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Old 10-12-2010, 01:58 AM   #1
amit_tiwari
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Default एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन

थोडा विवादित विषय प्रारंभ करने जा रहा हूँ किन्तु क्यूंकि यह युवाओं का फोरम है और विषय भी सामयिक है अतः मैं समझता हूँ की यह कंटेंट सामायिक है !

भारत में तेजी से बढ़ते इन्टरनेट प्रयोग के साथ एक नयी समस्या उभर कर सामने आ रही है जो की है 'वयस्क वेबसाइट्स' की |
पुरुष की प्राकृतिक मनोदशा, उपलब्धता और अधिकांश रूप से मुफ्त में उपलब्ध होने के कारण इसका जितना प्रचार हो रहा है उतना शायद ही किसी का हुआ हो | उस पर भी कोढ़ में खाज वाली स्थिति होती है जब उसके संपर्क में अधिकांशतः नवयुवा, युवावर्ग आता है | हर चीज़ देखने को आतुर यह आयु कब इसकी आदी हो जाती है उन्हें पता ही नहीं चलता |
पाठकों के मन में आ रहा होगा की इस परपंच का तात्पर्य क्या है ! ऐसा ही प्रश्न हारवर्ड विश्वविद्यालय के दो रिसर्चरों के मन में आई जिन्होंने अपना रिसर्च पेपर सात जून २०१० को The Ninth Workshop on the Economics of Information Security में रखा |
क्यूंकि यह एक ऐसा अँधा कुआं है जिसका राज सरलता से नहीं जाना जा सकता अतः इन दोनों रिसर्चरों ने खुद उसमें कदम रखा और अपनी वास्तविक साईट बनायीं |

इनके रिसर्च पेपर और अपने अभी तक के इन्टरनेट अनुभव के आधार पर इस महिषासुर के कुछ कुप्रभाव लिखता हूँ;

१- नवयुवा जो अपना ध्यान अपने स्वस्थ्य, परिवार, पढाई और मानसिक विकास में लगा सकता वह इसमें चला जाता है | यह एक ऐसा दुष्प्रभाव है जो अभी क्या आने वाले समय को खोखला कर रहा है | उन्नीस बीस साल के लड़के अपना जाने कितना समय इन अंधी साइट्स को देते हैं, और जाने कितना समय उनका विचार करने में लगाते हैं इसकी कल्पना ही भयावह है |

२- इतनी तरक्की और शिक्षा के बाद भी देश की राजधानी में ये आलम है कि औसतन रोज़ एक बलात्कार होता है, क्या यह कुंठित मानसिकता में बढ़ोत्तरी नहीं है ?
कितनी पशुता और क्रूरता भर रही है मन में !
हर नुक्कड़ पर मंदिर उसमें माथा टेकते हजारो सज्जन, हर तरफ धर्म कि गंगा और फिर भी नारी कि पूजा करने वाले देश में रोज़ एक बलात्कार ! इस दर से तो एक दिन हर घर भुक्तभोगी होगा | क्या यही स्थिति हम चाहते हैं !!!

३- इन साइट्स में दिखने वाली वस्तु नहीं जीवित मनुष्य होते हैं | देह व्यापार, खरीद फरोक्त, अपहरण, जबरन फिल्माया जाना, धोके से फिल्माया जाना और ना जाने क्या क्या |||
और ऐसी साइट्स को पालने, चलाने, सहयोग करने वाले हम आपमें ही छुपे बैठे लोग होते हैं जो ज्ञान, मान सम्मान कि दिन रात गंगा बहते हैं किन्तु इनके घ्रणित और सड़े हुए मस्तिष्क इस हद तक गिरे रहते हैं कि मित्र मित्र कहते कहते एक दिन आपके ही घर को निशाना बना दें |

४- यह कोई छिपी बात नहीं है कि इन साइट्स को ऑफिस में भी देखा जाता है, कुछ सर्वे इसे कुल कर्योत्पदक समय का दस प्रतिशत तक बताते हैं, यह सही हो या गलत किन्तु हानि होती ही है |

५- इन साइट्स का ट्रैफिक पाइरेसी और वायरस वाली साइट्स के साथ शेयर होता है | ये तीनों नेटवर्क एक दुसरे के साथ ट्रैफिक शेयर करते हैं जो आपस में मिल कर इन्टरनेट का अपराधीकरण कर रहे है | कोई इंजीनियर प्रोग्रामर दिन रात मेहनत करके एक प्रोग्राम बनाता है और उसे पाइरेसी वाले फ़ोकट में उतार देते हैं , कोई अपनी गाढ़ी कमाई से एक कंप्यूटर लाता है और उसे ये वायरस डाल कर ख़राब कर देते हैं | आखिर में हम करते तो अपना नुक्सान ही हैं |

