07-06-2011, 10:09 PM | #141 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
उस दौरान यह केस अमेरिका में चर्चा का विषय बन गया था और मीडिया ने उन्हें ‘द सिंडर लेडी’ नाम दे दिया। उस दिन सुबह आठ बजे इस केस की हलचल शुरू हुई थी। मेरी रीसर की मकान मालकिन पैंसी कार्पेटर उनका टेलीग्राम लेकर आई थीं। आवाज देने पर कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
07-06-2011, 10:10 PM | #142 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
दरवाजे का नॉब काफी गरम हो रहा था। ये देखकर उन्होंने पुलिस को खबर की। एफबीआई ने यूनिवर्सिटी ऑफ पैनसिल्वेनिया के स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर क्रॉगमैन को भी बुलवाया। उन्होंने सोचा शायद प्रोफेसर इस मामले में उनकी कोई मदद कर सकें। प्रोफेसर ने कहा कि उन्हें भी ये देखकर आश्चर्य हो रहा था कि एक बार आग लगने के बाद कोई इंसानी शरीर वैसे कैसे जल सकती है, जैसे सिर्फ मोमबत्ती जलती है।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
07-06-2011, 10:19 PM | #143 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
उस रात उस कमरे में क्या हुआ था, ये कोई नहीं समझ पा रहा था। मेरी रीसर का एक पैर और उसमें पहनी हुई स्लीपर कैसे बच गई थी, यह सबसे बड़ा सवाल था। प्रोफेसर क्रॉगमैन का कहना था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा केस कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि मध्यकालीन युग में हम काले जादू के बारे में सुनते थे, ये वैसा ही लगता था। ये केस कभी हल नहीं किया जा सका।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
07-06-2011, 10:21 PM | #144 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
राज है गहरा
1951 का मेरी हार्डी रीसर केस अमेरिकी पुलिस और दुनिया के लिए एक रहस्य बनकर रह गया है। मेरी रीसर का पूरा शरीर जल गया था, लेकिन एक पैर पूरी तरह सुरक्षित बच गया। घर के दूसरे हिस्सों पर भी आग का असर नहीं दिखा। मगर, ऐसा क्यों हुआ, कोई नहीं जानता।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
07-06-2011, 10:23 PM | #145 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
इन चौहानों और भाटी क्षत्रियों के अधिकारों का ऐसा दृढ़ प्रमाण नहीं मिलता। जैसाकि उपरोक्त गुर्जर प्रतिहार (बड़ गुर्जर) के शासनाधिकार के समय का प्राप्त होता है। राजौरगढ़ के शिलालेख से पता चलता है कि सन् ९५९ में इस प्रदेश पर गुर्जर प्रतिहार वंशीय सावर के पुत्र मथनदेव का अधिकार था जो कन्नौज के भट्टारक राजा परमेश्वर क्षितिपाल देव के द्वितीय पुत्र श्री विजयपाल देव का सामन्त था। इसकी राजधानी राजपुर (वर्तमान राजोरगढ़) भी यहाँ उस समय का एक प्राचीन नीलकंठ शिव मंदिर अब भी विद्यमान है।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
08-06-2011, 01:28 PM | #146 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
दोस्तों इस रहस्य को आज तक कोई भी नही जान पाया की सबसे सख्त पत्थर ग्रेनाइट के चार 20 फीट लंबे स्तंभों पर ये संदेस लिखने वाला कोन है और किस मकसद से ये लिखे है
इंसान नहीं तो आखिर किसने लिखे संदेश जिऑर्जिया.अमेरिका के जिऑर्जिया में 1980 में एक स्मारक बना था। इस पर बहुत सी भाषाओं में मानवता के संदेश लिखे गए थे। इसे किसने बनवाया और संदेश का मकसद क्या था ये आज तक राज है। अमेरिका के जिऑर्जिया के एल्बर्ट काउंटी में ग्रेनाइट स्टोन से बना ये स्मारक है।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
08-06-2011, 01:28 PM | #147 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
ग्रेनाइट के चार 20 फीट ऊंचे स्लैब्स से ये स्मारक बना है। जमीन के ऊपर इसकी ऊंचाई 18 फीट है। साइड के चार पत्थरों पर आठ आधुनिक भाषाओं में संदेश लिखे हुए हैं। वहीं, इन चारों के ऊपर रखे छोटे पत्थर पर चार पुरातन भाषाओं में छोटे संदेश लिखे हैं।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज Last edited by The ROYAL "JAAT''; 08-06-2011 at 01:32 PM. |
08-06-2011, 01:50 PM | #148 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
ये भाषाएं हैं, बैबिलोनियन, क्लासिकल ग्रीक, संस्कृत और इजप्शियन हिएरोग्लाएफ्स। साइड के पत्थरों पर लिखी भाषाएं हैं, इंग्लिश, स्वाहिलि, हिब्रू, स्पेनिश, रशियन, अरबी, चाइनीज और हिंदी। ऊपर वाले पत्थर में एक छेद है, दोपहर में सूरज की किरण इसमें से निकलकर साइड के पत्थरों पर लिखी उस दिन की तारीख पर पड़ती है।
पास में जमीन पर एक और पत्थर लगाया गया है। इस पत्थर पर स्मारक बनाने का मकसद और उसके संदेशों को समझाया गया है। फिर भी इसे किसने और क्यों बनवाया ये पता नहीं चला है।1979 की बात है वहां की अल्बर्ट ग्रेनाइट
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
08-06-2011, 01:51 PM | #149 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
फिनिशिंग कंपनी से रिचर्ड सी क्रिशचन नामक व्यक्ति ने संपर्क किया था। वह मानवता का संदेश देने वाला एक प्रोजेक्ट बनवाना चाहता है।
कंपनी ने कहा कि वह इतना पैसा चुका सकता है या नहीं उन्हें इसका सबूत चाहिए। रिचर्ड उन्हें लेकर बैंक गया। वहां उसने बताया कि इसके पीछे कुछ लोगों का ग्रुप है जो अपना नाम सामने लाना नहीं चाहता। उसका असली नाम भी कुछ और है। वह बैंक से ट्रांजेक्शन करेगा, लेकिन बैंक को ट्रांजेक्शन के कागज नष्ट करने होंगे और उसकी पहचान कभी किसी को बताई नहीं जाएगी।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
08-06-2011, 01:52 PM | #150 |
Senior Member
Join Date: May 2011
Posts: 584
Rep Power: 22 |
Re: दुनिया की अद्भुत रहस्य,रोमांचक घटनाएँ
1980 में इसका काम शुरू हुआ। काम के साथ अफवाहों का दौर भी शुरू हुआ। लोग इस ग्रुप के बारे में कई तरह की बातें करने लगे। ये लोग कौन थे और दुनिया को इस संदेश से क्या समझाना चाहते हैं ये आज तक पता नहीं चल सका है।
दक्षिण पेरू के हायू मार्का पहाड़ों में एक विचित्र बनावट है अमारू मुरू। पूनो से 35 किलोमीटर दूर टिटिकाका झील के पास पहाड़ को एक विशाल दरवाजे का रूप दिया गया है। 1996 में इसके बारे में पता चला था। स्थानीय इंडियन लोग इसे गेट ऑफ गॉड्स (देवताओं का द्वार) या फिर गेट ऑफ हैवन (स्वर्ग का द्वार) कहते हैं।
__________________
'' हम हम हैं तो क्या हम हैं '' तुम तुम हो तो क्या तुम हो ' आपका दोस्त पंकज |
Bookmarks |
|
|