05-04-2011, 09:58 PM | #1 |
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आदमी को क्या चाहिये
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05-04-2011, 09:59 PM | #2 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
आदमी को चाहिये चबाने को दाँत और पेट में आँत
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06-04-2011, 12:35 AM | #3 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
आदमी को चाहिये पहले मुलाकाल
फिर बात और जरूरत पडे तो लात
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Gaurav kumar Gaurav |
10-04-2011, 10:06 AM | #4 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
मजेदर सूत्र है फैज भाई
सूत्र को गति दे
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Gaurav kumar Gaurav |
10-04-2011, 10:14 AM | #5 | |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
Quote:
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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10-04-2011, 10:23 AM | #6 | |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
Quote:
वो तो सूत्र बना कर चले गये
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Gaurav kumar Gaurav |
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22-04-2011, 04:30 PM | #7 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
थोडा गंभीरता से देखा जाए तो आदमी को चाहिए -
१.-पेट भरने के लिए अनाज २.-एक अच्छा परिवार ३.- एक मकान ४.-थोड़ी सी ख़ुशी ५.-थोडा सा धन ६.-थोड़ी सी संवेदना (दूसरों के लिए )
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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22-04-2011, 09:50 PM | #8 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
इस थोड़े की व्याख्या कौन करेगा ?
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
22-04-2011, 09:59 PM | #9 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
मुझे लगता है की इस " थोड़े " की व्याख्या करना जटिल है
हाँ इतना ही कह सकता हूँ की " मानवता " प्रदर्शित होनी चाहिए अब " ख़ुशी " "धन " और " संवेदना " मानवता रहित हो तो बेमानी है
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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22-04-2011, 11:57 PM | #10 |
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Re: आदमी को क्या चाहिये
यही तो दुर्भाग्य है की मानवता सिर्फ प्रदर्शन के लिए ही होती है
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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