01-12-2012, 01:03 PM | #1 |
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मेरी पहली कविता
बारिश की बूंदों जैसी, सागर की लेहेरों जैसी, पर्वत पर बिछी हुई, बर्फ की चादर जैसी, गंगाजल सी पवित्र, इंद्रधनुष सी विचित्र, वीणा की सरगम जैसी, मेरी पहली कविता* सूरज की रौशनी की बूंद के सामान, चंदा की सफ़ेद चांदनी सी निदान, गगन में झिलमिल तारों के सामान, अंतहीन ब्रम्हांड में, मेरी पहली कविता कागज़ पर सिमटी हुई, शब्दों में लिपटी हुई, मन के सागर में सोच के मोती सी सामान, सावन के मौसम की पहली फुहार के सामान अनजान पहेली जैसी, मेरी पहली कविता ईश्वर की भक्ति जैसी, ह्रदय की शक्ति जैसी, अंधकार को चीरती हुई, पहली किरण जैसी, वन में विचरण करते हुए कस्तूरी हिरण जैसे, रति के सुंदर नैनों सामान, मेरी पहेली कविता जीवन के रथ पर सवार, शब्दों के रस में शुमार मौसम की वो पहलीबहार, मेरी पहली कविता |
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