Reactive लोग अपना प्रयत्न Circle of Concern पर केन्द्रित करते हैं: देश पर ऋण , आतंकवाद, मौसम. इसबात कि जानकारी होना कि हम अपनी energy किन चीजों में खर्च करते हैं, Proactive बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है Habit 2: Begin with the End in Mind अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें. तो , आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? शायद यह सवाल थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन आप इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिये. क्या आप अभी वो हैं जो आप बनना चाहते थे, जिसका सपना आपने देखा था, क्या आप वो कर रहे हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे. इमानदारी से सोचिये. कई बार ऐसा होता है कि लोग खुद को ऐसी जीत हांसिल करते हुए देखते हैं जो दरअसल खोखली होती हैं–ऐसी सफलता, जिसके बदले में उससे कहीं बड़ी चीजों कोगवाना पड़ा. यदि आपकी सीढ़ी सही दीवार पर नहीं लगी है तो आप जो भी कदम उठाते हैं वो आपको गलत जगह पर लेकर जाता है. Habit 2 आपके imagination याकल्पनापर आधारित है– imagination , यानि आपकी वो क्षमता जो आपको अपने दिमाग में उन चीजों को दिखा सके जो आप अभी अपनी आँखों से नहीं देख सकते. यह इस सिधांत पर आधारित है कि हर एक चीज का निर्माण दो बार होता है. पहला mental creation, और दूसरा physical creation. जिसतरह blue-print तैयार होने केबाद मकान बनता है , उसी प्रकार mental creation होने के बाद ही physical creation होती है.अगर आप खुद visualize नहीं करते हैं कि आप क्या हैं और क्या बनना चाहते हैं तो आप, आपकी life कैसी होगी इस बात का फैसला औरों पर और परिस्थितियों पर छोड़ देते हैं. Habit 2 इस बारे में है कि आप किस तरह से अपनी विशेषता को पहचानते हैं,और फिर अपनी personal, moral और ethical guidelines के अन्दर खुद को खुश रख सकते और पूर्ण कर सकते हैं.अंत को ध्यान में रख कर आरम्भ करने का अर्थ है, हर दिन ,काम या project की शुरआत एक clear vision के साथ करना कि हमारी क्या दिशा और क्या मंजिल होनी चाहिए, और फिर proactively उस काम को पूर्ण करने में लग जाना. Habit 2 को practice मेंलाने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपना खुद का एक Personal Mission Statement बनाना. इसका फोकस इस बात पर होगा कि आप क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं.ये success के लिए की गयी आपकी planning है.ये इस बात की पुष्टिकरता है कि आप कौन हैं,आपके goals को focus में रखता है, और आपके ideas को इस दुनिया में लाता है. आपका Mission Statement आपको अपनी ज़िन्दगी का leader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैं, और जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं. Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें एक balanced life जीने के लिए, आपको इस बात को समझना होगा कि आप इस ज़िन्दगीमें हर एक चीज नहीं कर सकते. खुद को अपनी क्षमता से अधिक कामो में व्यस्त करने की ज़रुरत नहीं है. जब ज़रूरी हो तो “ना” कहने में मत हिचकिये, और फिर अपनी important priorities पर focus कीजिये. Habit 1 कहतीहै कि , ” आप in charge हैं .आप creator हैं”. Proactive होना आपकी अपनी choice है. Habit 2 पहले दिमाग में चीजों को visualize करने के बारे में है. अंत को ध्यान में रख कर शुरआत करना vision से सम्बंधित है. Habit 3 दूसरी creation , यानि physical creation के बारे में है. इस habit में Habit 1 और Habit 2 का समागम होता है. और यह हर समय हर क्षण होता है. यह Time Management से related कई प्रश्नों को deal करता है. लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है. Habit 3 life management के बारे में भी है—आपका purpose, values, roles ,और priorities. “प्राथमिक चीजें” क्या हैं? प्राथमिक चीजें वह हैं , जिसको आप व्यक्तिगत रूप से सबसे मूल्यवान मानते हों. यदि आप प्राथमिक कार्यों को तरजीह देने का मतलब है कि , आप अपना समय , अपनी उर्जा Habit 2 में अपने द्वारा set की गयीं priorities पर लगा रहे हैं.