६- जैसा कि इस रिसर्च पेपर में सिद्ध किया है कि ऐसी सामग्री फ्री में देने वाली साईट अपनी कमाई पेड वेबसाईट को ट्रैफिक भेज कर कमाती हैं और उससे भी बड़ा हिस्सा आता है प्रयोग करने वाले के कंप्यूटर में वाइरस डाल कर | प्रयोक्ता समझता है कि उसने कुछ डाउनलोड नहीं किया तो उसका कुछ नहीं गया किन्तु वास्तविकता यह है कि किसी फ्लैश विडियो को चला कर, किसी PDF फ़ाइल को खोल कर यहाँ तक कि किसी वर्ड फ़ाइल से भी आपके सिस्टम में वाइरस आ सकता है |

तो अगली बार ऐसी किसी गली का रुख करते समय रुक कर सोचियेगा कि आप किसी लड़की से उसका सम्मान छीन रहे हैं, किसी की दिन रात की मेहनत चुरा रहे हैं, खुद को धोखा दे रहे हैं और अपने सिस्टम की MBE कर रहे हैं |


-अमित
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Old 10-12-2010, 04:37 AM   #2
pooja 1990
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thanks..amit ji.
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डेथ का दूसरा नाम पूजा चौहान .मरना है तो आ जाओ .में वेट कर रही हु .कच्चा चबा जाउंगी .

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Old 10-12-2010, 06:34 AM   #3
amol
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अमित जी नमस्कार, पहले तो आपको धन्यवाद एक बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाने के लिए. आपने तो एडल्ट वेबसाइट के उपर तो अपने विचार रख दिए. कुछ पॉइंट्स तो मुझे काफी अच्छे लगे.

लेकिन पहली बात जो मैं कहना चाहता हूँ, हमें एडल्ट वेबसाइट और पोर्न वेबसाइट के बीच अंतर भी पता होना चाहिए.

अगर कोई वेबसाइट सेक्स education दे रहा है और इस से जुडी ही युवाओं की भ्रांतियों को दूर कर रहा है तो उसे एडल्ट वेबसाइट तो कहेंगे मगर पोर्न वेबसाइट नहीं. और मेरी नज़र में इस हिसाब से एडल्ट वेबसाइट में कोई बुराई नहीं है.

रही बात पोर्न वेबसाइट की तो मैं उसके पूरी तरह से खिलाफ हूँ. खिलाफ तो मैं सिगरेट, पान, तम्बाकू, वेश्य्वृति, शराब इत्यादि के भी हूँ क्योकि युवा वर्ग को जितना नुक्सान पोर्न वेबसाइट से है शायद उससे कही ज्यादा इन चीजों से.
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Old 10-12-2010, 06:42 AM   #4
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Originally Posted by amit_tiwari View Post
१- नवयुवा जो अपना ध्यान अपने स्वस्थ्य, परिवार, पढाई और मानसिक विकास में लगा सकता वह इसमें चला जाता है | यह एक ऐसा दुष्प्रभाव है जो अभी क्या आने वाले समय को खोखला कर रहा है | उन्नीस बीस साल के लड़के अपना जाने कितना समय इन अंधी साइट्स को देते हैं, और जाने कितना समय उनका विचार करने में लगाते हैं इसकी कल्पना ही भयावह है |

१९ २० साल की आयु ऐसी ही होती है, इस उम्र में लोगो के सही मार्गदर्शन के अभाव में भटकने के चांस काफी रहते है... जैसे

१. शराब
२. जुआ
३. सिगरेट
४. तम्बाकू
५. वेश्यालय
६. इन्टरनेट पोर्न

तो सवाल यह है की सभी चीजें गलत है और सब के साथ एक वार्निंग भी आती है के बेटा इसका सेवन करोगे तो नुक्सान होगा. ऐसा भी पोर्न वेबसाइट के साथ होता है उसपर एक वार्निंग आती है और नहीं आती तो आनी चाइये की बेटा यह देखोगे तो इसके लॉन्ग term नुक्सान होंगे.
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Old 10-12-2010, 06:47 AM   #5
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२- इतनी तरक्की और शिक्षा के बाद भी देश की राजधानी में ये आलम है कि औसतन रोज़ एक बलात्कार होता है, क्या यह कुंठित मानसिकता में बढ़ोत्तरी नहीं है ?
कितनी पशुता और क्रूरता भर रही है मन में !
हर नुक्कड़ पर मंदिर उसमें माथा टेकते हजारो सज्जन, हर तरफ धर्म कि गंगा और फिर भी नारी कि पूजा करने वाले देश में रोज़ एक बलात्कार ! इस दर से तो एक दिन हर घर भुक्तभोगी होगा | क्या यही स्थिति हम चाहते हैं !!!
मैं तो मानता हूँ पोर्न वेबसाइट से इस तरह के कुंठित मानसिकता वाले लोगो की ***** शांत होती है. और फिर बलात्कार कम होते है.

