02-03-2013, 09:18 AM | #141 |
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Re: बजट 2013-14
वाम मोर्चा ने केंद्रीय आम बजट को आज धुंधला बताते हुए कहा कि इसमें गरीबों के हितों की रक्षा के लिए कोई विशेष कदम नहीं है जबकि कॉरपोरेट घरानों को करों में राहत देने की परंपरा को बरकरार रखा गया है। माकपा नीत वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह केंद्रीय बजट धुंधला है और आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए कोई प्रावधान नहीं है जबकि इसमें कॉरपोरेट घरानों को करों में काफी राहत देने का खयाल रखा गया है।’ बोस ने कहा कि बजट में वस्तुओं की बढती कीमत से निपटने का कोई उल्लेख नहीं है। न ही समानांतर अर्थव्यवस्था को रोकने के प्रयासों का उल्लेख है। इसके जरिए राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने के लिए महज एक हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
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02-03-2013, 09:19 AM | #142 |
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Re: बजट 2013-14
छोटी इकाइयों को भी मिले निवेश अलाउंस का लाभ : मप्र उद्योग जगत
संयंत्र और मशीनरी पर कम से कम 100 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने वाली इकाइयों को ही 15 प्रतिशत के निवेश अलाउंस का लाभ दिये जाने के बजट प्रावधान पर मध्य प्रदेश के उद्योग जगत ने गहरा असंतोष जताया। प्रदेश के उद्योग जगत की मांग है कि यह फायदा उन छोटे उद्योगों को भी मिलना चाहिये, जो 100 करोड़ रुपये से कम निवेश के साथ अपने उपक्रम की शुरूआत करते हैं। एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने कहा, ‘वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास की बात तो खूब की। लेकिन बजट में निवेश एलाउंस के प्रस्तावित प्रावधान को देखकर लगता है कि सरकार देश में केवल बड़े निवेश को बढावा देना चाहती है।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘एमएसएमई को सरकार की ज्यादा सहायता की दरकार है। इसलिये निवेश अलाउंस का लाभ छोटे उद्योगों को भी दिया जाना चाहिये।’ बजट में प्रस्तावित निवेश अलाउंस के प्रावधान के तहत अगर कोई कम्पनी एक अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2015 के बीच संयंत्र और मशीनरी पर 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की पूंजी लगाती है, तो उसे निवेश पर 15 प्रतिशत का अलाउंस दिया जायेगा। बड़जात्या ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिये बजट में 33,000 करोड़ रुपये की बड़ी रकम के प्रावधान पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘सरकार अपने लोकलुभावन कदमों के तहत मनरेगा का बजट लगातार बढा रही है। इससे उद्योग जगत चिंतित है, क्योंकि इससे उसके सामने श्रमिकों की उपलब्धता की समस्या खड़ी हो गयी है। लिहाजा मनेरगा का आकार कम किया जाना चाहिये।’ पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने भी मांग की कि निवेश अलाउंस के बजट प्रावधान का लाभ 100 करोड़ रुपये से कम का निवेश करने वाले उद्योगों को भी मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार ने हालांकि वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनावों को देखते हुए आम बजट को आकार दिया है। फिर भी इसे संतुलित बजट कहा जा सकता है। कोठारी ने कहा, ‘वैसे भी देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर चिदंबरम उद्योग और व्यापार जगत पर ज्यादा बोझ नहीं डाल सकते थे।’
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02-03-2013, 09:20 AM | #143 |
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Re: बजट 2013-14
कठिन आर्थिक स्थिति के देखते हुए रक्षा बजट ठीक-ठाक : एंटनी