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09-11-2013, 02:30 PM | #37 |
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Re: जॉब सूचना
Habit 4: Think Win-Win हमेशा जीत के बारे में सोचें
Think Win-Win अच्छा होने के बारे में नहीं है, ना ही यह कोईshort-cut है. यहcharacter पर आधारित एक कोड है जो आपको बाकी लोगों सेinteract और सहयोग करने के लिए है. हममे से ज्यादातर लोग अपना मुल्यांकन दूसरों सेcomparison और competition के आधार पर करते हैं. हम अपनी सफलता दूसरों की असफलता में देखते हैं—यानि अगर मैं जीता, तो तुम हारे, तुम जीते तो मैं हारा. इस तरह life एकzero-sum game बन जाती है. मानो एक ही रोटी हो, और अगर दूसरा बड़ा हिस्सा ले लेता है तो मुझे कम मिलेगा, और मेरी कोशिश होगी कि दूसरा अधिक ना पाए. हम सभी येgame खेलते हैं, लेकिन आप ही सोचिये कि इसमें कितना मज़ा है? Win -Win ज़िन्दगी कोco-operation की तरह देखती है, competition कीतरह नहीं.Win-Win दिल और दिमाग की ऐसी स्थिति है जो हमेंलगातार सभी काहित सोचने के लिए प्रेरित करती है.Win-Win का अर्थ है ऐसे समझौते और समाधान जो सभी के लिए लाभप्रद और संतोषजनक हैं. इसमें सभी खाने को मिलती है, और वो काफी अच्छाtaste करती है. एक व्यक्ति या संगठन जोWin-Win attitude के साथ समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है उसके अन्दर तीन मुख्य बातें होती हैं:
Habit 5: Seek First to Understand, Then to Be Understood / पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ. Communication लाइफ की सबसे ज़रूरी skill है. आप अपने कई साल पढना-लिखना और बोलना सीखने में लगा देते हैं. लेकिन सुनने का क्या है? आपको ऐसी कौनसी training मिली है, जो आपको दूसरों को सुनना सीखाती है,ताकि आप सामने वाले को सच-मुच अच्छे से समझ सकें? शायद कोई नहीं? क्यों? अगर आप ज्यादातर लोगों की तरह हैं तो शायद आप भी पहले खुद आपनी बात समझाना चाहते होंगे. और ऐसा करने में आप दुसरे व्यक्तिको पूरी तरह ignore कर देते होंगे , ऐसा दिखाते होंगे कि आप सुन रहे हैं,पर दरअसल आप बस शब्दों को सुनते हैं परउनके असली मतलब को पूरी तरह से miss कर जाते हैं. सोचिये ऐसा क्यों होता है? क्योंकि ज्यादातर लोग इस intention के साथ सुनते हैं कि उन्हें reply करना है, समझना नहीं है.आप अन्दर ही अन्दर खुद को सुनते हैं और तैयारीकरते हैं कि आपको आगे क्या कहना है,क्या सवाल पूछने हैं, etc. आप जो कुछ भी सुनते हैं वो आपके life-experiences से छनकर आप तक पहुचता है. आप जो सुनते हैं उसे अपनी आत्मकथा से तुलना कर देखते हैं कि ये सही है या गलत. और इस वजह से आप दुसरे की बात ख़तम होने से पहले ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि अगला क्या कहना चाहता है.क्या ये वाक्य कुछ सुने-सुने से लगते है? “अरे, मुझे पता है कि तुम कैसा feel कर रहे हो.मुझे भी ऐसा ही लगा था.” “मेरे साथ भी भी ऐसा ही हुआ था.” ” मैं तुम्हे बताता हूँ कि ऐसे वक़्तमें मैंने क्या किया था.” चूँकि आप अपने जीवन के अनुभवों के हिसाब से ही दूसरों को सुनते हैं. आप इन चारों में से किसी एक तरीके से ज़वाब देते हैं: Evaluating/ मूल्यांकन:पहले आप judge करते हैं उसके बाद सहमत या असहमत होते हैं. Probing / जाँच :आप अपने हिसाब से सवाल-जवाब करते हैं. Advising/ सलाह :आप सलाह देते हैं और उपाय सुझाते हैं. Interpreting/ व्याख्या :आप दूसरों के मकसद और व्यवहार को अपने experience के हिसाब से analyze करते हैं. शायदआप सोच रहे हों कि, अपनेexperience के हिसाब से किसी सेrelate करने में बुराई क्याहै?कुछsituations में ऐसा करना उचित हो सकत है, जैसे कि जब कोई आपसे आपके अनुभवों के आधार पर कुछ बतानेके लिए कहे, जब आप दोनों के बीच एकtrust कीrelationship हो. पर हमेशा ऐसा करना उचित नहीं है. Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना सरल शब्दों में समझें तो , “दो दिमाग एक से बेहतर हैं ” Synergize करने का अर्थ है रचनात्मक सहयोग देना. यह team-work है. यह खुले दिमाग से पुरानी समस्याओं के नए निदान ढूँढना है. पर ये युहीं बस अपने आप ही नहीं हो जाता. यह एक process है , और उसी process से, लोग अपनेexperience और expertise को उपयोग में ला पाते हैं .अकेले की अपेक्षा वो एक साथ कहीं अच्छाresult दे पाते हैं. Synergy से हम एक साथ ऐसा बहुत कुछ खोज पाते हैं जो हमारे अकेले खोजने पर शायद ही कभी मिलता. ये वो idea है जिसमे the whole is greater than the sum of the parts. One plus one equals three, or six, or sixty–या उससे भी ज्यादा. जब लोग आपस में इमानदारी से interact करने लगते हैं, और एक दुसरे से प्रभावित होने के लिए खुले होते हैं , तब उन्हें नयी जानकारीयाँ मिलना प्रारम्भ हो जाता है. आपस में मतभेद नए तरीकों के आविष्कार की क्षमता कई गुना बढ़ा देते हैं. मतभेदों को महत्त्व देना synergy का मूल है. क्या आप सच-मुच लोगों के बीच जो mental, emotional, और psychological differences होते हैं, उन्हें महत्त्व देते हैं? या फिर आप ये चाहते हैं कि सभी लोग आपकी बात मान जायें ताकि आप आसानी से आगे बढ़ सकें? कई लोग एकरूपता को एकता समझ लेते हैं. आपसी मतभेदों को weakness नहीं strength के रूप में देखना चाहिए. वो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं. Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें Sharpen the Saw का मतलब है अपने सबसे बड़ी सम्पत्ति यानि खुद को सुरक्षित रखना. इसका अर्थ है अपने लिए एक प्रोग्राम डिजाईन करना जो आपके जीवन के चार क्षेत्रों physical, social/emotional, mental, and spiritual में आपका नवीनीकरण करे. नीचे ऐसी कुछ activities केexample दिए गए हैं: Physical / शारीरिक :अच्छा खाना, व्यायाम करना, आराम करना Social/Emotional /:सामजिक/भावनात्मक :औरों के ससाथ सामाजिक और अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना. Mental / मानसिक :पढना-लिखना, सीखना , सीखना. Spiritual / आध्यात्मिक :प्रकृति के साथ समय बीताना , ध्यान करना, सेवा करना. आप जैसे -जैसे हर एक क्षेत्र में खुद को सुधारेंगे, आप अपने जीवन में प्रगति और बदलाव लायेंगे.Sharpen the Saw आपको fresh रखता है ताकि आप बाकी की six habits अच्छे से practice कर सकें. ऐसा करने से आप challenges face करने की अपनी क्षमता को बढ़ा लेते हैं. बिना ऐसा किये आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है , मस्तिष्क बुद्धिरहित हो जाता है, भावनाए ठंडी पड़ जाती हैं,स्वाभाव असंवेदनशील हो जाता है,और इंसान स्वार्थी हो जाता है. और यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है, क्यों? आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने काअर्थ है खुद कोrenew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करकेrenew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentallyऔर spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं. आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.
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10-11-2013, 08:38 AM | #38 |
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Re: जॉब सूचना
great updates
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11-11-2013, 08:14 AM | #39 |
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Re: जॉब सूचना
क्या आप इंटरव्यू देने जा रहे हैं?