और आप इस चीज़ के पूरी ज़िम्मेदारी पोर्न वेबसाइट पर कैसे डाल रहे है. क्या इंटरनेट आने से पहले ऐसा नही होता था?
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Old 10-12-2010, 06:51 AM   #6
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३- इन साइट्स में दिखने वाली वस्तु नहीं जीवित मनुष्य होते हैं | देह व्यापार, खरीद फरोक्त, अपहरण, जबरन फिल्माया जाना, धोके से फिल्माया जाना और ना जाने क्या क्या |||
और ऐसी साइट्स को पालने, चलाने, सहयोग करने वाले हम आपमें ही छुपे बैठे लोग होते हैं जो ज्ञान, मान सम्मान कि दिन रात गंगा बहते हैं किन्तु इनके घ्रणित और सड़े हुए मस्तिष्क इस हद तक गिरे रहते हैं कि मित्र मित्र कहते कहते एक दिन आपके ही घर को निशाना बना दें |
उन जीवित लोगो के प्रति मुझे पूरी हमदर्दी है पता नही किस मजबूरी में ऐसा काम करते है, वैसे अपने भारत मैं तो इस तरह के काम पर प्रतिबंध है जो बहुत ही अच्छी बात है.
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Old 10-12-2010, 06:57 AM   #7
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४- यह कोई छिपी बात नहीं है कि इन साइट्स को ऑफिस में भी देखा जाता है, कुछ सर्वे इसे कुल कर्योत्पदक समय का दस प्रतिशत तक बताते हैं, यह सही हो या गलत किन्तु हानि होती ही है |
आपके इस पॉइंट में कोई खास दम नज़र नही आता, उत्पादन तो अन्य काफ़ी चीज़ों से के कारण भी घट जाती है, जैसे जब क्रिकेट मॅच आ रहा होता है, election रिज़ल्ट्स का टाइम होता है.

और मुझे नही लगता कोई भी आदमी अपने ऑफीस में बैठ कर इस तरह के वेबसाइट देखेगा. अगर वो बंदा उस कंपनी का मालिक ही हो तो बात अलग है.
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Old 10-12-2010, 07:07 AM   #8
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५- इन साइट्स का ट्रैफिक पाइरेसी और वायरस वाली साइट्स के साथ शेयर होता है | ये तीनों नेटवर्क एक दुसरे के साथ ट्रैफिक शेयर करते हैं जो आपस में मिल कर इन्टरनेट का अपराधीकरण कर रहे है | कोई इंजीनियर प्रोग्रामर दिन रात मेहनत करके एक प्रोग्राम बनाता है और उसे पाइरेसी वाले फ़ोकट में उतार देते हैं , कोई अपनी गाढ़ी कमाई से एक कंप्यूटर लाता है और उसे ये वायरस डाल कर ख़राब कर देते हैं | आखिर में हम करते तो अपना नुक्सान ही हैं |
आपका यह पॉइंट काफ़ी जोरदार है. पॉर्न, पाइरसी और हॅकिंग वाले वेबसाइट्स का काफ़ी पुराना रिश्ता रहा है. और इस तरह के वेबसाइट अपने pc में खोलना मतलब वाइरसस को खुला आमंत्रण देना.
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Old 10-12-2010, 07:15 AM   #9
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मेरा conclusion यह है

User should be given a warning message for the first time before they enter inside the these kinds of websites. If a child still wants to enter, its their and their parents problem.

The IT deparment of India should make sure that these websites are following all the IT laws, if they are not following IT laws, they should be banned and case must be filed and necessary actions should be taken. Government should have separate cyber police to monitor these websites.

It’s impossible that these kinds of sites will ever cause some kind of public disorder. It never has, and never will be.
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Old 10-12-2010, 07:25 AM   #10
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The Indian Penal Code, 1860 section 293 also specifies, in clear terms, the law against Sale etc. of obscene objects to minors.
Chapter XI

Quote:
"67. Publishing of information which is obscene in electronic form. - Whoever publishes or transmits or causes to be published in the electronic form, any material which is lascivious or appeal to the prurient interest or if its effect is such as to tend to deprave and corrupt persons who are likely, having regard to all relevant circumstances, to read, see or hear the matter contained or embodied in it, shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to five years and with fine which may extend to one lakh rupees and in the event of a second or subsequent conviction with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years and also with fine which may extend to two lakh rupees."
आज से करीब ४-५ साल पहले चेन्नई के एक पोर्न वेबसाइट चलाने वाले को पुलिस ने पकड़ा था उसे तो २ साल की जेल हुई और उस वेबसाइट में जितने लोग काम करते थे या उससे जुड़े थे उन्हें भी ६ ६ महीने की सजा हुई. तो ऐसा है की अपना भारत का कानून भी काफी कड़ा है इस मामले में और बुरी चीज़ का अंत तो होता ही है एक न एक दिन.
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