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने अगले वित्त वर्ष के लिए तय किए गए रक्षा बजट पर संतोष व्यक्त किया है और कठिन आथरक वातावरण मे की गई बढोत्तरी को ठीक-ठाक करार दिया है। दूसरी ओर बाजार पर निगाह रखने वाली केपीएमजी कंपनी ने कहा है कि रक्षा बजट मे कई गई 5.3 प्रतिशत मामूली वृद्धि से साफ है कि अब रक्षा मंत्रालय को अपनी खरीदारियो की प्राथमिकता बहुत चुन चुन कर तय करनी होगी। इस बार रक्षा बजट मे दो लाख तीन हजार 672 करोड रूपये रखा गया है जिसमे आधुनिकीकरण के लिए 86 करोड रूपये का प्रावधान है। इस तरह पिछले बजट के मुकाबले पूंजीगत मद मे आठ हजार करोड की बढोत्तरी ही गई है। एंटनी ने एक बयान मे कहा कि देश के भीतर और बाहर कठिन स्थिति को देखते हुए वित्त मंत्री ने बढिया बजट पेश किया है। अर्थ व्यवस्था मे नई जान फूंकने के लिए किए गए उपाय तारीफ योग्य है। केपीएमजी ने कहा है कि रक्षा बजट मे मामूली बढोत्तरी के कारण खरीदारियो को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत पडेगी। इसके अलावा सरकार को रक्षा खरीदारी की प्रक्रिया मे संशोधन करने होगे ताकि खरीदारी मे होने वाली देरियों को दुरूस्त किया जा सके।
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02-03-2013, 09:20 AM | #144 |
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Re: बजट 2013-14
सीटीटी में कृषि व गैर कृषि जिसों में भेदभाव किया गया : एमसीएक्स
आम बजट में कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (सीटीटी) को लेकर किए गए प्रावधान पर एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ श्रीकांत जावलगेकर ने कहा कि इससे कृषि एवं गैर कृषि जिंसों में भेदभाव साफ झलकता है। जावलगेकर ने कहा कि सिक्युरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में इस तरह का भेदभाव नहीं किया गया है। ‘यह व्यवहार वैसा ही है जैसे एक कंपनी के शेयर पर एसटीटी है और दूसरी कंपनी के शेयर पर नहीं है। यह सौतेला व्यवहार है और सीटीटी थोपने से जिंस बाजार में कारोबार का खर्चा औसतन 300 प्रतिशत बढ जाएगा।’ उन्होंने कहा कि भारत के जिंस बाजार ने गैर शहरी इलाकों में 10 लाख से अधिक रोजगार का सृजन किया है जो अब खतरे में पड़ सकता है। इससे हाजिर और वायदा बाजार के बीच तालमेल नहीं बन पाएगा और महंगाई बढ सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने जिंस बाजारों में गैर कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर 0.01 प्रतिशत लेनदेन कर लगाने का प्रस्ताव किया है। बयान में इस बात की आलोचना की गयी है कि बजट में गोल्ड ईटीएफ पर 0.001 प्रतिशत की दर से कारोबार शुल्क लगाया गया है जबकि जिंस वायदा बाजार में सोने के वायदा कारोबार पर यह शुल्क 0.01 प्रतिशत है जबकि गोल्ड ईटीएफ के पीछे शत प्रतिशत सोने का भौतिक रूप से प्रावधान किया जाता है।
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02-03-2013, 09:45 AM | #145 |
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Re: बजट 2013-14
वाहन उद्योग ने कहा, बजट उम्मीद के अनुरूप नहीं
स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीकल्स तथा आयातित लक्जरी वाहन महंगे होंगे। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बजट में इन दोनों पर उत्पाद और सीमा शुल्क बढाने का प्रस्ताव किया। स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीकल्स (एसयूवी) पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 27 प्रतिशत से बढाकर 30 प्रतिशत किया गया जबकि महंगे वाहनों पर 75 प्रतिशत की बजाए 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही 800 सीसी या उससे अधिक क्षमता के मोटरसाइकिल पर मूल सीमा शुल्क 60 प्रतिशत से बढाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। टोयोटा किर्लास्कर मोटर (टीकेएम) के उप प्रबंध निदेशक तथा मुख्य परिचालन अधिकारी (विपणन तथा वाणिज्यिक) संदीप सिंह ने कहा, ‘वाहन उद्योग के लिये यह बजट सही नहीं है। शुल्क में वृद्धि को सभी विनिर्माता उपभोक्ताओं पर टालेंगे और इससे बिक्री और प्रभावित होगी।’ उन्होंने कहा, ‘टीकेएम सारा बोझ उपभोक्ताओं पर डालेगी। उत्पाद शुल्क से बहु उपयोग वाहन इनोवा तथा एसयूवी फोर्चुनर प्रभावित होगी। वहीं सीमा शुल्क बढने से लैंड क्रूजर तथा प्रादो महंगी होगी।’ उन्होंने कहा, कंपनी ने अब तक यह तय नहीं किया है कि कितनी राशि बढेगी। वैसे इनोवा के मामले में यह वृद्धि 30,000 से 50,000 के बीच होगी। वहीं फार्चुनर के मामले में 60,000 से 75,000 की वृद्धि की संभावना है। इसी प्रकार का विचार प्रकट करते हुए जनरल मोटर्स इंडिया के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक लावेल पैडोक ने कहा कि जहां तक वाहन उद्योग का सवाल है, बजट उसकी उम्मीदों को पूरा नहीं करता। ‘हम पिछले साल लगाये गये उत्पाद शुल्क को वापस लिये जाने की उम्मीद कर रहे थे ... यह वृद्धि उम्मीद के अनुरूप नहीं है और इससे एसयूवी की बिक्री पर असर पड़ेगा।’ बजट में हाईब्रीड और विद्युत चालित वाहनों के विनिर्माण के लिए लिथियम आयॉन बैटरी को मूल आयात शुल्क से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। ऐसे वाहनों के विनिर्दिष्ट कल पुर्जों पर आयात शुल्क में दूछ की अवधि भी दो साल बढा कर 31 मार्च 2015 तक जारी रखने की घोषणा की गयी है। इसके शुल्क की मूल दर शून्य, प्रति पूर्ति कर 6 प्रतिशत और विशेष अतिरिक्त शुल्क शून्य प्रतिशत रखा गया है।
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05-03-2013, 11:03 PM | #146 |
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Re: बजट 2013-14
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट का स्वागत किया
अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम टुकी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़क निर्माण करने और इसे म्यामां से जोड़ने के लिए विश्व बैंक जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों से वित्तीय सहायता मुहैया किये जाने की केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बजट में की गई घोषणा का स्वागत किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि टुकी ने कहा कि ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के तहत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से इस क्षेत्र के संपर्क को केंद्र द्वारा प्रोत्साहन दिये जाने से अरूणाचल प्रदेश के लिए व्यापार की संभावनाओं को बढावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे निर्यात को बढावा मिलेगा जिससे राजस्व के स्रोत सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने मौजूदा वित्तीय परिदृश्य में आम बजट को संतुलित करार देते हुए कहा कि बजट में आम आदमी की चिंताओं पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है। टुकी ने देश में प्रथम महिला सरकारी बैंक स्थापित किये जाने की घोषणा और ‘निर्भया कोष’ के लिए 1,000 करोड़ रूपये का अंशदान दिये जाने की घोषणा का भी स्वागत किया। वहीं, टुकी ने मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त जीत को लेकर मुकुल संगमा को बधाई भी दी।
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05-03-2013, 11:03 PM | #147 |
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Re: बजट 2013-14
बजट में आम लोगों की चिंताओं को दूर करने की दृष्टि का अभाव : करात
केंद्रीय बजट में आम लोगों की चिंताओं को दूर करने की दृष्टि का अभाव होने का जिक्र करते हुए माकपा महासचिव प्रकाश करात ने तेल सब्सिडी में कटौती करने और कारपोरेट कर में छूट को बढाने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। कोलकाता से संघर्ष संदेश जत्थे को हरी झंडी दिखाने के बाद करात ने कहा, ‘पेट्रोलियम, डीजल, पेट्रोल और अन्य तेल उत्पादों की सब्सिडी को तेजी से कम किया गया है जिसका अर्थ हुआ कि पेट्रोल, डीजल की कीमतें बढकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो जायेंगी और इससे लोगों पर भार बढेगा।’ माकपा पूरे देश में संघर्ष संदेश जत्था भेज रही है। इसमें चार मुख्य जत्था मुम्बई, कन्याकुमारी, कोलकाता और अमृतसर से शुरू होकर दिल्ली पहुंचेगी। इस जत्थे के अभियान पूरा करने के बाद 19 मार्च को दिल्ली में बड़ी रैली आयोजित की जायेगी। पार्टी के अनुसार, इस जत्थे का उद्देश्य देश के लोगों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों और समस्याओं को रेखांकित करना और माकपा की ओर से वैकल्पिक नीतियां सुझाना है। इस अभियान के माध्यम से केंद्र की संप्रग सरकार की नीतियों को भी लोगों के सामने रखा जायेगा जिसके कारण लगातार कीमतों और बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है, भ्रष्टाचार बढ रहा है और किसान परेशान है।
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