इंटरव्यू के लिए अक्सर यंगस्टर्स कपड़ों से लेकर बायोटाडा तक की तैयारी का ध्यान रखते हैं। और अगर इंटरव्*यू पहली बार हो तो तैयारी बहुत मायने रखती है। कुछ ऐसे टिप्स हैं जिन पर अगर आपने अमल किया तो आपका इंटरव्यू काफी शानदार हो सकता है। कंपनी के बारे में रि*सर्च जिस कंपनी में आप नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं उसके बारे में जितनी भी जानकारी जुटा सकें जुटा लें कंपनी के उत्पाद या सेवा के बारे में, कंपनी की ग्रोथ के बारे में। कंपनी की वेबसाइट से जरूरी जानकारी लें। जवाबों की तैयारी इंटरव्यू के दौरान कुछ सवाल ऐसे होते हैं जिनके पूछे जाने की पॉसि*बि*लि*टी काफी ज्यादा रहती है, जैसे आपने पहले कहां नौकरी की थी या आपके पास कितना व कैसा एक्*सपीरि*एंस है या अपने बारे में कुछ बताएँ आदि। इन प्रश्नों के अलावा कुछ टेक्*नि*कल सवाल भी हो सकते हैं जिनका संबंध आपकी पढ़ाई से हो सकता है। इन सवालों के जवाब पहले से तैयार कर लें और हो सके तो एक बार इसकी तैयारी भी कर लें। याद रखें इंटरव्यू में बिना तैयारी के बिलकुल न जाएं। चेक लिस्ट बनाएं इंटरव्यू के दौरान लगने वाले कागजात, सर्टिफिकेट आदि की चेक लिस्ट बनाकर रखें। कई बार इंटरव्यू में प्रेजेंटेशन भी देना पड़ता है। ऐसे में इस प्रेजेंटेशन के लिए पहले से इसे सीडी व पेन ड्राइव में जरूर रख लें। समय से पहले ही पहुंचें इंटरव्यू के वेन्*यू पर बि*फोर टाइम पहुंचें। हो सके तो आधा घंटा वहां बिताएं ताकि आप उस माहौल में अपने आपको सही तरीके से ढाल सकें और इंटरव्यू के दौरान आप नर्वस न हो। पॉजि*टि*व रहें मन में ऐसा कोई डाउट बिलकुल भी न रखें कि आप इंटरव्यू अच्छा नहीं दे पाएंगे। पॉजि*टि*व एप्रोच बनाए रखें। कपड़ों का सि*लेक्*शन ज्*यादातर इंटरव्यू के दौरान फॉर्मल कपड़े ही पसंद किए जाते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपका पहनावा सबकुछ नहीं, पर बहुत कुछ है इस कारण आपकी पर्सनलि*टी को सूट करे, ऐसे ही फॉर्मल कपड़े सि*लेक्*ट करें। खुशमिजाजी आपका खुशमिजाज होना इंटरव्यू के दौरान के माहौल को काफी खुशनुमा बना देगा। इसके अलावा आपकी मधुर मुस्कान, हाथ मिलाने का तरीका, आँखें भी आपकी पर्सनालि*टी का हिस्सा है और अगर इसका इस्तेमाल आपने सही तरीके से कर दिया तब आपका इंप्रेशन काफी अच्छा पड़ सकता है। बीच में न टोकें अक्सर यह देखने में आता है कि इंटरव्यू पेनल के मेम्*बर्स एक से ज्यादा होते हैं। मेम्*बर्स एक के बाद एक प्रश्न पूछते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप सभी सदस्यों से मुखातिब होते हुए सवालों का जवाब दें और कभी भी इंटरव्यू लेने वाले को बीच में न टोकें। शिकायत न करें इंटरव्यू में इस बात का ध्यान जरूर रखें कि अगर आप कोई नौकरी छोड़कर आए हैं, तो उस ऑर्गनाइजेशन की बुराई बिलकुल भी न करें। इंटरव्यू समाप्त होने के बाद इंटरव्यू बोर्ड को धन्यवाद कहना न भूलें। |
11-11-2013, 08:16 AM | #40 |
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Re: जॉब सूचना
