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rajnish manga
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Default कथाकार रवींद्र कालिया (जीवन और कृतित्व)

कथाकार रवींद्र कालिया (जीवन और कृतित्व)
जन्म: 11 नवंबर 1939, जालंधर
मृत्यु – 9 जनवरी 2016 दिल्ली

हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार एवं भारतीय ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक रवीन्द्रकालिया का आज यहां गंगाराम सिटी अस्पताल में निधन हो गया। वह 77 वर्ष केथे।

कालिया को गत दिनों गुर्दा खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गयाथा जहां वह गहन चिकित्सा कक्ष में वेंटिलेटर पर थे। उनके स्वास्थ्य मेंथोड़ा सुधार आने लगा था और डाक्टरों ने उनका वेटिलेंटर हटा भी दिया लेकिनआज दोपहर 3.30 बजे उनका निधन हो गया।

उनके परिवार में उनकी पत्नी एवं हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया केअलावा दो बेटे भी हैं। कालिया का अंतिम संस्कार कल यहां लोधी रोड स्थितशवदाह गृह में किया जाएगा। अभी उनका पार्थिव शरीर अस्पताल के शवगृह में रखागया है। कल सुबह उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर ले जाया जायेगा।

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नवंबर 1939 को पंजाब के जालंधर में जन्में रवीन्द्र कालिया इलाहाबाद मेंबस गये थे और 60 के दशक में धर्मयुग पत्रिका में मशहूर लेखक धर्मवीर भारतीके सहयोगी भी थे। वह कोलकाता से प्रकाशित पत्रिका वागर्थ के संपादक भी थे।बाद में वह दिल्ली भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक तथा ज्ञानोदय पत्रिका केसंपादक बनकर दिल्ली चले आए और तब से वह यहीं रहने लगे थे। वह कैंसर के भीमरीज थे, और वह उससे उबरने भी लगे थे। फिर उन्हें लीवर सिरोसिस हो गया औरउनकी किडनी भी खराब हो गयी थी।

खुदा सही सलामत है, गरीबी हटाओ, गालिब छुटी शराब, काला रजिस्टर, नौ सालछोटी पत्नी, 17 रानडे रोड, एबीसीडी आदि उनकी चर्चित कृतियां थीं। उन्होंनेअमरकांत और मोहन राकेश की कहानियों का संचयन भी किया था। वह सठोतरी कहानीके प्रमुख लेखकों में से थे। ज्ञानरंजन तथा दूधनाथ सिंह की पीढ़ी के वहचर्चित लेखक थे।

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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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रवींद्र कालिया, hindi story writer, ravindra kalia


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