28-12-2012, 09:52 PM | #1 |
Diligent Member
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जाम आँखों से एक बार मस्ती के तू पिला तो सही !
जाम आँखों से एक बार मस्ती के तू पिला तो सही ! ये दिल मिलकियत है सिर्फ तुम्हारी हक इसपे अपना तू जाता तो सही ! तुझको पाने की कोशिश है मैंने दिन रात पहुंचा हूँ कहा तक इतना मुझको बता तो सही ! क्या छुपा है ऐसा इस दीवानगी में मेरी बात इतनी समझने को एक बार नजरें मिला तो सही ! तेरे लिए लड़ जाऊंगा पूरी दुनिया से मैं तू भी तो मेरे साथ आने का हौसला दिखा तो सही ! भूल जाऊंगा दुनिया के सारे गमो सितम अपना तू मुझको एक बार बना तो सही ! खो जायेगा इन आँखों की गहराई में सदा के लिए बना के सुरमा तू इस ''' नामदेव '''को आँखों में लगा तो सही ! सोमबीर नामदेव मोब नो .9321083377 |
29-12-2012, 07:44 AM | #2 |
Special Member
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Re: जाम आँखों से एक बार मस्ती के तू पिला तो सही !
बहुत ही अच्छी रचना है, सोमवीर जी,
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