इंटरव्यू के यक्ष प्रश्न अक्सर इंटरव्यू को लेकर युवाओं के मन में काफी प्रश्न रहते हैं कि आखिर वे किसी जॉब इंटरव्यू के लिए जाएं तब किस तरह की तैयारी करके जाएं। इतना ही नहीं मन में कितने ही प्रश्न घुमड़ते रहते हैं कि अगर ऐसा पूछ लिया तब क्या होगा और अगर पिछली नौकरी के बारे में पूछ लिया तब मैं क्या जवाब दूंगा। इन प्रश्नों का रखें खास खयाल इस बार हम आपके लिए पांच ऐसे प्रश्न दे रहे हैं जो अक्सर हर इंटरव्यू में पूछे ही जाते हैं। इन प्रश्नों का अगर आपने सही तरीके से जवाब दे दिया तब आपके चयनित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। ये प्रश्न ऐसे हैं जो अक्सर किसी भी इंटरव्यू में पूछे जाते हैं। 1. अपने बारे में कुछ बताइए? यह सबसे सामान्य प्रश्न है जिसके पूछे जाने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। इसका उद्देश्य यह रहता है कि जो इंटरव्यू ले रहा है वह आपके बारे में और खासतौर पर आपके व्यक्तित्व के बारे में जान सके। युवा साथी इस प्रश्न को लेकर गफलत यह कर बैठते हैं कि वे न केवल अपने बारे में बातचीत करते हैं बल्कि माता-पिता से लेकर घर में कौन सा पालतू जानवर है यहां तक की जानकारी बता देते हैं। जबकि इंटरव्यू लेने वाला आपकी शिक्षा, आपके अनुभव और आपकी पसंद-नापसंद के बारे में जानने को इच्छुक रहता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भाग यह रहता है कि इंटरव्यू लेने वाला आपके कम्युनिकेशन के स्तर को भांप लेता है। 2. आपने पिछला जॉब क्यों छोड़ा और क्या आप वर्तमान जॉब छोड़ना चाहते हैं? यह ऐसा प्रश्न है जिसके उत्तर के माध्यम से इंटरव्यू लेने वाला आपके बारे में सकारात्मक या नकारात्मक अभिप्राय बना सकता है। निश्चित रूप से आपको यह नहीं कहना है कि आप अपना पिछला जॉब पसंद नहीं करते थे या कंपनी खराब थी । क्योंकि अगर आपने ऐसा कुछ कह दिया तब आपके बारे नकारात्मक छवि बन सकती है। आप कह सकते हैं कि प्रोफेशनल ग्रोथ प्राप्त करने के लिए आप नौकरी छोड़ रहे हैं। 3. हम आपको नौकरी पर क्यों रखें? इस प्रश्न का उत्तर काफी सोच समझकर दें और सबसे पहले कंपनी के जिस जॉब के लिए आपने आवेदन दिया है उसके बारे में बात करें और यह बताएं कि आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप आप ही सर्वश्रेष्ठ हैं क्योंकि आप सभी अर्हताएं पूर्ण करते हैं। यह बिलकुल न कहें कि मैं आपकी कंपनी के साथ जुड़ना चाहता हूँ और मेरा सर्वश्रेष्ठ दूंगा। बल्कि पूर्व जॉब से प्राप्त अनुभव के आधार पर कुछ नया करने का प्रयत्न जरूर करूंगा कहेंगे तब इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति को लगेगा कि यहां आप कुछ नया सीखने की इच्छा रखते हैं। 4. आप अपने आप को आज से 5 वर्ष बाद कहां देखते हैं? इस प्रश्न के उत्तर में यह न कहें कि पांच वर्ष बाद में फलां पोस्ट पर रहने का इच्छुक हूं या इंडस्ट्री में यहां पहुंच जाऊंगा बल्कि यह कहें कि पांच वर्ष बाद में यह काम करूंगा और साथ में जो भी स्कील्ज प्राप्त करना चाहते हैं उसके बारे में कहें। 5. आप हमारी कंपनी में नौकरी करना क्यों चाहते हैं? इस प्रश्न का उत्तर यह न दें की ज्यादा पैसे के लिए और आपकी कंपनी का नाम अच्छा है आदि। बल्कि आप कंपनी के बारे में अध्ययन करके जाएं और ईमानदारी से बताएं कि आपकी कंपनी के कर्मचारियों से बातचीत के दौरान कंपनी के बेहतरीन माहौल और कर्मचारियों के प्रति व्यवहार के बारे में पता चला है, इस कारण भी आप कंपनी में नौकरी करना चाहते हैं तब आपको इंटरव्यू में अच्छे नंबर मिलने की संभावना है। |
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